चिराग को बड़ा झटका, 27 नेताओं ने छोड़ा साथ
निचली जाति और दलित समुदाय को एक मंच पर लाने की कवायद के तहत रामविलास पासवान ने जिस लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया था, वह कुनबा दरकने लगा है। पार्टी के 27 नेताओं ने बगावती रूख अपनाते हुए एलजेपी छोड़ने का ऐलान किया है। इन नेताओं में दलित सेना के प्रदेश महासचिव सुभाष पासवान, पूर्व प्रदेश महासचिव रामनाथ रमण समेत कई दिग्गज नेता शामिल हैं। बताया जा रहा है कि ये नेता पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान की कार्यशैली से नाराज हैं। उन्होंने दावा किया कि कई और नेता भी पार्टी छोड़ सकते हैं।
जिन नेताओं ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है, उनमें श्रम प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कौशल किशोर सिंह कुशवाहा, प्रदेश सचिव ई. विजय कुमार सिंह भी शामिल हैं। इन सभी नेताओं ने एलजेपी के पूर्व प्रदेश महासचिव केशव सिंह का समर्थन किया है। उनके साथ मिलकर आगे की रणनीति बनाने में जुट गए हैं। एलजेपी छोड़ने वाले 27 नेताओं ने रविवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि चिराग पासवान के रवैये से वह खफा हैं। उनकी लगातार कोशिश थी कि पार्टी एनडीए के साथ गठबंधन में रहे, लेकिन चिराग पासवान ने स्व. रामविलास पासवान के सपने को चकनाचूर किया है।
बता दें कि यह अनायास उठाया गया कदम नहीं है। सुगबुगाहट तो विधानसभा चुनाव के ही समय से सुनी जा रही थी, लेकिन जानकार मानते हैं कि रामविलास पासवान की मौत के बाद भावनात्मक वोट की उम्मीदों ने उन्हें एक साथ बनाए रखा। बताते चलें कि बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान ने बिहार प्रदेश की तमाम जिला इकाई को भंग कर दिया था। और कहा था कि दो महीने के अंदर सभी नई कमेटियों का गठन किया जाएगा। कमिटी भंग होते हीं एलजेपी के प्रदेश महासचिव केशव सिंह ने चिराग पर आरोप लगाते हुए कहा कि चिराग पासवान संस्थापक रामविलास पासवान के बताये रास्ते से भटक गए हैं। वो लोजपा को प्रइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह चला रहे हैं।