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प्रोफेसर भर्ती घोटाला, बैंक लोन घोटाला और अब उम्र घोटाला, नीतीश सरकार के डिप्टी सीएम के उम्र का गड़बड़झाला

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प्रोफेसर भर्ती घोटाला, बैंक लोन घोटाला और अब उम्र घोटाला, नीतीश सरकार के डिप्टी सीएम के उम्र का गड़बड़झाला

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इस बार नीतीश सरकार के शपथ ग्रहण करते ही उनका मंत्रिमंडल विवादों के घेरे में आ गया। नीतीश कुमार के सत्ता पर काबिज हुए महज कुछ ही दिन हुए , और उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने शुरू हो गए। भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टोलरेंस की नीति के लिए मशहूर नीतीश कुमार के लिए सबसे बड़ा बैकफूट रहा, जेडीयू कोटे से शिक्षा मंत्री बने मेवालाल चौधरी से इस्तीफा लेना। मेवालाल चौधरी पर सबौर कृषि विश्वविद्यालय में प्रोफेसर भर्ती घोटाला करने का आरोप है। जिसके कारण उन्हें उस वक्त राज्यपाल ने पद से हटा दिया। और अब शिक्षा मंत्री के पद से उन्हें हटना पड़ा।

मगर विपक्ष मेवालाल पर ही नहीं रुका । उसका अगला निशाना बने जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष और मंत्री अशोक चौधरी । आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट करके मंत्री अशोक चौधरी पर तंज कसा । उन्होंने लिखा, ‘साहित्यिक चोरी के दोषी मुख्यमंत्री माननीय नीतीश जी के मुकुट मणि, JDU के कार्यकारी अध्यक्ष और मंत्री अशोक चौधरी की पत्नी पर बैंक से करोड़ों की धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप है, CBI जांच कर रही है, कोर्ट में केस है। इनकी निष्कपटता देखिए। कहते हैं बीवी का भ्रष्टाचार Not a big deal।’

और अब नीतीश सरकार के दामन में एक और विवाद जुड़ गया है। राज्य के नवनियुक्त उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद की उम्र को लेकर । दरअसल विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए नामांकन के समय दाखिल किए जाने वाले शपथ पत्र को आधार मानें तो राज्य के नवनियुक्त उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद की उम्र पिछले पांच साल में दोगुने से भी ज्यादा बढ़ गयी है। उनके द्वारा चुनाव के दौरान दिए गए शपथ पत्र के अनुसार पिछले पांच साल में उनकी उम्र में 12 साल की बढ़ोतरी हो गयी। तारकिशाेर प्रसाद ने विभिन्न चुनावों में उम्मीदवार बनने के दौरान अलग-अलग शपथ पत्र के माध्यम से उम्र की अलग-अलग जानकारी दी है। इसके कारण ही यह स्थिति सामने आई है। उन्होंने 2010 में शपथ पत्र के माध्यम से खुद के 49 वर्ष के होने की जानकारी दी थी। वहीं, वर्ष 2015 के विस चुनाव में इनकी उम्र में मात्र तीन साल की ही बढ़ोतरी हुई और ये 52 साल के हो गए। अब पांच साल बाद 2020 के बिहार विस चुनाव के समय उन्होंने जो शपथ पत्र दाखिल किया, उसके अनुसार इनकी उम्र बढ़कर 64 वर्ष हो गयी है। इस तरह 2015 और 2020 के बीच इनकी उम्र में 12 साल की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। वहीं, वर्ष 2005 के बाद बिहार विस का अगला चुनाव तो पांच साल बाद यानी 2010 में हुआ, लेकिन इस बीच श्री प्रसाद की उम्र में मात्र एक वर्ष की बढ़ोतरी हुई।

हालांकि इस बाबत में बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद का कहना है कि बिना मतलब के मेरी उम्र को तूल दिया जा रहा है। मेरा जन्म पांच जनवरी, 1956 को हुआ है। वर्ष 2015 के चुनावी शपथ पत्र में 59 वर्ष ही लिखा है, जिसे 52 पढ़ा जा रहा है। इस बार 2020 के शपथ पत्र में 64 वर्ष लिखा है।

वहीं विपक्ष को भी बैठे-बिठाए मुद्दा मिल गया है। आरजेडी ने ट्वीट कर उपमुख्यमंत्री पर अपनी उम्र में ही घोटाला एवं कमीशन के लिए ठेकेदारों को धमकाने का आरप लगाया है।

सोमवार से विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की शुरुआत होने जा रही है। ऐसे में विपक्ष ने नीतीश सरकार को भ्रष्टाचार सहित कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी कर ली है । और ऐसी संभावना है कि इस बार का सत्र भी हंगामेदार रहने वाला है ।

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