राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेंगे 17 विपक्षी दल
दिल्ली हिंसा की आग के बीच कांग्रेस समेत देश के 17 विपक्षी दलों ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के बहिष्कार का फैसला किया है। बजट सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है। इसी को लेकर कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने बताया कि 16 राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के बायकॉट का फैसला किया है।
इसे लेकर एक ज्वाइंट स्टेटमेंट भी जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि भारत के किसान तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, जिन्होंने कृषि के लिए एक खतरा पैदा कर दिया है, जबकि कृषि पर भारत की 60 प्रतिशत जनसंख्या निर्भर है। सर्दी, बारिश और कोहरे के बीच 64 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर किसान बैठे हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं। 155 किसानों ने अपनी जान गंवाई है। वहीं केंद्र सरकार इसका जवाब आंसू गैस के गोले, वाटरकैनन और लाठीचार्ज से दे रही है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।
राष्ट्रपति के अभिभाषण का बायकॉट कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, JKNC, SP, RJD, CPI (M), CPI, शिवसेना, अकाली दल, राष्ट्रवादी कांग्रेस, IUML, केरल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत कुल 16 पार्टियों ने बायकॉट किया। इस लिस्ट में बीएसपी शामिल नहीं है।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने बताया कि किसानों की मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार अहंकारी, अड़ियल और अलोकतांत्रिक बनी हुई है। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी कहा कि आम आदमी पार्टी महामहिम राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करेगी और हमारे लोकसभा के सांसद भगवंत मान और राज्य सभा के हम तीन सांसद कल राष्ट्रपति के अभिभाषण कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।