5 साल में 53 हजार CAPF जवानों ने नौकरी छोड़ी, 658 ने आत्महत्या की
बीते पांच सालों (2018 से 2022 तक) में 53, 336 सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) के जवानों ने नौकरी छोड़ दी है। इसमें 47,000 सैनिकों ने मर्जी से रिटायरमेंट लिया है। वहीं, 6,336 जवानों ने इस्तीफा दिया है। वहीं, 658 CAPF जवानों ने आत्महत्या कर ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में इसकी जानकारी दी।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि साल 2018 में 10,940 जवानों ने, 2019 में 10,323, 2020 में 7,690, 2021 में 12,003 और 12,380 जवानों ने नौकरी छोड़ दी। उन्होंने यह जानकारी कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर के लिखित सवाल के जवाब में दी। आंकड़ों के मुताबिक, सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 23,553 जवानों ने नौकरी छोड़ी, जिसमें 21,692 ने रिटायरमेंट लिया और 1861 ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के 13,640 जवानों ने नौकरी छोड़ दी। जिसमें 13,027 में अपनी मर्जी से रिटायरमेंट लिया और 613 ने इस्तीफा दे दिया। असम राइफल्स से 5,393 ने सर्विस छोड़ दी। 5,313 ने रिटायरमेंट लिया और 80 जवानों ने इस्तीफा दे दिया।
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के 5,151 जवानों ने नौकरी छोड़ी। CISF के 2,868 जवानों ने रिटायरमेंट लिया और 2,283 ने इस्तीफा दे दिया। आंकड़ों के मुताबिक, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) से 3,165 जवानों ने सर्विस छोड़ दी। इनमें से 2,354 वीआर लिया और 811 ने इस्तीफा दे दिया। जबकि सशस्त्र सीमा बल (SSB) के 2,434 जवानों ने सेवा छोड़ दी, इनमें 1,746 ने मर्जी से रिटायरमेंट लिया और 688 ने इस्तीफा दे दिया।
2022 में 11,211 CAPF जवानों ने रिटायरमेंट लिया और 1,169 ने इस्तीफा दे दिया। 2021 में 10,762 जवानों ने वीआर लिया और 1241 ने इस्तीफा दे दिया। 2020 में 6,891 जवानों ने मर्जी से रिटायरमेंट लिया और 799 ने सेवा से इस्तीफा दे दिया। 2019 में 8,908 जवानों ने वीआर लिया और 1,415 ने इस्तीफा दे दिया। 2018 में CAPF के 9,228 जवानों ने रिटायरमेंट ले लिया और 1,712 जवानों ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। पांच साल में सुसाइड करने वाले 658 जवानों में से CRPF के 230 जवान, BSF के 174, CISF के 91, SSB के 65, ITBP के 51 और असम राइफल्स के 47 जवान थे। आंकड़ों के मुताबिक, 2022 में 136, 2021 में 155, 2020 में 142, 2019 में 129 और 2018 में 96 जवानों ने सुसाइड की है।
नित्यानंद राय ने बताया कि स्थिति को देखते हुए सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स और असम राइफल्स के जवानों को पोस्टिंग और छुट्टी की प्रक्रिया को पारदर्शी किया गया है। जोखिम भरे क्षेत्र में पोस्टिंग के बाद उन्हें मनपसंद पोस्टिंग देने पर भी विचार किया जाता है। ड्यूटी के दौरान चोट लगने की वजह से अस्पताल में भर्ती होने पर जवानों को ड्यूटी पर ही माना जाता है।