12वीं के नंबर पर नहीं होगा सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कॉलेजों में दाखिला
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देश के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ग्रेजुएशन में दाखिला लेने के लिए अब 12वीं बोर्ड में प्राप्त अंकों का कोई मतलब नहीं रह जाएगा. हालांकि इसके लिए न्यूनतम अंकों की जरूरत पड़ेगी लेकिन, ज्यादा नंबर लाने वालों को दाखिले में मिल रही प्रथम वरीयता अब खत्म हो जाएगी क्योंकि यूजीसी अब सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए एक परीक्षा आयोजित कर रही है.
इस परीक्षा में पास होने वाले परीक्षार्थियों को ही डीयू, बीएचयू सहित अन्य केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ग्रेजुएशन में दाखिला मिलेगा. सोमवार को इस संबंध में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University grant commission-UGC) ने स्पष्ट कर दिया. यूजीसी ने बताया कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) में प्राप्त अंकों के आधार पर ही केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिला होगा. देश भर में जितने भी केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं, सबके लिए एक ही परीक्षा आयोजित की जाएगी.
यूजीसी ने कहा है कि 2022-23 सत्र से ही कॉमन एंट्रेंस टेस्ट लिया जाएगा. इस परीक्षा के आधार पर केंद्रीय विश्वविद्यालय और इससे अंगीभूत कॉलेजों में छात्रों को ग्रेजुएशन में एडमिशन मिलेगा. हालांकि केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अपने विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए बोर्ड परीक्षा में प्राप्त एक न्यूनतम प्रतिशत को अपनाने का अधिकार होगा. ऑडियो-विजुअल या परफॉर्मिंग आर्ट या एक्स्ट्रा करिकुलर और स्पोट्र्स कैटगरी में दाखिले के लिए यूनिवर्सिटी प्रैक्टिकल या ट्रायल को आधार बना सकती है.
इसी परीक्षा के आधार पर अपने संस्थानों में छात्रों को दाखिला दे सकता है. कंप्यूटर आधारित यह परीक्षा जुलाई के पहले सप्ताह में आयोजित की जाएगी और इसका सिलेबस सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुसार एनसीईआरटी पर आधारित होगा. 12वीं के नंबर को दाखिले में भार नहीं देने के फैसले पर यूजीसी के नवनियुक्त चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने बताया कि यह कोई नई चीज नहीं है. उन्होंने कहा कि आईआईटी अपने यहां दाखिले के लिए जेईई की परीक्षा पहले से ले रही है. इसमें विविधता आती है.
.Admission in Central University colleges will not be on 12th number