श्रीलंका के बाद अब पाकिस्तान की तरफ से भारत को घेरने की फिराक में चीन, बनाना चाहता है अपनी मिलिट्री चौकियां
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श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर चीन का 99 साल के लिए कब्जा हो चुका है. चीन से मिले महंगे कर्ज को चुका पाने में नाकाम रहने के बाद श्रीलंका को यह कदम उठाना पड़ा था. अब कल ही यानी 16 अगस्त 2022 को चीन का अत्याधुनिक जासूसी पोत एक हफ्ते के लिए हंबनटोटा पहुंचा है. यहां से वह भारतीय उपग्रहों और पनडुब्बियों की जासूसी कर सकता है.
श्रीलंका की तरफ से भारत को घेरने के बाद अब चीन, पाकिस्तान की तरफ से भी भारत को घेरने में लगा हुआ है. चीन, पाकिस्तान में अपने निवेश की सुरक्षा के नाम पर अपनी मिलिट्री पोस्ट बनाना चाहता है. ज्ञात हो कि चीन ने अपने बेहद महत्वकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के पास हिंसाग्रस्त क्षेत्र में भारी निवेश किया है. वरिष्ठ राजनयिक सूत्रों के अनुसार चीन अपने निवेश की सुरक्षा के नाम पर वहां अपने सैन्य बलों की तैनाती चाहता है, ताकि दोनों देशों के हितों की रक्षा हो सके.
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के माध्यम से चीन मध्य एशिया में अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है. इसी उद्देश्य से उसने इन दोनों देशों में रणनीतिक निवेश भी किया है. कुछ अनुमानों के अनुसार चीन ने पाकिस्तान में 60 अरब अमेरिकी डॉलर से ज्यादा का निवेश किया हुआ है. पाकिस्तान इस समय न सिर्फ वित्तीय तौर पर बल्कि सैन्य व राजनयिक समर्थन के लिए भी चीन पर निर्भर है.
पाकिस्तान में चीन ने इतना बड़ा निवेश किया हुआ है कि वह पाकिस्तानी सरकार पर अब वहां पर सैन्य चौकियां बनाने की अनुमति देने के लिए दबाव बनाने लगा है. भारी कर्ज के बोझ तले डूबा पाकिस्तान चीन की सशस्त्र कर्मियों की तैनाती को रोकने में असमर्थ नजर आता है. दूसरी ओर अफगानिस्तान है, जहां अब तालिबान का राज है. हालांकि, तालिबान के राज में भी अफगानिस्तान, चीन और पाकिस्तान की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाया है.
इस्लामाबाद में शीर्ष राजनयिक और सुरक्षा जानकार ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सैन्य चौकियां स्थापित करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही हैं. सैन्य चौकियां बनाने के पीछे चीन का तर्क है कि वह अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का सुचारू संचालन व विस्तार कर सके.
After Sri Lanka, now China is trying to encircle India from Pakistan’s side, wants to make its own military posts