Coronavirus vaccine के तीसरे चरण के परीक्षण की तैयारी में जुटा AIIMS
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देश में कोरोना के मामलों में पहले से कमी आयी है। हालांकि अभी तक वायरस का खतरा टला नहीं है। दुनियाभर में वैज्ञानिक इस वायरस की काट ढूंढ़ने के लिए वैक्सीन का निर्माण करने में जुटे हुए हैं। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) अगले सप्ताह की शुरुआत में भारत बायोटेक द्वारा तैयार की जा रही कोरोना वायरस वैक्सीन ‘कोवैक्सीन’ को संस्थान की ‘आचार समिति’ के सामने पेश कर सकता है, ताकि अस्पताल में तीसरे चरण का नैदानिक परीक्षण शुरू करने की अनुमति मिल सके।
भारत बायोटेक को पिछले सप्ताह ‘ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया’ से उसके द्वारा तैयार की गई कोविड-19 वैक्सीन के तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण की अनुमति मिली। भारत भर में परीक्षण आयोजित किए जाने वाले केंद्रों में से एक एम्स दिल्ली भी है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर), जो देश का बायोमेडिकल रिसर्च रेगुलेटर है, उसके द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार, ‘आचार समिति’ के लिए आवश्यक है कि वह नैदानिक अनुसंधान की देखरेख करे और परीक्षण शुरू करने की अनुमति देने से पहले किसी भी स्वीकृत स्थल पर प्रस्ताव की गहन समीक्षा करे।
एम्स की ‘आचार समिति’ में 15 सदस्य हैं और इससे आवश्यक मंजूरी मिलने में लगभग 10-14 दिन लगने की उम्मीद है। पहले और दूसरे चरण के परीक्षणों के लिए डॉ राय की टीम ने 30 जून को समिति को प्रस्ताव प्रस्तुत किया था और इसे 18 जुलाई को मंजूरी मिली थी।