DRDO का कमाल, पहले ही टेस्ट में पास हुई एंटी-शिप मिसाइल
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने एक और कामयाबी हासिल की है। डीआरडीओ ने पहली बार स्वदेश निर्मित नैवल एंटी शिप मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। यह अहम परीक्षण बुधवार सुबह आठ बजकर 50 मिनट पर ओडिशा के आईटीआर बालासोर में नौसेना के हेलिकॉप्टर सीकिंग 42बी से किया गया। इस परीक्षण को बेहद खास माना जा रहा है। यह टेस्ट बताता है कि उच्च मिसाइल तकनीक में भारत आत्म-निर्भर बन रहा है। साथ ही यह नौसेना की स्वदेशी हथियारों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
परीक्षण में मिसाइल ने अपने सभी निर्धारित लक्ष्यों को सफलता पूर्वक हासिल किया। यह नौसेना के लिए स्वदेश निर्मित पहला एंटी-शिप मिसाइल सिस्टम है जिसे हवा से दागा गया। हेलिकॉप्टर से छोड़े जाने के बाद मिसाइल सभी तय मानकों एवं मानदंडों पर सटीक उतरते हुए अपने निर्धारित लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदा। परीक्षण क्षेत्र में लगाए गए सेंसर्स ने मिसाइल के पथ की निगरानी की और उसकी सभी गतिविधियों को रिकॉर्ड किया। इस मिसाइल सिस्टम में अत्याधुनिक उपकरण लगे हैं। मिसाइल के सफल परीक्षण को डीआरडीओ एवं नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने देखा।
पहली बार में ही मिसाइल का परीक्षण सफल होने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, नौसेना एवं इस सिस्टम के निर्माण से जुड़े लोगों को बधाई दी है। रक्षा मंत्री ने कहा कि इस सफलता के बाद भारत मिसाइल सिस्टम की स्वदेशी डिजाइन एवं विकास करने की उच्च क्षमता हासिल कर चुका है। वहीं डीआरडीओ के चेयरमैन डॉक्टर जी सतीश रेड्डी ने प्रोजेक्ट टीम के प्रयासों की सराहना की है और मिसाइल के सफल परीक्षण पर डीआरडीओ को बधाई दी।
इससे पहले भारतीय वायु सेना ने गत गुरुवार को सुखोई 30 एमकेआई से ब्रह्मोस एयर लॉन्च मिसाइल के विस्तारित रेंज वर्जन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। विमान से प्रक्षेपण योजना के अनुसार था और मिसाइल ने बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में निर्दिष्ट लक्ष्य पर सीधा प्रहार किया।
Amazing of DRDO, anti-ship missile already passed in test