#arnabgoswami: पूछती है मुंबई पुलिस!
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#ArnabGoswami:आज पूछता नहीं है,कहता है भारत.. कि जो न्यूज चैनल हाथरस में पीड़िता को बदनाम कर रहा था, आरोपियों के पक्ष में मुहिम चला रहा था, वो चैनल सिर्फ दर्शकों को नहीं तमाम एडवर्टाइजर्स को भी धोखा दे रहा था।महज चंद महीनों में रिपब्लिक के हिन्दी और अंग्रेजी चैनल के नंबर वन बनाने की असली कहानी अब सामने आ गई है। गुरुवार को यानी जिस दिन TRP जारी होती है… मुंबई पुलिस के कमिश्नर ने प्रेस कान्फ्रेंस कर बताया कि ये चैनल दरअसल TRPखरीद रहा था।

#arnabgoswami:मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने क्या कहा?
TRP- television Rating Points खरीद रहे थे तीन टीवी चैनल्स
ये चैनल हैं फख्त मराठी, बॉक्स सिनेमा, रिपब्लिक टीवी
मुंबई पुलिस रिपब्लिक टीवी के प्रमोटर, डायरेक्टर से कर सकती है पूछताछ
रिपब्लिक के खातों की भी हो सकती है जांच
#arnabgoswami: कैसे होती थी TRP की धोखाधड़ी ?
BARC ने Hansa कंपनी को TRP बताने वाले बैरोमीटर लगाने का करार दिया
Hansa के कुछ कर्मचारियों ने ये खुफिया सूचना रिपब्लिक चैनल को दी
रिपब्लिक ने बहुत सारे परिवारों को हर महीने 500 रुपए देकर कहा कि वो अपने टीवी पर सिर्फ एक चैनल रिपब्लिक लगाकर रखें
पुलिस की तफ्तीश से पता चला कि मुंबई में कुछ अनपढ़ों के घर में जहां TRP मीटर लगे हुए थे, वहां हर वक्त अंग्रेजी चैनल रिपब्लिक टीवी देखा जाता था
इसी तरह TRP मीटर लगे कुछ बंद घरों में भी ये टीवी चैनल चलता पाया गया
#arnabgoswami:क्यों चल रहा था TRP का खेल?

देश भर में 20 करोड़ टीवी सेट हैं, लेकिन सिर्फ 44,000 घरों में TRP मीटर लगा है। इससे हासिल डाटा हर गुरुवार को जारी होता है। जिस चैनल को ज्यादा दर्शक देखते हैं, उन्हें एडवर्टाइजर्स ज्यादा रकम देते हैं। भारत में एड बाजार का 41.2% प्रिंट, 38.2% टीवी और11% डिजीटल के पास है।
चीन के बाद भारत एशिया में दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। इस साल मार्च से अब तक टीवी एड पर 262 अरब खर्च हुए हैं। 2014 से अब तक ये बाजार हर साल 10% की रफ्तार से बढ़ रहा है।
#arnabgoswami: पूछती है मुंबई पुलिस
अपने चैनल में महाराष्ट्र सरकार, शिवसेना और मुंबई पुलिस को अक्सर निशाने पर लेने वाले अर्नब अब मुश्किल में हैं। मुंबई पुलिस ने बार्क और हंसा से सबूत इकट्ठा कर गवाहों के बयान कोर्ट में दिलवाने के बाद इस केस में शामिल दो और चैनलों के मुखिया को गिरफ्तार करने के बाद प्रेस कान्फ्रेंस किया है।
ऐसा लग रहा है कि केंद्र सरकार में रसूख रखने वाले अर्नब को रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडीटर इन चीफ, प्रमोटर, रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के चेयरमैन और एआरजी आउटलेयर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर के तौर पर मुंबई पुलिस के सवालों का सामना करना ही पड़ेगा।
#arnabgoswami:रिपब्लिक टीवी का बयान

रिपब्लिक के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी ने बयान जारी किया है
“मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने रिपब्लिक टीवी के खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं, क्योंकि हमने सुशांत सिंह राजपूत केस में उनकी जांच पर सवाल उठाए थे। रिपब्लिक टीवी मुंबई पुलिस कमिश्नर के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस करेगा। पालघर केस हो, सुशांत मामला हो या फिर कोई और मामला…रिपब्लिक टीवी की रिपोर्टिंग के चलते ही यह कार्रवाई की गई है। BARC ने अपनी किसी भी रिपोर्ट में रिपब्लिक टीवी का जिक्र नहीं किया है, ऐसे में परमबीर सिंह का यह कदम पूरी तरह उन्हें एक्सपोज कर रहा है। उन्हें आधिकारिक तौर पर माफी मांगनी चाहिए। वे अदालत में हमारा सामना करने के लिए तैयार रहें।”
कुछ लोग कह सकते हैं कि महाराष्ट्र सरकार मुंबई पुलिस का बेजा इस्तेमाल अर्नब के खिलाफ कर रही है, लेकिन सच ये भी है कि सुशांत की मौत को कत्ल करार देने वाली राजनीतिक मुहिम में अर्नब शामिल थे …उनके रिपोर्टर्स ने रिया चक्रवर्ती को सजा सुनाए जाने से पहले गुनहगार करार दिया था….उन्हें आज के बेरहम प्रेस से किसी रियायत की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए।
अर्नब गोस्वामी को लेकर कई तरह के मीम्स भी ट्वीट हो रहे हैं –
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