आख़िर रिया का कसूर क्या है?
सुशांत (sushant singh rajput) केस में ड्रग्स के मामले को लेकर गिरफ्तार हुई रिया चक्रवर्ती (rhea chakraborty) की जमानत याचिका (bail plea) दूसरी बार भी खारिज हो गई। मंगलवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) ने रिया को गिरफ्तार किया था। सवाल ये है कि जब रिया के पास ना तो ड्रग्स (drugs) बरामद हुए, ना ही ड्रग्स का पैसा मिला, तो फिर ये नारकोटिक्स का मामला कैसे बन गया?… और सिर्फ ड्रग्स से जुड़े कुछ चैट के आधार पर उसकी गिरफ्तारी कैसे हुई? अगर दबाव में गिरफ्तारी हो भी गई, तो इस मामूली से केस में उसे ज़मानत क्यों नहीं मिली? मुंबई के सबसे कामयाब और महंगे वकीलों में शुमार रिया के वकील सतीश मानशिंदे उसे ज़मानत तक नहीं दिला पाये? ये कैसे संभव है? इसका जवाब आसान नहीं है, क्योंकि इसमें कई सारे पेंच हैं और कई अहम जानकारियां अभी आनी बाकी हैं।
Rhea को क्यों नहीं मिली ज़मानत?
सबसे पहले कोर्ट की बात…। जमानत के विरोध में सुनवाई के दौरान NCB ने जो दलीलें दी थी, उस पर गौर करें, रिया (rhea chakraborty) की जमानत खारिज होने की वजह समझ में आ जाएगी। कोर्ट में एजेंसी ने कहा –
- रिया चक्रवर्ती को उनके बॉयफ्रेंड सुशांत सिंह राजपूत के ड्रग्स इस्तेमाल की पूरी जानकारी थी और वो खुद भी ड्रग्स खरीदकर इसमें हिस्सा लेती थीं।
- रिया चक्रवर्ती ने अवैध ड्रग्स खरीद में अपने क्रेडिट कार्ड और पेमेंट के दूसरे माध्यमों का इस्तेमाल किया था।
- ‘रिया चक्रवर्ती ने जो ड्रग्स खरीदे, वो उनके निजी इस्तेमाल के लिए नहीं थे, बल्कि किसी और को सप्लाई करने के लिए थे, इसलिए उन पर NDPS (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act) की धारा 27A लागू होती है।
- रिया ने खुद ‘अपना अपराध कबूल’ किया है और पूछताछ में इसमें अपनी भागीदारी कबूल की है, ऐसे में कोर्ट में यह मान्य होना चाहिए।
- अगर आरोपियों को जमानत पर रिहा किया जाता है तो वे सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं और समाज में अपनी हैसियत और पैसों के दम पर मामले के प्रमुख गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं।
वैसे, गुरुवार को रिया (rhea chakraborty) ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि उनसे जबरदस्ती अपराध कबूल करवाने वाले बयान दिलवाए गए हैं। लेकिन अदालत को उनकी ये दलील नाकाफी लगी। जाहिर है, रिया के वकील के पास NCB की दलीलों का कोई जवाब नहीं था, और अगली बार वो जमानत की कोई ठोस वजह ढूंढने की कोशिश करेंगे।
यहां तक कैसे पहुंचा मामला?
सुशांत के परिवार ने सबसे पहले मौत को संदिग्ध मानते हुए मामले की सीबीआई जांच की मांग की और केन्द्र सरकार ने फौरन सीबीआई टीम भेज दी। उधर अपने FIR में सुशांत के पिता ने रिया चक्रवर्ती पर 15 करोड़ रुपये की हेराफेरी करने का भी आरोप लगाया था। लिहाजा, सीबीआई के अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जांच में शामिल हो गया।
प्रवर्तन निदेशालय को ही जांच के दौरान रिया चक्रवर्ती (rhea chakraborty), उसके भाई शौविक और सैमुअल मिरांडा आदि के वाट्सऐप ग्रुप चैट में ड्रग्स रैकेट का पता चला था। ड्रग्स कारोबार का पता चलने पर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने भी मामले की जांच शुरु कर दी। और अब इस मामले का फोकस पूरी तरह से ड्रग्स कारोबार की तरफ हो गया है।
अब तक क्या मिला?
यहां एक बात का ध्यान रखना होगा कि रिया (rhea chakraborty) की गिरफ्तारी का सुशांत सिंह की मौत से कोई लेना-देना नहीं है। क्योंकि सुशांत की मौत की छानबीन सीबीआई कर रही है और सीबीआई को सुशांत की मौत में रिया की किसी भी तरह की संलिप्तता के कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं। फिलहाल मामला ड्रग्स के कारोबार का है। और जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, मामला भी बढ़ता जा रहा है। इस मामले में एनसीबी (NCB) ने कुल 10 लोगों को गिरफ्तार किया है और किसी को जमानत नहीं मिली है। आईये एक नजर डालते हैं इस ड्रग्स के मामले में हुई गिरफ्तारियों पर –
करण अरोड़ा – इसकी गिरफ्तारी 28 अगस्त को हुई थी। करण के घर से बड और प्यूरीफाइड मारिजुआना (हशीश) बरामद किया गया था।
अब्बास लखानी – अब्बास के घर पर 27 अगस्त को छापा मारा गया था और उसके घर से भी मारिजुआना और बड सीज की गई थी।
कैजान इब्राहिम – जैसन उर्फ कैजान असल में एक ब्रोकर है और काफी वक्त से रिया के भाई शौविक के संपर्क में था। पूछताछ के दौरान ड्रग पैडलर बासित ने ही कैजान का जिक्र किया था और बताया था कि वो बासित, सूर्यदीप मल्होत्रा और बाकी डीलर्स के साथ लंबे समय से संपर्क में था। बता दें कि इस मामले में करन, अब्बास और कैजान जमानत मिल चुकी है।
अब्दुल बासित परिहार – 23 वर्षीय बासित को इस रैकेट का ड्रग्स डीलर बताया जा रहा है। बासित ने ही रिया के भाई शौविक को ड्रग्स सप्लायर जैद का नंबर दिया था। बासित… जैद के साथ मिलकर बड़े ड्रग माफियाओं से ड्रग लेकर आगे सप्लाई करता था। शौविक और बासित फुटबॉल क्लब में गेम्स के दौरान दोस्त बने थे और बासित कई बार शौविक के घर भी जा चुका था।
जैद विलात्रा – इस पूरे मामले में ये एक बड़ा नाम है। इसे एनसीबी ने 2 सितंबर को गिरफ्तार किया था। जैद के पास से नौ लाख रुपये से ज्यादा की नकदी और विदेशी मुद्रा मिली थी। इसी से पूछताछ में अब्दुल बासित परिहार के नाम का खुलासा हुआ था। जैद… बासित और सूर्यदीप के साथ संपर्क में था…और ये दोनों ही रिया के भाई शौविक के टच में थे।
गौरव आर्या – रिया चक्रवर्ती (rhea chakraborty) के साथ गौरव आर्या की चैट काफी चर्चा में रही थी। गौरव के साथ चैट में ही रिया ने ड्रग की मांग की थी। गौरव एक होटलियर है और उसकी रिया से मुलाकात साल 2017 में हुई थी।
शौविक चक्रवर्ती – NCB ने रिया के घर पर छापेमारी के दौरान शोविक चक्रवर्ती को हिरासत में ले लिया। पूछताछ के दौरान शोविक ने रिया और बाकी पैडलर्स के साथ चैट को सही माना उसके बाद ही NCB को आगे की लीड मिली।
सैमुअल मिरांडा – सुशांत के हाउस मैनेजर सैमुअल ही वो शख्स है, जिसने फोन करके सुशांत के कमरे का ताला तोड़ने वाले को बुलाया था। जिस दिन NCB ने शौविक को उठाया उसी दिन सैमुअल के घर पर भी छापा मारा और उनके घर से ड्रग्स जब्त की ।
NCB इस मामले में सुशांत के निजी कर्मचारी दीपेश सावंत और अनुज को भी गिरफ्तार कर चुकी है। इसके अलावा रिया (rhea chakraborty) के ड्रग्स चैट में शामिल जया साह, और श्रुति मोदी के खिलाफ भी सुबूत जुटा रही है।
क्यों है ये बड़ा मामला?
शुरुआती पूछताछ के बाद ही जांच एजेंसियों को मामले के बड़े होने का अंदेशा हो गया था। छोटे-मोटे ड्रग डीलर्स की गिरफ्तारी से कुछ बड़े डीलरों के नाम सामने आये हैं। फिलहाल जांच एजेंसियों के निशाने पर 25 ड्रग पेडलर और 15 सेलिब्रिटीज हैं। जिस तरह की हाई प्रोफाइल सोसाइटी में इनका धंधा चलता है, उससे इस कारोबार के अरबों में होने की आशंका है… इसलिए NCB अब बड़े खिलाड़ियों के पीछे लग गया है। ये वही लोग हैं जिन्होंने रिया के लिए सबसे महंगा वकील मुहैया कराया, 65 दिनों तक मुंबई पुलिस को जांच तक नहीं करने दिया और सरकार पर दबाव डालकर आरोपियों को बचाने की कोशिश करते रहे। इनके तार बॉलीवुड से लेकर दुबई तक फैले हैं।
इस गोरखधंधे में ड्रग्स के अलावा सेक्स रैकेट, नई कलाकारों का यौन शोषण, फिल्मों की फाइनेंसिंग और अपने साथियों का संरक्षण भी शामिल है। सूत्रों के मुताबिक ड्रग, सेक्स, फिल्म और मनी लॉन्ड्रिंग के इस गठजोड़ में कई नेता, डायरेक्टर और कलाकार शामिल हो सकते हैं। इसलिये रिया चक्रवर्ती (rhea chakraborty) को जमानत मिलना आसान नहीं है…क्योंकि ये सिर्फ अपने दोस्तों के साथ सुट्टा फूंकने भर का मामला नहीं है।
कार्रवाई पर सवाल
रिया (rhea chakraborty) के समर्थक दलील दे रहे हैं कि थोड़ा-बहुत गांजा या अपने इस्तेमाल के लिए ड्रग्स लेना कौन-सा बड़ा गुनाह है? अगर इसके आधार पर गिरफ्तारियां शुरु हुईं…तो सिर्फ मुंबई में ही लाखों नशेड़ी मिल जाएंगे। फिर रिया ही क्यों? लगभग ऐसी ही दलील कंगना के समर्थक भी दे रहे हैं। मुंबई में लाखों की संख्या में ऐसे फ्लैट और बिल्डिंगें हैं जिनमें नक्शे से इतर थोड़ा-बहुत कंस्ट्रक्शन या अवैध निर्माण किया गया है। ऐसे में बीएमसी ने सिर्फ कंगना के ऑफिस पर ही बुलडोजर क्यों चलाया?
लेकिन इस दलील से कानून से बचा नहीं जा सकता। जब तक अथॉरिटी की नजर ना पड़े….आप चोरी कर सकते हैं…बिना हेलमेट के घूम सकते हैं, अवैध निर्माण कर सकते हैं, गांजा पी सकते हैं…। लेकिन जो अधिकारियों के हत्थे चढ़ गया, उस पर तो कानून के तहत ही कार्रवाई होगी। ये और बात है कि दबाव या उत्साह में खुद अधिकारी कानून के दायरे से आगे निकल जाते हैं। लेकिन सच और झूठ के इस खेल में इतना तो तय है कि रिया (rhea chakraborty) एक प्यादा भर है…। जब इसे बचाने के लिए इतनी हाय-तौबा मची है…तो जरा सोचिए जब कानून के हाथ वजीर और इन मोहरों से खेलनेवाले खिलाड़ियों की गर्दन तक पहुंचेंगे….तब क्या होगा?