Bihar: भारत बंद, मगर किसान नदारद
Bihar: किसान बिल के विरोध में बिहार के कई शहरों में महागठबंधन ने भारत बंद को सफल बनाने के लिए सुबह से ही सड़कों पर डटे दिखे। इस राष्ट्रव्यापी बंद को बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के साथ कांग्रेस और वामदलों ने भी समर्थन किया। इसके अलावा रालोसपा और पप्पू यादव की पार्टी जाप ने भी किसान संगठनों के बंद को सही बताते हुए इसमें अपनी भागीदारी दिखाई। यदि कोई नदारद दिखा तो वो था किसान, जिसके हित के नाम पर भारत बंद का आह्वान किया गया था।
गया में भारत बंद के दौरान जन अधिकार पार्टी के नेता राजीव कुमार कन्हैया भैंसा गाड़ी पर चढ़े नजर आए। भैंसा गाड़ी पर चढ़कर वे कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार को कोस रहे थे। वहीं किसान बिल के विरोध में हुए भारत बंद के समर्थन में पप्पू यादव सड़क पर निकले. प्रदर्शन के दौरान किसान के लुक में हाथो में कुदाल लेकर पप्पू ने प्रदर्शन किया. पप्पू यादव ने किसान का बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह बिल किसानों को खत्म करने वाला है. आंदोलन में किसान आखिर सड़क पर क्यों नही सिर्फ नेता ही क्यों इस सवाल पर पप्पू यादव आड़े तिरछे जबाब देते नजर आए।
खेती में काम आने वाले बैलगाड़ी भी बनाद के दौरान खूब नजर आई। जिसमें किसानों की जगह भारत बंद के समर्थन में उतरे नेता और कार्यकर्ता सवारी करते दिखे। शिवहर में आरजेडी विधायक चेतन आनंद बैलगाड़ी पर सवार होकर निकले। वे पूर्व सांसद आनंद मोहन एवं लवली आनंद के बेटे हैं।
किसान बिल के विरोध में बुलाए गए बंद ने केला किसानों की कमर तोड़ दी। और करोड़ों का नुकसान कर दिया। दरअसल मुजफ्फरपुर के कृषि उत्पादन बाजार समिति में बड़ी केला मंडी है, जहां जिले के अलावे पूरे उत्तर बिहार से किसान अपना केला लेकर पहुंचते हैं। लग्न और शादी विवाह को देखते हुए मुजफ्फरपुर केला मंडी में करीब एक करोड़ का केला लेकर किसान और कारोबारी पहुंचे हुए हैं। लेकिन भारत बंदी की वजह से मुजफ्फरपुर की केला मंडी में कोई ग्राहक नहीं पहुंचे, इस वजह से केला किसान और विक्रेता काफी मायूस दिखे।
जिन किसानों के लिए ये बंद बुलाया गया, वो विरोध-प्रदर्शन से इतर अपने खेतों में काम करते नज़र आए। बिहार के किसानों से भारत बंद के बाबत सवाल पुचः गया तो उन्होंने जवाब दिया कि क्या होगा इस बंद में शामिल होकर।
आपको बताया दें कि भारत बंद के आह्वान के बावजूद राजधानी पटना की सब्जी मंडी खुली रहीं। और इन सब्जी मंडियों में किसानों ने खुद अपनी उपज भेजी। किसानों की उपज को लेकर मंडियों में पहुंचने वाले मजदूर भी इस बात से अनभिज्ञ हैं। उनका कहना है कि आज भारत कहां बंद है। उनका मतलब साफ है कि ना तो इस बंद से किसानों को कोई लेना है और ना ही उन मजदूरों को जिन की दुहाई देकर बंद का समर्थन विभिन्न राजनीतिक दलों ने किया है।