दूसरे चरण का मतदान: क्या रहा खास?
बिहार (Bihar) में दूसरे चरण का मतदान (2nd phase voting) भी संपन्न हो गया है। मंगलवार को 17 जिलों की 94 सीटों पर वोटिंग हुई और इसके साथ ही 1,463 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई। दो चरणों में अब तक बिहार की 243 में 165 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। तीसरे चरण में बाकी की 78 सीटों पर वोटिंग होगी। वैसे, पहले दो चरणों में हुए मतदान के आधार पर चुनाव के जुड़े कुछ खास नतीजे निकाले जा सकते हैं।
2nd phase voting में क्या रहा खास?
- मतदान के दोनों ही चरणों में बिहार के लोगों में कोरोना का खौफ नहीं दिखा और वोटर्स ने खुलकर मतदान किया।
- पहले चरण में 71 सीटों पर 55.9 % वोटिंग हुई थी, जबकि दूसरे चरण (2nd phase voting) में 94 सीटों पर 54.44 % वोटिंग हुई।
- आंकड़ों के मुताबिक, मुजफ्फरपुर में सबसे ज्यादा 59.98 प्रतिशत और पटना में सबसे कम 48.23 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
- मोटे तौर पर शहरी क्षेत्रों में मतदान का प्रतिशत कम रहा, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने पूरे उत्साह से अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
- अगर पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें, तो 2015 में पहले चरण पर 54.75 % और दूसरे चरण में 56.17 % वोटिंग हुई थी।
- एक-दो फीसदी के अंतर को नजरअंदाज करें, तो बिहार में इस बार भी पिछली बार जितनी ही वोटिंग हुई है।
- पहले चरण की 71 सीटों में से 24 सीटों पर पिछली बार के मुकाबले वोटिंग बढ़ी है जबकि दूसरे चरण की 94 सीटों से 38 सीटों पर वोटिंग (2nd phase voting) 2015 से ज्यादा रही है।
- अभी तक वोटिंग का जो ट्रेंड देखने को मिला है वो 2015 की तरह ही नजर आ रहा है, यानी औसतन 55 फीसदी।
- वोटिंग के पैटर्न को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि इस बार सत्ता पक्ष या विपक्ष को लेकर किसी तरह की कोई लहर नहीं है।
- 2015 के विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 71 सीटों में से एनडीए (बीजेपी + लोजपा + हम) को 14 सीटें मिली थी। इसमें बीजेपी को 13 और हम को 1 सीट मिली थी। वहीं, महागठबंधन को 53 सीटें (राजद-27, जेडीयू-18 और कांग्रेस-8) मिली थी।
- दूसरे चरण में महागठबंधन को 70 सीटें (राजद- 33, जेडीयू- 30 और कांग्रेस-7) और एनडीए को 22 सीटें (बीजेपी-20, लोजपा-2) मिली थीं।
- पिछली बार के पैटर्न को देखें तो पहले चरण में आरजेडी को और दूसरे चरण में बीजेपी और जेडीयू को ज्यादा सीटें मिली थीं। इस बार भी यही ट्रेंड दिखने की संभावना है।
- दूसरे चरण का मतदान (2nd phase voting) इसलिए भी अहम है क्योंकि इस चरण में सबसे ज्यादा 94 सीटों पर वोटिंग हुई है। वहीं इस चरण में सीएम नीतीश कुमार समेत उनके चार मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
- वहीं दूसरे चरण में ही महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव और उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव की भी किस्मत ईवीएम में बंद हो चुकी है।
अब अंतिम चरण का इंतजार
वैसे, दूसरे चरण का मतदान (2nd phase voting) खत्म होने के बाद सभी पार्टियां उत्साह में हैं और जीत के दावे कर रही हैं। महागठबंधन ने दूसरे चरण की 94 में से 65 सीटें जीतने का दावा किया है। वहीं बीजेपी ने 94 सीटों में लगभग सभी सीटें जीतने का दावा किया है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि एनडीए 2010 का इतिहास इस बार फिर से दोहरायेगा।
अब, इंतजार तीसरे चरण की वोटिंग का है। 7 नवंबर को अंतिम चरण के मतदान के बाद 10 नवंबर को मतों की गिनती होगी और राजनीति के खिलाड़ियों के साथ-साथ बिहार की लोगों की भी आकांक्षाओं और उम्मीदों का खुलासा होगा।