एकदिवसीय राजगीर दौरे पर Bihar के CM Nitish kumar..

सातवीं बार बिहार का मुख्यमंत्री बनने के बाद CM Nitish kumar..नालंदा जिले में किए जा रहे विकास कार्यों का निरीक्षण करने पहुंचे। जहां उन्होंने राजगीर स्थित मनोरम दृश्यों का आनद लिया। सबसे पहले उन्होंने फोर सीटर रोपवे का निरीक्षण किया । इस दौरान उन्होंने निर्माण एजेंसी को जनवरी महीने तक काम पूरा कर रोपवे को चालू करने का निर्देश दिया है।

इस मौके पर CM Nitish kumar ने कहा कि जाड़े के मौसम में यहां देश के अलावा विदेशी पर्यटक भी आते है । इसलिए जनवरी में यह चालू हो जाना चाहिए । इसके बाद CM Nitish kumar ने घोरा कटोरा पहुंचकर बैट्रिक चलित गाड़ी से झील का निरीक्षण किया । इसके बाद वेणु वन पहुंचकर पार्क निर्माण कार्य का जायजा लिया और अधिकारियों को कई दिशा निर्देश भी दिया ।

CM Nitish kumar ने कहा कि वेणु वन के विस्तारीकरण की योजना जल्द पूरी हो जाएगी । इसके बाद इसकी खूबसूरती में बढ़ोतरी हो जाएगी । जिससे पर्यटकों का आगमन बढ़ेगा। खासकर बच्चों को यह जंगल सफारी बहुत पसंद आएगा । दूसरे देश के धर्मावलंबियों के लिए पूजा करने हेतु वन के भीतर ही बड़े से तालाब का निर्माण कराया जा रहा है।

CM Nitish kumar वेणु वन कि खूबसूरती देख मोहित हो गए और वेणु वन के तालाब पहुंचकर बतख को अपने हाथों से दाना भी खिलाया ।इन सभी स्थानों का भ्रमण करने के बाद CM Nitish kumar राजकीय स्थित अतिथिशाला पहुंचे। जहां नालंदा के MP कौशलेन्द्र कुमार, विधायक श्रवण कुमार, कौशल किशोर, जितेंद्र कुमार एवं अन्य जन प्रतिनिधियों ने CM Nitish kumar का स्वागत किया।
वेणुवन के विस्तारीकरण की योजना
वेणु वन के विस्तार व सौंदर्यीकरण की थीम बुद्ध काल पर ही आधारित है। इसके लिए देश के अलग-अलग राज्यों से 40 प्रजाति के 6 हजार पौधे मंगवाए गए हैं। इनमें बुद्धा प्रजाति के नाम से विकसित बांस के पौधे आकर्षण का केन्द्र होंगे।
राजगीर में 29 करोड़ की लागत से 21.63 एकड़ क्षेत्र में भगवान बुद्ध के प्रिय प्रवास स्थल वेणु वन के विस्तारीकरण, जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण का कार्य अंतिम चरण में है। वेणु का अर्थ ही बांस होता है। बुद्धा बांस को विशेष रूप से लगाया जा रहा है। अभी तक 30 प्रजातियों के 5 हजार 3 सौ पौधे लगाए जा चुके हैं। विभिन्न प्रजाति के 7 सौ पौधे असम से मंगाए गए हैं। इन्हें वेणुवन विहार परिसर विस्तार के पार्ट तीन में रोपा जाएगा।
राजगीर का पर्यटन के क्षेत्र में महत्व
राजगीर में कुल 22 कुंड और 52 धाराएं मौजूद हैं, जो इस स्थान की खूबसूरती को कई गुणा बढ़ा देती हैं। राजगीर के 22 कुंडों में ब्रह्माकुंड, सप्तधारा, व्यास, अनंत, मार्कंडेय, गंगा-यमुना, काशी, सूर्य, चंद्रमा, सीता, राम-लक्ष्मण, गणेश, अहिल्या, नानक, मखदुम, सरस्वती, अग्निधारा, गोदावरी, वैतरणी, दुखहरनी, भरत और शालीग्राम कुंड शामिल हैं।राजगीर के सभी 22 कुंडों के पानी को पवित्र और औषधीय गुणों से युक्त माना जाता है। यहां आने वाले लोग इन कुंडों में स्नान करते हैं।
राजगीर के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में विश्व शांति स्तूप, सोन भंडार, जरासंध का अखाड़ा, बिंबिसार की जेल, नौलखा मंदिर, जापानी मंदिर, बाबा सिद्धनाथ मंदिर, जैन मंदिर, गृद्धकूट पर्वत, लाल मंदिर, घोड़ा कटोरा डैम, वेणुवन, सुरक्षा दीवार, जेठियन बुद्ध पथ, सप्तवर्णी गुफा आदि शामिल हैं।