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दूसरे चरण का मतदान, जानिए क्यों है अहम?

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दूसरे चरण का मतदान, जानिए क्यों है अहम?

Bihar election and 2nd phase of voting
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बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar election) के दूसरे चरण का मतदान (voting) 3 नवंबर को होना है। इस चरण में कुल 1463 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनें कई दिग्गज हैं, तो कई नये खिलाड़ी…कई दागी हैं, तो कई करोड़पति। इस चरण में हार-जीत से ये भी तय हो जाएगा कि बिहार की सत्ता किसको मिलेगी। इसलिए दूसरे चरण का मतदान (voting) कई मायनों में काफी अहमियत रखता है।

दांव पर करोड़पतियों का किस्मत

इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के अनुसार इस चरण के टॉप थ्री करोड़पति प्रत्याशियों में में कांग्रेस के दो और आरजेडी के एक प्रत्याशी मैदान में है। जिनमें वैशाली के कांग्रेस प्रत्याशी संजीव सिंह के पास सबसे ज्यादा 56 करोड़ की संपत्ति है। वहीं पार्टी के हिसाब से आरजेडी के 56 में से 46, जेडीयू के 43 में से 35, बीजेपी के 46 में से 39, कांग्रेस के 24 में से 20, एलजेपी के 52 में से 38 और बीएसपी के 33 में से 11 उम्मीदवार करोड़पति हैं। ये सभी ऐसे उम्मीदवार हैं, जिनकी घोषित संपत्ति 1 करोड़ से अधिक है। कांग्रेस के 24 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 10.25 करोड़, जेडीयू के 43 की 4.95 करोड़ आरजेडी के 56 की 4.82 करोड़ बीजेपी के 46 प्रत्याशियों की 3.44 करोड़ है। यानी बीजेपी की तुलना में कांग्रेस के उम्मीदवारों की औसत संपत्ति तीन गुना अधिक है।

हालांकि कुछ ऐसे उम्मीदवार भी हैं, जिन्होंने अपनी संपत्ति शून्य बताई है। ऐसे उम्मीदवारों मे बेलसंड सीट से निर्दलीय उम्मीदवार सुरेश बैठा, कुशेश्वर स्थान से राष्ट्रीय जन कल्याण पार्टी सेक्युलर के आनंद कुमार और फुलवारी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार अर्जुन पासवान हैं। 

दागी प्रत्याशियों की फेहरिस्त भी लंबी

एडीआर की रिपोर्ट की देखें तो सभी राजनीतिक दलों में दागी उम्मीदवारों की भरमार है। इनमें से 502 प्रत्याशियों यानी 34 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं, 27 प्रतिशत प्रत्याशी (कुल 389) गंभीर आपराधिक मामलों में नामजद हैं। पार्टी की बात करें तो आरजेडी में सबसे ज्यादा 64 प्रतिशत उम्मीदवार दागी हैं। बीजेपी के 46 में से 29 (63 %), कांग्रेस के 24 में 14 (58 %), एलजेपी के 52 में से 28 (54 %), बीएसपी के 33 में से 16 और जेडीयू के 43 में से 20 उम्मीदवार दागी हैं। इन सभी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।

प्रत्याशियों के घोषणा पत्र के मुताबिक, दूसरे चरण में मैदान में उतरने वालों में आरजेडी के 56 में 28 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। दूसरे नंबर पर एलजेपी है, जिसके 52 में से 24 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर क्रिमिनल केस दर्ज हैं। बीजेपी के 46 में से 20, बसपा के 33 में से 14, कांग्रेस के 24 में से 10 और जदयू के 43 में से 15 उम्मीदवार इस लिस्ट में शामिल हैं।

वहीं कुल 49 उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ महिला संबंधित आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। इनमें से 4 प्रत्याशियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 के तहत केस दर्ज होने की बात सामने आई है। बता दें कि दूसरे चरण में ताल ठोक रहे कुल 1463 उम्मीदवारों में 143 के खिलाफ आईपीसी की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हैं। 

बीजेपी और आरजेडी में मुख्य मुकाबला

इस सियासी घमासान में आंकड़ों पर नजर डालें तो दूसरे चरण की 94 सीटों में से 28 सीटों पर बीजेपी-आरजेडी के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। बीजेपी और कांग्रेस के बीच 12 सीटों पर सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा। जेडीयू की बात करें तो उसकी आरजेडी से 24 सीटों पर सीधी जंग नजर आ रही है। जेडीयू और कांग्रेस के बीच 12 सीटों पर आमने-सामने का संग्राम होगा। 5 सीटों पर मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी की आरजेडी से टक्कर देखने को मिलेगी।

कई दिग्गजों का होगा फैसला

इस चरण के चुनाव (Bihar election) में अहम सीट राघोपुर और हसनपुर सीट पर मतदान (voting) होना है, जहां से तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव चुनावी मैदान मे हैं। आरजेडी के प्रधान महासचिव आलोक कुमार मेहता उजियारपुर से प्रत्याशी हैं जबकि पूर्व सांसद युवा आरजेडी के अध्यक्ष शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल बिहपुर सीट से मैदान में हैं। पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद शिवहर सीट से चुनाव मैदान में हैं तो पूर्व सांसद रामा सिंह की पत्नी बीना सिंह वैशाली की महनार सीट से चुनावी भाग्य आजमा रही हैं। अभिनेता और पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के पुत्र लव सिन्हा का सियासी भविष्य भी इस चरण के मतदाता तय करेंगे।  इस बार बिहार चुनाव में पुष्पम प्रिया काफी चर्चा में रही हैं। जो बांकीपुर विधानसभा से कांग्रेस के लव सिन्हा और बीजेपी के नितिन नवीन खिलाफ खड़ी हैं।

voting में किसे होगा फायदा?

दूसरे चरण में जिन 94 सीटों पर मतदान (voting) होना है, उनमें से पिछले चुनाव में राजद के 33, जदयू के 30 और कांग्रेस के 7 विधायकों को जीत मिली थी। वहीं एनडीए को महज 22 सीटों से संतोष करना पड़ा था। लेकिन इस चुनाव (Bihar election) में परिस्थितियां बदल गई हैं। पिछले चुनाव में जदयू जहां राजद और कांग्रेस के साथ चुनाव मैदान में उतरी थी, वहीं एनडीए में भाजपा के साथ लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) और राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) थी। इस चुनाव में जदयू और बीजेपी साथ हैं, जबकि लोजपा अकेले तथा रोलासपा अलग गठबंधन के साथ है।

Story by: मंजुल मंजरी, पटना

Shailendra

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