Bihar.. फिर शुरू हुआ अपहरण (Kidnapping) का गंदा खेल
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बेगुसराय के स्वर्ण व्यवसायी का पुत्र अगवा, दिन-दहाड़े अपराधियों ने दिया घटना को अंजाम
जानकारी के अनुसार बारो बाजार निवासी स्वर्ण व्यवसायी मुकेश ठाकुर का बेटे मोहित कुमार जब आज सुबह क्रिकेट की प्रेक्टिस करने के लिए मैदान की ओर जा रहा था, उसी वक्त कार सवार अपराधियों ने उसका अपहरण कर लिया और बाद में मुकेश ठाकुर के मोबाइल पर कॉल कर एक करोड़ रुपये की फिरौती की मांग की है। बेगूसराय के एसपी अवकाश कुमार ने भी घटना की पुष्टि करते हुए अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी का दावा किया है ।
बिहार( Bihar) में एक बार फिर फिरौती के लिए अपहरण ( Kidnapping) का ग्राफ बढ़ता जा रहा है । ताज़ा उदाहरण बेगूसराय (Begusarai) का है, जहां आज दिन- दहाड़े अपराधियों ने एक स्वर्ण व्यवसायी के बेटे का अपहरण कर पुलिस को खुली चुनौती दे दी। और फिर उसकी wरिहाई के लिए एक करोड़ फिरौती की मांग की। घटना जिले के गरहारा थाना क्षेत्र के बारो बाजार की है।
बिहार में अपहरण की तह एक मात्र घटना नहीं है। इससे पहले भी नीतीश कार्यकाल में अपहरण जैसे घिनौने अपराध( crime) अपनी चरम पर है। नीतीश भले ही अपहरण जैसे क्राइम का उल्लेख कर लालू के कार्यकाल को जंगलराज की संज्ञा दें । मगर बिहार पुलिस के आंकड़े कुछ और ही सच्चाई बयां करते हैं।

ये लालू-राबड़ी राज के आखिरी पांच साल के अपहरण के आंकड़े हैं। अब देखिए नीतीश सरकार के 15 साल के आंकड़े.

इन आंकड़ों को आप देखेंगे तो पता चलेगा कि अपहरण के मामलों में नीतीशराज में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। हालांकि 2013 से बिहार पुलिस ने अपहरण को भी दो अलग वर्गों में बांट दिया। एक सामान्य अपहरण यानि शादी की नीयत जैसे कारणों से और दूसरा फिरौती के लिए। लेकिन 2001 से 2009 तक अपहरणों की एक ही कैटेगरी थी। इस लिहाज से सुशासन राज में भी अपहरण कांड थमे नहीं बल्कि बढ़ते ही गए।
अपहरण के बढ़ते मामले नीतीश कुमार के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। लॉ एण्ड ऑर्डर को दुरुस्त रखना और जनता के दिए जनादेश को बचाए रखना नीतीश के लिए एक बड़ी चुनौती है। और जिस तरह से अपराध बढ़ रहे हैं यदि अपराधियों पर एक्शन लेकर उनका मनोबल नहीं तोड़ा गया तो यह नीतीश के गले की फांस जरूर बन जाएगा ।