Bihar : जमीन खरीद-बिक्री में अब नक्शा जरूरी, जानें नया नियम
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बिहार सरकार जमीन खरीद बिक्री प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए अब जमीन के नाम के साथ नक्शे का भी दाखिल खारिज कराएगी. नीतीश सरकार के आदेश के बाद अब जमीन की बिक्री होने पर न सिर्फ रैयत के नाम में परिवर्तन होगा, बल्कि बिक्री के मुताबिक जमीन का नक्शा भी बदल जाएगा. इस तरह दस्तावेज के साथ ही नक्शे का भी दाखिल खारिज होगा. नए प्रावधान लागू होने के बाद बिहार अब दाखिल खारिज के साथ नक्शा देने वाला देश का पहला राज्य हो जाएगा।
दरअसल बिहार में जमीन खरीदने और बेचने को लेकर बहुत झगड़े होते हैं। गड़बड़ियों को खत्म करने के लिए सरकार ने कानून में कई बदलाव किए। अब दाखिल खारिज के नियम को भी बदला जा रहा है। सदन में राजस्व और भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि नए कानून से जमीन की खरीद-बिक्री में फर्जीवाड़ा पर रोक लगेगी। आपराधिक घटनाएं भी कम होंगी। दाखिल खारिज के समय दस्तावेज के साथ जमीन के उस हिस्से का नक्शा भी जुड़ जाएगा, जिसकी खरीद या बिक्री हुई है। उस पर जमीन के बदले स्वरूप की चौहद्दी भी दर्ज होगी।
मंत्री रामसूरत राय ने बताया कि इससे पहले जमीन के नक्शा का दाखिल खारिज नहीं होता था। जमीन के किसी बड़े प्लॉट का एक हिस्सा कोई भाई बेच देता था। खरीदार को पता ही नहीं चलता था कि उसके हिस्से की जमीन किधर है। कब्जा करते वक्त जानकारी मिलती थी कि उसके प्लॉट तक जाने का रास्ता ही नहीं है। नक्शे के साथ दाखिल खारिज से इस तरह के झगड़े नहीं होंगे।
सभी अंचल कार्यालय में सर्वे राजस्व नक्शा को साफ्टवेयर के जरिए डिजिटल फार्म में तैयार किया जाएगा। दाखिल खारिज की याचिका के साथ जमीन के हिस्से का नक्शा देना होगा। इससे रजिस्ट्री के समय ही साफ हो जाएगा कि किसी जमीन के किस हिस्से की बिक्री हुई है। दाखिल खारिज की याचिका की जांच राजस्व कर्मचारी करेंगे। उनकी सहमति से ही दाखिल खारिज की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
नक्शा बनाने के लिए जिला स्तर पर सिविल इंजीनियरों की एक टीम काम करेगी। टीम या पैनल तैयार करने की प्रक्रिया और इसमें शामिल इंजीनियरों की संख्या राज्य सरकार तय करेगी। शुल्क की वसूली रैयत से होगी। इंजीनियरों अथवा एजेंसियों को जमीन की मापी के लिए इटीएस (इलेक्ट्रिानिक टोटल स्टेशन) के अलावा लैपटाप रखना होगा। ये उपकरण विभाग की ओर से अनुमोदित होंगे। विधेयक पर अजित शर्मा, अख्तरूल ईमान, समीर कुमार महासेठ, ललित कुमार यादव, कुमार सर्वजीत, अजय कुमार सिंह एवं रणविजय साहू के कुल 13 संशोधन प्रस्तावों को विधानसभा ने ध्वनिमत से खारिज कर दिया।
Bihar: Map is now necessary in land purchase and sale, know the new rule