Bihar Politics: Sushil Modi ने राज्यसभा के लिए भरा नामांकन
Bihar Politics: NDA प्रत्याशी और पूर्व डिप्टी सीएम Sushil Modi ने आज राज्यसभा के लिए नामांकन भर दिया । यह सीट LJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रहे राम विलास पासवान के निधन के बाद खाली हुई है। पटना के प्रमंडलीय आयुक्त संजय अग्रवाल के समक्ष अपना Sushil Modi ने नामांकन पत्र दाखिल किया ।
केंद्र में बढ़ सकता है कद
Bihar Politics.. में तारकिशोर प्रसाद और रेनू देवी को डिप्टी सीएम बनाए जाने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि Sushil Modi को राज्यसभा भेजा सकता है। मोदी-2 सरकार में पासवान को खाद्य आपूर्ति मंत्री की जिम्मेदारी मिली थी। ऐसे में चर्चा है कि सुशील मोदी भी केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री बनाए जा सकते हैं। साथ ही महागठबंधन से अब तक कोई प्रत्याशी की घोषणा नहीं होने के कारण उनका इस सीट के लिए निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है। बता दें कि 3 दिसंबर तक राज्यसभा के लिए नामांकन की अंतिम तिथि है। 4 दिसंबर को पत्रों की समीक्षा होगी। 9 दिसंबर को नाम वापसी की तिथि निर्धारित है। 14 दिसंबर को चुनाव और मतगणना होगी।
नामांकन के दौरान नजर आई जय -वीरू की जोड़ी
Bihar Politics..में मशहूर जोड़ी जय -वीरू यानि CM Nitish Kumar और Sushil Modi नामांकन के दौरान एक साथ दिखे।साथ ही BJP के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के अलावा कई मंत्री, कई वरिष्ठ नेता एवं पार्टी पदाधिकारी भी मौजूद थे । बिहार में NDA के प्रमुख सहयोगी वीआईपी (VIP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मंत्री मुकेश सहनी भी मौजूद थे । नामांकन भरने के बाद सुशील मोदी सहित सभी NDA नेताओं ने victory sign भी दिखाया ।
5 जनवरी 1952 में जन्में मोदी छात्र संघ की सियासत से उपजे जेपी आंदोलन में काफी सक्रिय रहे।
एक दौर में Bihar Politics में छात्र राजनीति में लालू प्रसाद और Sushil Modi साथ हुआ करते थे। बाद में दोनों की राहें अलग हो गईं । आज उनकी पहचान लालू के प्रबल विरोधी की है।
छात्र संघ की राजनीतिक सफर
- 1962 : सिविल डिफेंस का कमांडेंट बनकर छात्रों में जागरूकता अभियान चलाया।
- 1968 : आरएसएस से जुड़े और आजीवन सदस्य बने।
- 1973 : पटना विवि छात्र संघ के महासचिव बने।
- 1974 : बिहार प्रदेश छात्र संघर्ष समिति के सदस्य बने।
- 1974 : जेपी आंदोलन में सक्रिय रहे और 19 महीने तक जेल में रहे।
- 1977 : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े।
- 1983 : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय स्तर पर महासचिव बने।
1990 से सक्रिय राजनीति में रहे मोदी ने एक दौर में जब आर्थिक परेशानी में थे, तब भी इसे राजनीति के प्रति अपने समर्पण की राह में बाधा नहीं बनने दिया। जीविकोपार्जन के लिए उन्होंने शिक्षण संस्थान भी चलाए।
एक नजर में मोदी का राजनीतिक सफर
- नवम्बर 1996 से 2004 तक बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे।
- वर्ष 2000 में सात दिनों की नीतीश सरकार में संसदीय मंत्री बने।
- नवंबर 2005 : बिहार के तीसरे उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
- जुलाई 2011 : जीएसटी मंत्रियों की सशक्त समिति के अध्यक्ष बने।
- जून 2013 : भाजपा के सरकार से अलग होने पर विप में नेता प्रतिपक्ष बने।
- जुलाई 2017 : नीतीश सरकार में फिर से बिहार के उपमुख्यमंत्री बने।