#bihar:नीतीश का ब्रहमास्त्र, जिसकी कोई काट विरोधियों के पास नहीं है ?
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15 साल तक बिहार (#bihar ) में नीतीश कुमार के शासन की सबसे बड़ी वजह क्या है ? ये है राज्य की महिलाएं…जिन्हें राज्य के किसी और नेता से ज्यादा सिर्फ नीतीश कुमार पर भरोसा रहा है। तीसरे दौर के चुनाव से पहले नीतीश ने यही ब्रह्मास्त्र चल दिया है।
कटिहार की रैली में ( 9 मिनट से) मुख्मंत्री नीतीश कुमार बोलने आए तो उन्होंने समाज में महिलाओं को हक दिलाने की बात की। ये इसलिए खास है क्योंकि दूसरे दौर के चुनाव के बाद चुनाव आयोग से जारी रपट में कहा गया कि इस दौर मे कोरोना संकट के बीच महिलाओं का वोट प्रतिशत 58.80% रहा जो पुरुषों के 52.92% से करीब छह प्रतिशत ज्यादा रहा। अगर आप सीट दर सीट दौर करें तो पता चलता है कि दूसरे दौर की 94 सीटों में से 74 सीटों पर महिला वोटरों की तादाद पुरुष वोटरों से ज्यादा रही।
बिहार एसेंबली चुनाव 2020
पार्टी | कुल कैंडिडेट | महिला कैंडिडेट |
JDU | 115 | 22 |
LJP | 143 | 18 |
RJD | 144 | 16 |
BJP | 110 | 13 |
INC | 70 | 07 |
CPI(ML) | 19 | 01 |
बिहार चुनाव में महिलाओं की हिस्सेदारी जरूर कम है, लेकिन भागीदारी नहीं। फिर भी गौर करने वाली बात ये है कि सबसे ज्यादा उम्मीदवारों की फेहरिस्त में तीसरे नंबर की पार्टी जेडीयू ने सबसे ज्यादा 22 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है।
बिहार एसेंबली चुनाव | महिलाओं का वोट प्रतिशत |
2005 फरवरी | 42.51% (पुरुष-49.94% ) |
2005 अक्टूबर | 44% |
2010 | 54.48% (पुरुष-51.12%.) |
2015 | 60.48% (पुरुष-53.32% ) |
नीतीश कुमार के सीएम बनने के बाद राज्य में महिलाओं के वोट प्रतिशत में जबरदस्त इजाफा हुआ है।
नीतीश कुमार के वो 8 काम जो उन्हें बनाते हैं बिहार में महिलाओं का फेवरिट सीएम
- मनरेगा में महिला कामगारों का औसत जो 2013 में 35% था, चार साल बाद 2017 में 46.6 % हो गया।
- वर्ल्ड बैंक के कर्ज से महिलाओं को आजीविका दिलाने का कार्यक्रम JEEVIKA काफी लोकप्रिय हुआ।
- 12वीं क्लास की अविवाहित लड़कियों के लिए भत्ते में दोगुना इजाफा
- 2016 में शराबबंदी के बाद महिलाओं के प्रति अपराध में कमी दर्ज की गई।
- 2006 में पंचायत में महिलाओं के लिए 50 फीसदी रिजर्वेशन
- 2007 में में महिलाओं के लिए शहरी निकायों में 50% रिजर्वेशन, देश के किसी दूसरे राज्य में ये 33%से ज्यादा नहीं है
- बिहार सरकार की नौकरी में महिलाओं के लिए 35%रिजर्वेशन
- स्कूल जाने वाली लड़कियों के लिए 2006 में मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना
बीते तीन चुनावों में महिला वोटर नीतीश की सबसे बड़ी ताकत रहा है और इस बार के चुनाव में उनकी सबसे बड़ी उम्मीद।