RTI से खुलासा – थाना बिसरख चोरी की वारदातें सुलझाने में बहुत पीछे
कुछ ही दिन पहले एक RTI से खुलासा हुआ था कि गौतमबुद्ध नगर में 2020 में कमिश्नरेट बनने के बाद बिसरख कोतवाली क्षेत्र में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बड़े ही जोर-शोर से लागु किया गया बीट प्रणाली सिस्टम अब दम तोड़ रहा है। RTI के जवाब में चौंकाने वाले तथ्य सामने निकल कर आये थे। 2020 में बीट प्रणाली सिस्टम लागु करते समय दावा किया गया था कि बिसरख कोतवाली क्षेत्र में 100 बीट अधिकारी की नियुक्त किये जाएँगे, वहीं RTI के जवाब के मुताबिक 100 के बदले मात्र 47 बीट अधिकारी ही नियुक्त किये गए थे, जिनकी संख्या 2023 में घट कर मात्र 25 रह गयी है।
हाल में ही मिले एक और RTI के जवाब से बिसरख कोतवाली में दर्ज मुकदमों और उनके निस्तारण के बारे में खुलासा हुआ है। सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट के मध्य (सेन्ट्रल) जोन के बिसरख कोतवाली के सम्बन्ध में 01-जनवरी-2022 से 31-दिसंबर-2022 के समयसीमा में निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर सूचना माँगी गयी थी।
- धारा 380 के तहत दर्ज कुल मुकदमों का विवरण एवँ दर्ज मुकदमों पर कार्यवाई कर सुलझाए गए कुल मुकदमों का विवरण
- धारा 379 के तहत दर्ज कुल मुकदमों का विवरण एवँ दर्ज मुकदमों पर कार्यवाई कर सुलझाए गए कुल मुकदमों का विवरण
- धारा 392 के तहत दर्ज कुल मुकदमों का विवरण एवँ दर्ज मुकदमों पर कार्यवाई कर सुलझाए गए कुल मुकदमों का विवरण
RTI के जवाब में फिर से चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। RTI के जवाब में बताया गया कि
- धारा 380 के तहत कुल पंजीकृत अभियोग – 11 / सफल निस्तारण – 01 अभियोग
- धारा 379 के तहत कुल पंजीकृत अभियोग – 249 / सफल निस्तारण – 15 अभियोग
- धारा 392 के तहत कुल पंजीकृत अभियोग – 05 / सफल निस्तारण – 04 अभियोग
इन आंकड़ों पर गौर करें तो जनवरी 2022 से दिसंबर 2022 के दौरान धारा 392 यानि लूट की घटनाओं में कुल 05 अभियोग दर्ज हुए जिनमे से 04 अभियोगों का सफल निस्तारण करने में बिसरख पुलिस को कामयाबी मिली। वहीं धारा 380 यानि मकान या दुकान से चोरी के मामले में 11 अभियोग दर्ज हुए जिनमे से मात्र 01 अभियोग का सफल निस्तारण हुआ। और धारा 379 यानि चोरी के मामले में सर्वाधिक 249 अभियोग दर्ज हुए जिनमे से मात्र 15 अभियोग का सफल निस्तारण हुआ।
नेफोवा के वरिष्ठ उपध्यक्ष मनीष कुमार ने बताया कि ताजा आंकड़ों के मुताबिक बिसरख पुलिस चोरी के घटनाओं के अनावरण करने में काफी पीछे है जिसके मुख्य कारण बीट पुलिसिंग यानि पैट्रोलिंग में कमी और क्षेत्र में जरूरत के मुताबिक CCTV कैमरे का ना होना है।