उपराष्ट्रपति के नाम पर भी चौंका सकती है भाजपा
नई दिल्ली – भाजपा नेतृत्व अपने राजनीतिक फैसले से हमेशा चौकाता रहता हैं, ऐसा ही कुछ राष्ट्रपति चुनाव में हुआ था जब पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मूर्मु का नाम का ऐलान किया था। उपराष्ट्रपति चुनाव का भी एलान हो चुका है। इसके लिए पांच जुलाई को नोटिफिकेशन जारी होगा। 19 जुलाई को नामांकन की आखिरी तिथि तय की गई है और छह अगस्त को वोटिंग होगी।
सूत्र से मिली जानकारी के मुताबिक, यह तो साफ है कि उपराष्ट्रपति का उम्मीदवार उत्तर, पश्चिम या पूर्वोत्तर भारत के किसी राज्य से होगा। इन राज्यों के अलग-अलग नामों पर मंथन चल रहा है। देश के इतिहास में आज तक कोई महिला उपराष्ट्रपति नहीं रही हैं। संभव है कि इस बार इतिहास बनाया जाए। द्रौपदी मुर्मू के रूप में महिला और देश को पहली आदिवासी राष्ट्रपति मिलें। वहीं, उपराष्ट्रपति की कुर्सी भी किसी महिला को ही दे दी जाए। अगर ऐसा होता है तो ये एक नया रिकॉर्ड होगा। पहली बार ऐसा होगा जब देश में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों ही महिला होंगी।
जानें क्या जिम्मेदारियां होती हैं उपराष्ट्रपति के पास –
यूं तो उपराष्ट्रपति की संवैधानिक जिम्मेदारियां बहुत सीमित हैं लेकिन राज्यसभा के सभापति के तौर पर भूमिका काफी अहम हो जाती है। इसके अलावा उनकी जिम्मेदारी तब और अहम हो जाती है, जब राष्ट्रपति का पद किसी वजह से खाली हो जाए। ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति की जिम्मेदारी भी उपराष्ट्रपति को ही निभानी पड़ती है क्योंकि राष्ट्रप्रमुख के पद को खाली नहीं रखा जा सकता। देश के प्रोटोकॉल के हिसाब से भी राष्ट्रपति सबसे ऊपर होता है। इसके बाद उपराष्ट्रपति और फिर प्रधानमंत्री।
BJP can surprise even in the name of Vice President