हमने तो सीख लिया, लेकिन क्या सरकार कर सकती है सोशल डिस्टेन्सिंग ?

भूख से लाचार और पीने को बेकरार लोगों के अलावा देश की बाकी जनता ने कमोबेश सोशल डिस्टेन्सिंग के साथ जीना सीख लिया है। लेकिन क्या सरकार इसकी चुनौतियों के लिए तैयार है?
पहली चुनौती जेल की
दुनिया में कोई भी जेल सोशल डिस्टेन्सिंग के लिए नहीं बनी। हमारे देश में ज्यादातर जेलों में क्षमता से दोगुने कैदी रहते हैं। आर्थर रोड जेल में 2मई को एक कैदी को कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद जांच हुई तो 103 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। क्या यहां कोरोना के और मरीज हो सकते हैं …इसे इस तरह समझिए कि यहां 800 कैदियों की जगह है, 2800 कैदी रह रहे हैं और कुल 270 लोगों की जांच हुई है।
ये तब हुआ, जबकि 16मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी ओर से संज्ञान लेते हुए आदेश दिया था …
कोरोना के खतरे के मद्देनजर एक हफ्ते के अंदर उन सभी कैदियों को छोड़ दिया जाए जिनके ऊपर ज्यादा संगीन मामले दर्ज नहीं हैं।
सरकार को बड़ी तादाद में कैदी जमानत पर रिहा करने थे, बहुत कम लोगों को जमानत मिली, वहीं महीने भर में 96,231 नए मामले दर्ज हो गए। सिर्फ पुलिसकर्मियों पर हमले के मामलों में अब तक 683 लोग कैद किए जा चुके हैं।
बात अकेले महाराष्ट्र या मुंबई की नहीं है। 21 मार्च को कोलकाता के दमदम सेंट्रल जेल में कैदियों ने दंगा कर दिया..वजह… कोर्ट बंद हैं, जमानत नहीं मिल रही, मुलाकातियों को मिलने नहीं दिया जा रहा ।
क्यों जेल बन रहे हैं कोरोना हॉटस्पॉट ?
कम जगह में ज्यादा कैदी सोते हैं
टॉयलेट, बाथरूम, डायनिंग रूम शेयर्ड है
साफ-सफाई की कमी
15 मार्च को WHO ने जेलों में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए गाइडलाइन जारी की। जाहिर है ज्यादा देशों को इसे अमल में लाने की कोई दिलचस्पी नहीं है।
दूसरी चुनौती समंदर में नौसेना की
जिस तरह किसी जेल को सोशल डिस्टेन्सिंग के लिए नहीं बनाया गया उसी तरह नौसेना के फ्रीगेट, डेस्ट्रॉयर या पनडुब्बियों की डिजायनिंग के वक्त अहम मुद्दा रहता आया है—कैसे कम जगह में ज्यादा से ज्यादा हथियार और गोला-बारुद ले जाया जा सके।
ये समंदर में तैरते अस्पताल नहीं हैं जिनमें बड़ी तादाद में डॉक्टर और नर्स आपको मिलेंगे, यहां जांबाज नौसैनिकों के लिए जगह है, जो बेहद फुर्ती से किसी अभियान को अंजाम देते हैं और फिर ट्रेन की बोगी सी जगह में एक हाथ की दूरी पर तीन फीट चौडे बिस्तर पर अपनी शिफ्ट के हिसाब से नींद पूरी करते हैं।
इसलिए जब INS Angre पर 21 लोगों के संक्रमण की बात सामने आई, तो सरकार सन्नाटे में आ गई। इसी तरह अमेरिका के जंगी जहाज USS Theodore Roosevelt में 500 से ज्यादा नौसैनिकों के संक्रमण का मामला सुर्खियों में रहा है। इसके पहले फ्रांस के एयरक्राफ्ट कैरियर Charles de Gaulle पर 668 नौसैनिक संक्रमित पाए गए थे।
रुजवेल्ट को लेकर न्यूयार्क टाइम्स की तफ्तीश से पता चला कि –
जहाज पर संक्रमण के फैलने की रफ्तार इतनी तेज थी कि एक दो के संक्रमण का पता चलने के बाद नेवी के आला अफसरों के फैसला लेने में चंद रोज की देरी से फौरन संक्रमितों का आंकड़ा पांच सौ के पार चला गया।
तो सवाल वही है कि जनता को लाठियों से सोशल डिस्टेन्सिंग के लिए हांकने वाली सरकार क्या खुद कर सकती है सोशल डिस्टेन्सिंग ?
शायद जनता के मुकाबले ये चुनौती सरकार के लिए कहीं ज्यादा मुश्किल है।