आनेवाला है भयंकर तूफान…अम्फान!
कोरोना के वक्त में एक और प्राकृतिक आपदा देश के दरवाजे पर खड़ी है। अगले कुछ घंटों में सुपर साइक्लोनिक तूफान ‘अम्फान’ के भारतीय तटों पर पहुंचने का अनुमान है। मौसम विज्ञान विभाग के सूत्रों के मुताबिक इस चक्रवात के अगले छह घंटे में भयंकर तूफान में बदलने की आशंका है, जिसके बाद अगले 12 घंटे में ये और भयंकर रूप ले सकता है। एनडीआरएफ के महानिदेशक के मुताबिक ‘अम्फान’ अत्यधिक प्रचंड चक्रवातीय तूफान है, जो तट पर आने के दौरान ‘महाचक्रवात’ से महज एक श्रेणी नीचे (केटेगरी 4) होगा। 1999 के बाद दूसरी बार ‘महाचक्रवात’ श्रेणी का ऐसा तूफान ओडिशा के तट से टकराने वाला है। सरकार भी इसे काफी गंभीरता से ले रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस तूफान से सबकी सुरक्षा की प्रार्थना की और आश्वासन दिया कि केंद्र की ओर से हर संभावित मदद दी जाएगी। उन्होंने राहत और बचाव की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक भी की है।
कितना खतरनाक है अम्फान?
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक के मुताबिक चक्रवाती तूफान अम्फान बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा सकता है। ये 20 मई को पश्चिम बंगाल के दीघा द्वीप तथा बांग्लादेश के हतिया द्वीपसमूह के बीच दस्तक दे सकता है। इस दौरान हवाओं की रफ्तार 165 से 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रह सकती है, जो 195 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। सोमवार को बंगाल की खाड़ी में उठा ये चक्रवात ‘अम्फान’ अब महाचक्रवात में तब्दील हो चुका है और बुधवार को इसके पहुंचने के बाद पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में व्यापक नुकसान हो सकता है। इसकी तुलना 1999 के महाचक्रवात से की जा रही है, जो बेहद जानलेवा था। अनुमान है कि तट पर आने के दौरान इसका प्रभाव भी ‘फोनी’ चक्रवात जैसा होगा। आपको बता दें कि मई 2019 में आए फोनी से ओडिशा और आंध्रप्रदेश के तटवर्ती क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए थे।
कहां मच सकती है तबाही?
आधिकारिक बयान के मुताबिक चक्रवात से पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में व्यापक नुकसान होने की आशंका है। इन इलाकों में भारी से अत्यंत भारी बारिश होने का एलर्ट जारी किया गया है। खास तौर पर पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण और उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता में तूफान का ज्यादा असर दिख सकता है।
ओडिशा में चक्रवाती तूफान का प्रभाव जगतसिंहपुर, केन्द्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर जिलों समेत उत्तरी ओडिशा के तटीय जिलों पर पड़ेगा। वहीं बिहार के अररिया, मधेपुरा, किशनगंज, सहरसा, पूर्णिया के साथ ही बक्सर, भोजपुर, रोहतास, औरगांबाद सहित कई जिलों में मध्य और तेज बारिश के आसार हैं।
किस तरह का हो सकता है नुकसान?
आईएमडी के पूर्वानुमान के अनुसार, कच्चे मकान, मकानों की कच्ची छतों , नारियल के पेड़ों, टेलीफोन और बिजली के खंभों को गंभीर क्षति पहुंच सकती है। इससे जानमाल की क्षति होने की भी आशंका है इसलिए राज्य सरकारों को भी उसी के अनुरुप तैयारी करने को कहा गया है। तूफान की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बांग्लादेश की सरकार ने सोमवार को करीब 20 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का आदेश दे दिया।
कितनी है तैयारी?
एनडीआरएफ ने ओडिशा और बंगाल में कुल 53 टीमें तैनात की है, इनमें से कुछ को स्टैंडबाई (तैयार) पर भी रखा गया है। इनमें से पश्चिम बंगाल में 19 टीमें तैनात हैं जबकि 4 स्टैंडबाई पर हैं, वहीं ओडिशा में 13 टीमें तैनात हैं और 17 स्टैंडबाई पर हैं। आपको बता दें कि एनडीआरएफ की एक टीम में करीब 45 कर्मी होते हैं। इनके अलावा देश में विभिन्न स्थानों पर एनडीआरएफ की छह बटालियन को ‘हॉट स्टैंडबाई’ (पूरी तरह से तैयार) पर रखा गया है, ताकि जरुरत पड़ने पर उन्हें मदद के लिए बुलाया जा सके। इन्हें जरुरत पड़ने पर भारतीय वायुसेना की मदद से जरुरत की जगह पर पहुंचाया जाएगा।