एक साथ 50,000 लोगों को मिलेगी नौकरी! बंपर वैकेंसी को लेकर केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान

सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के तहत डेल, एचपी, फॉक्सकॉन और लेनोवो (Dell, HP, Foxconn, Lenovo) समेत 27 कंपनियों को मंजूरी देने का ऐलान किया है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना मंत्री अश्विनी वैष्णव (Electronics and Information Minister Ashwini Vaishnav) ने इसकी जानकारी दी है. यह मंजूरी ऐसे समय में आई है जब सरकार अपनी नीतियों और प्रोत्साहनों से आईटी हार्डवेयर कंपनियों को लुभा रही है. वहीं केंद्र सरकार देश में मैन्युफैक्चरिंग स्थापित करने की कोशिश कर रही है. अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 23 कंपनियां तुरंत विनिर्माण कार्य शुरू करने के लिए तैयार हैं, जबकि चार कंपनियां अगले 90 दिनों में काम शुरू कर देंगी. सरकार के इस कदम से विनिर्माण क्षेत्र में 3000 करोड़ रुपये का निवेश आने की उम्मीद है, जबकि 50 हजार लोगों को प्रत्यक्ष और 1.5 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद है.
डेल, एचपी, फॉक्सकॉन और लेनोवो समेत कुल 40 कंपनियों ने सरकारी योजना का लाभ उठाने के लिए पीएलआई योजना के लिए आवेदन किया था. योजना के तहत रु. 4.65 लाख करोड़ में पर्सनल कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट, सर्वर और विविध उत्पादों का विनिर्माण शामिल है. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जिन कंपनियों को अभी तक आईटी हार्डवेयर पीएलआई योजना के तहत मंजूरी नहीं मिली है, उनका मूल्यांकन किया जा रहा है. उम्मीद है कि जल्द ही इन कंपनियों को भी इस योजना के तहत शामिल कर लिया जाएगा.
योजना के तहत लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पीसी, सर्वर और अल्ट्रा-स्मॉल फॉर्म फैक्टर डिवाइस के स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देना है. इस योजना के तहत प्रोत्साहन राशि 5 फीसदी तक बढ़ जाती है. पीएलआई योजना मेमोरी चिप्स, सॉलिड-स्टेट ड्राइव, चेसिस, बिजली आपूर्ति जैसी चीजों के विनिर्माण को भी बढ़ावा देगी। इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर खुद को स्थापित करना है.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार, उद्योग को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में इलेक्ट्रॉनिक्स पर राष्ट्रीय नीति 2019 का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण के लिए भारत को वैश्विक स्तर पर स्थापित करना और सुधार करना है.