Chamoli Glacier Burst : अब तक 10 की मौत, 170 लापता
उत्तराखंड में रविवार की सुबह काल बनकर आई। राज्य के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के चलते देखते ही देखते कई मकान तबाह हो गए और कई जिंदगियां काल के गाल में समा गईं। सुबह 10 से 11 बजे के दौरान हुई इस घटना में कई लोग लापता हैं। बचाव के लिए सेना, आईटीबीपी, एयरफोर्स और कई अन्य दल जुटे हुए हैं। रात बीतने के बाद अब बचाव कार्य फिर से शुरू कर दिया गया है।
ग्लेशियर टूटने से मची तबाही में अबतक 10 शव बरामद हुए हैं। हालांकि कई लोगों के अभी भी मलबे में दबे होने की आशंका है। इस तबाही के बाद से करीब 170 लोग लापता हैं। इस हादसे में तपोवन का पावर प्रोजेक्ट तबाह हो गया है। कल आईटीबीपी ने टनल में फंसे 12 लोगों को निकाला है। वहीं, दूसरे टनल में अब भी करीब 30 लोगों के फंसे होने की आशंका है। फिलहाल बचाव कार्य लगातार तेजी से चल रहा है।
चमोली जिले में रात भर राहत और बचाव के काम चलता रहा। आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम लगातार बचाव काम में लगी हुई हैं। थोड़ी देर में वायुसेना भी राहत के काम में लग जाएगी। सबसे ज्यादा नुकसान रैणी गांव के लोगों को हुआ है। यहां 100 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड पनबिजली परियोजना और ऋषिगंगा परियोजना पनबिजली परियोजना को बड़ा नुकसान हुआ और उनके कई श्रमिक सुरंग में फंस गए। बाढ़ के रास्ते मे आने वाले मकान बह गए।
पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख और गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए 50-50 हजार रुपए का ऐलान किया है। जबकि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपए के मुआवजे की घोषणा की है। बता दें कि कल सुबह साढ़े दस बजे नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटकर ऋषिगंगा नदी में गिर गया था, जिसके बाद नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया। इस सैलाब की चपेट में दो हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट आए गए, पहला ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और दूसरा तपोवन पावर प्रोजेक्ट। भीषण तबही की वजह से ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गया जबकि तपोवन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में गाद, मलबा भर गया और कई लोग फंस गए। आज दिनभर इसी इन पावर प्रोजेक्ट में रेस्क्यू का काम चलेगा और जिंदा बचे लोगों को बाहर निकाला जाएगा।