द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा मिसाइलों का बंकर बना रहा चीन?
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बीजिंग – चीन पर शक है कि उसने तीन जगहों पर मिसाइल साइलो फील्ड (बंकर या भंडारगृह) बना लिए हैं. पश्चिमी विशेषज्ञ इस मुद्दे पर चिंतित हैं. यह तीनों जगहें उत्तरी मध्य चीन के युमेन, हामी और ऑर्दोस में मौजूद हैं. अमेरिकी थिंक टैंक फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स (FAS) ने इसका खुलासा किया है. उन्होंने प्लैनेट लैब्स और मैक्सार टेक्नोलॉजीज द्वारा उपलब्ध कराई गई तस्वीरों के जरिए दावा किया है कि चीन ने तीन जगहों पर मिसाइल साइलो बना लिए हैं.
इन तस्वीरों में चीन के तीन साइलो ही देख जा रहे हैं लेकिन एफएएस का मानना है कि एशियाई देश 300 नए मिसाइल साइलो बना रहा है. FAS रिसर्चर्स का मानना है कि जितनी तेजी से काम हो रहा है उससे उन्हें यह यकीन हो रहा है कि ये सब चीनी सेना के आधुनिकीकरण कार्यक्रम से संबंधित हैं. FSA ने मिसाइल साइलो पर काम की तेजी का आकलन साप्ताहिक आधार पर किया है.
FAS रिपोर्ट के लेखक मैट कोर्डा और हंस एम क्रिस्टेंसन ने मंगलवार को कहा- ‘यह चीन का अभूतपूर्व परमाणु निर्माण है.’ उन्होंने कहा कि इससे चीन द्वारा न्यूनतम स्तर पर परमाणु इस्तेमाल करने और उसकी नीतियों के बारे में सवाल पैदा हो रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘ मिसाइल साइलो फील्ड के अभी शुरू होने में कई साल हैं लेकिन यह देखना होगा भविष्य में चीन इसका इस्तेमाल कैसे करता है.’
FAS ने कहा था यह जगहें ‘चीनी परमाणु हथियार का अब तक का सबसे महत्वपूर्ण विस्तार’ हैं. इसमें कहा गया है कि शीत युद्ध के दौरान अमेरिका और सोवियत मिसाइल साइलो बनाए जाने के बाद से यह सबसे बड़ा साइलो मैन्यूफैक्चरिंग है.
China building the largest missile bunker after World War II?