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CIA की जांच: जिसकी आंच में झुलसने वाला है चीन !

दुनिया बड़ी खबर

CIA की जांच: जिसकी आंच में झुलसने वाला है चीन !

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अमेरिकी प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप कुछ ऐसा कर रहे हैं जो उनसे पहले आज तक किसी अमेरिकी प्रेसीडेंट ने नहीं किया। वो व्हाइट हाउस के वेस्ट विंग में बैठने वाले नेशनल सिक्योरिटी एडवायजर रॉबर्ट ओ ब्रायन की ब्रीफिंग्स को भूलवश सार्वजनिक कर दे रहे हैं।

अभी इस वक्त दुनिया की सबसे बड़ी खबर ये है कि अमेरिका में चीन के खिलाफ चल रही है सीआईए के इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी जांच।

जांच किस चीज की हो रही है?

जांच के केंद्र में है चीन और कोरोना वायरस। ये जांच शुरू हुई 5जनवरी 2020 को जब चीन ने सार्वजनिक तौर पर कबूल किया कि वुहान में कोरोना वायरस की एक नई प्रजाति नोवेल कोरोना वायरस से कई लोग संक्रमित हो गए हैं। इससे सीआईए का  वो ट्रिगर ऑन हो गया जो दो साल पहले अमेरिकी साइंटिस्ट्स और डिप्लोमैट्स के वुहान लैब विजिट के बाद एनएसए को मार्क किए गए 19 जनवरी 2018 की रिपोर्ट से बना था।

रिपोर्ट में कहा गया था-

वुहान लैब में बैट कोरोनावायरस पर जो काम हो रहा है उससे ह्यूमन ट्रांसमिशन यानी इनसानों में सार्स जैसी नई महामारी फैलने का खतरा है।

 5जनवरी को नोवल कोरोना वायरस की खबर आने के बाद अमेरिका में इसी मुद्दे पर नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक हुई। 11 और 14 जनवरी को हुई दो बैठकों के बाद डिफेंस सेक्रेटरी Mark Esper ने सीआईए को निर्देश जारी किया। दो दिन बाद 16 जनवरी को डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी एडवायजर मैथ्यू पॉटिन्गर ने होमलैंड सिक्योरिटी की तमाम एजेंसियों से एशिया और WMD यानी weapons of mass destruction के एक्सपर्ट्स की टीम गठित कर इस मामले की जांच का आदेश दे दिया।  

 बीते रविवार को अमेरिकी विदेश मंत्री चीन के खिलाफ जिस “enormous evidence” की बात कह रहे थे , वो टीम पॉटिन्गर की इसी तफ्तीश का नतीजा है। लेकिन सीआईए ने ‘above my pay grade theory’ के तहत अमेरिकी प्रेस को बस इतना ही बताया कि हम ये समझने की कोशिश में लगातार लगे हुए हैं कि कोरोना वायरस की शुरूआत कैसे हुई, ये एक लैब एक्सीडेंट था या फिर किसी infected animal contact की वजह से ऐसा हुआ ?

  कोरोना पर कैसी जांच कर रहा है अमेरिका ?

particles of sars cov2 virus found in the electron microscope image of the cells of the first infected patients in us
  1.  वुहान लैब एक खास तरह के बैट वायरस RaTG13 पर क्यों काम कर रहा था ?

सिडनी के Marie Bashir Institute for Infectious Diseases and Biosecurity के वायरोलॉजिस्ट Edward Holmes के मुताबिक कोविड 19 के वायरस SARS-CoV-2 का ये सबसे करीबी रिश्तेदार है। मतलब ये कि SARS-CoV-2 बीस साल पहले RaTG13 ही था।

  • SARS-CoV-2 वायरस का चूहों से क्या कनेक्शन है ?

वायरोलॉजिस्ट मानते हैं कि SARS-CoV-2 वायरस बैट वायरस से इनसान में आने से पहले एक intermediate mammal में आया। जहां दुनिया भर में रिसर्च इस बात को लेकर हो रही है कि ये बीच वाला जानवर पैंगोलिन था या कोई सांप। टीम पॉटिन्गर ये जांच कर रही है कि क्या इस वायरस का वायरस रिसेप्टर ace-2 वाले चूहों से कोई रिश्ता है? पांच साल पहले में प्रकाशित एक अमेरिकी रिसर्च में बताया गया था चीन के यूनान में पाए जाने वाले SHC014 प्रजाति के horseshoe bats में कोरोनावायरस की एक प्रजाति मिलती है जिसके surface spike protein से सार्स की तरह की जानलेवा वायरस लैब में तैयार की जा सकती है। पेरिस के Pasteur Institute के वायरोलॉजिस्ट Simon Wain-Hobson ने माना था कि ये chimeric virus बड़ी तेजी से इनसानों में फैल सकता था और अगर ये लैब से बाहर आ गया तो फिर क्या नतीजा होगा ये कल्पना से परे है।

  •  चीन बैट कोरोनावायरस के खतरे से वाकिफ था, फिर क्यों उसने इस खतरनाक रिसर्च को जारी रखा ?

 वुहान लैब में बैट-कोरोना वायरस रिसर्च डिवीजन की हेड  Shi Zhengli ने Nov. 30, 2017 को  PLOS Pathogens जरनल में प्रकाशित अपने लेख में ये बताया था कि यूनान की गुफाओं में मिलने वाले horseshoe bats अपने ACE2 receptor के जरिए इनसानों को संक्रमित कर सकते थे और 2003 में सार्स वायरस इसी तरह फैला था तब चीन ने बजाए इस खतरे से बचाव करने की जगह इस जांच को क्यों जारी रहने दिया।

  • क्या दुनिया में महामारी फैलाने के लिए पांच साल से साजिश पर काम कर रहा था चीन ? 

2015 में वुहान चीन का पहला और अकेला BSL-4 लैब बना जिसे दुनिया के सबसे खतरनाक वायरस जैसे Ebola और Marburg पर रिसर्च की इजाजत मिली। लेकिन इस लैब में कभी भी उन सेफ्टी गाइडलाइन्स को अपनाया ही नहीं गया जिसकी जरूरत थी।  इजरायली जासूस और चीन के विशेषज्ञ Dany Shoham का दावा है कि वुहान लैब में 1400 तरह के वायरस और इनके 60 हजार से ज्यादा स्ट्रेन पर काम हो रहा था। सवाल है क्या ये चीन के बायलोजिकल वारफेयर का हिस्सा था?

  •  अगर वायरस वुहान लैब से नहीं निकला तो 1600किमी दूर यूनान की गुफा से होकर ये वायरस, लैब से महज 300 मीटर दूर वुहान के wet seafood market तक कैसे पहुंचा ?
  • 15 Feb 2020 को  The Lancet में प्रकाशित एक लेख में दावा किया गया कि शुरूआत के 41 मरीजों में से कम से कम 13 ऐसे थे जिनका सीफूड मार्केट से कोई रिश्ता नहीं था। ये लोग कैसे संक्रमित हुए ? 

CIA की तफ्तीश में अब तक जो बात सामने आई है वो होमलैंड सिक्योरिटी की 1 मई की रपट में दर्ज है।

होमलैंड सिक्योरिटी रिपोर्ट में क्या है ?

  1. चार पन्नों की इस रपट में अमेरिकी जासूसों ने दस्तावेजी सबूत इकट्ठे किए हैं जो बताते हैं कि चीन ने कोरोना के खतरे के बारे में जान बूझकर दुनिया को आगाह नहीं किया
  2.  वुहान में वायरस फैलने के बाद चीन ने वुहान से अमेरिका और यूरोप खास कर इटली,जर्मनी,स्पेन, ब्रिटेन जाने वाले विमानों को जाने दिया, लेकिन वहां से विमानों के चीन आने पर रोक लगा दी। वो वायरस से खुद को बचा रहा था जबकि दुनिया को वायरस एक्सपोर्ट कर रहा था।
  3.  एक महीने तक चीन ने दुनिया से ये बात छिपा कर रखी कि कोरोना कितना अधिक संक्रामक है
  4.   इस दौरान जरूरी मेडिकल सामान दुनिया भर से खरीदता रहा चीन ने सोची-समझी रणनीति के तहत मेडिकल सामानों का आयात बढ़ा दिया जबकि निर्यात पर रोक लगा दी।
  5.  इससे हुआ ये कि जब तमाम देशों ने कोरोना के कहर से जूझना शुरू किया तब तक इस एक महीने में ही चीन कोरोना के लिए जरूरी मेडिकल सप्लाई और इक्विपमेंट का सबसे बड़ा बाजार बन गया।
  6. उसने दुनिया भर के दो सौ से ज्यादा देशों को महंगे कोरोना टेस्ट किट, मास्क, वेंटिलेटर बेचे और अरबों डॉलर की कमाई की।

चीन को किस बात का डर है ?

चीन को पता है कि 1971 से यानी जब अमेरिका ने चीन से कूटनीतिक रिश्ते बहाल किए तब से लेकर अब तक चीन से उसके रिश्ते कभी इतने खराब नहीं रहे जितने आज हैं। चीन को पांच के पंच की चिंता सता रही है ?

  1. दुनिया के इतिहास का सबसे बड़ा जुरमाना

टेक्सास की अदालत में कोरोना फैलाने के इल्जाम में चीन से 20 ट्रिलियन डॉलर मुआवजे की मांग की गई है। चीन को लगता है कि इसकी शुरूआत अमेरिका से होगी और फिर यूरोप समेत दुनिया भर के देश इसी तरह की मांग करेंगे।  

  •   चीन के 1.1 ट्रिलियन  डॉलर के कर्ज को चुकाने से इनकार करेगा अमेरिका। जिमी कार्टर 1979 में ईरान और 9 मार्च 2015 को बराक ओबामा वेनेजुएला को अमेरिका के लिए खतरा बता कर वहां के निवासियों का सारी संपत्ति को जब्त करने का आदेश दे चुके हैं।
  • बिजनेस के ग्लोबल सप्लाई चेन से चीन बाहर – अमेरिका ब्रिटेन और जापान जैसे देश एक साझी रणनीति बना रहे हैं जिसके तहत  दुनिया के व्यापार में सप्लाई चेन को लेकर चीन पर निर्भरता खत्म की जाए।
  •  चीन और अमेरिका में जंग – अगर अमेरिका की जांच में ये साबित होता है कि चीन दुनिया में कोरोना फैलाने का कसूरवार है तो बात सिर्फ जुरमाने या मुआवजे पर जाकर खत्म नहीं होगी। चीन को अंदेशा है कि इसके बाद नाटो आर्टिकल 5 का इस्तेमाल कर चीन पर आक्रमण करेगा।
  • शी जिनपिंग की गद्दी गई समझो – जैसे इराक में हुआ था। अमेरिका ने एक बार तय कर लिया कि इराक पर हमला करना है तो पूरी तैयारी करने के बाद उसने इराक को सद्दाम हुसैन को गद्दी से हटाने का अल्टीमेटम दिया। शी जिनपिंग को लग रहा है कि ये अल्टीमेटम बस अब आने ही वाला है।

अमेरिका क्या करने वाला है इसके लिए सीआईए, एफबीआई का बयान नहीं, प्रेसीडेंट और विदेश मंत्री के बयान पर गौर कीजिए- ट्रंप और पाम्पियो क्या बता रहे हैं?

पॉम्पियो कह रहे हैं कि उनके पास चीन के कसूरवार होने को लेकर ‘enormous evidence’ है। ट्रंप कह रहे हैं चीन पर कितना जुरमाना लगाया जाए…इस पर हम अभी गौर कर रहे हैं..लेकिन ये उससे बहुत ज्यादा होगा जितना कोई भी सोच रहा है। ट्रंप से जब पूछा गया कि आप कैसे कह सकते हैं कि वुहान लैब से ही वायरस बाहर आया है तो उन्होंने कहा -“I can’t tell you that. I’m not allowed to tell you that.

इशारा साफ है सीआईए की जांच की आंच में झुलसने वाला है चीन।

Disclaimer – the author is not privy to any secret information. All the information  presented in the story have been collated from the open source.

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