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कोरोना वैक्सीन: कब, कौन, कहां, कैसे?

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कोरोना वैक्सीन: कब, कौन, कहां, कैसे?

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कोरोना वैक्‍सीन (corona vaccine) के बारे में कई सकारात्मक खबरें आ रही हैं। कामयाबी के कई दावे किये जा रहे हैं, लेकिन इन तथ्यों को सही परिप्रेक्ष्य में देखना और सभी पहलूओं को जानना-समझना जरुरी है। तो चलिए आपको कोरोना वैक्सीन के बारे में अब तक की तमाम अपडेट्स सीधी-सरल भाषा में बताएं।

सबसे पहले ये जान लें कि चीन और रुस की वैक्सीन को छोड़ दें तो फिलहाल तीन ऐसी फार्मा कंपनियां हैं, जो कोरोना वैक्सीन बनाने के बिल्कुल करीब हैं, और जिनके वैक्सीन पर दुनिया भर के देशों को भरोसा है। ये हैं – एस्ट्राजेनेका, फाइजर और मॉडर्ना। अब देखते हैं कि इनकी क्या खासियत है, कितनी कीमत है और कब तक मिलने की उम्मीद है?

ऑक्‍सफोर्ड-एस्‍ट्राजेनेका

Corona vaccine की रेस में कामयाबी के करीब पहुंच चुकी है ऑक्‍सफोर्ड-एस्‍ट्राजेनेका की वैक्‍सीन Covishield। सोमवार को जारी अंतरिम एनालिसिस के मुताबिक, दो तरह की डोज के आंकड़े एक साथ रखने पर वैक्‍सीन की 70.4% तक असरदार रही। वहीं, अलग-अलग दो डोज में इस्तेमाल करने पर इसका असर 90% तक देखा गया।

इस corona vaccine में क्या है खास :-

  • अंतरिम डेटा के मुताबिक ऑक्सफोर्ड वैक्सीन 70.4% तक प्रभावी है। दो डोज़ के प्रयोग में यह 90 फीसदी असरकारक मिली है।
  • जब वैक्‍सीन की पहली डोज आधी दी जाए और दूसरी डोज पूरी, तो यह 90% तक असर करती है।
  • शुरुआती संकेत यह बताते हैं कि वैक्‍सीन वायरस ट्रांसमिशन को कम कर सकती है।
  • अब तक के ट्रायल में वैक्‍सीन सेफ पाई गई है और किसी वालंटियर को अस्‍पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी।
  • वैज्ञानिकों को उम्मीद कि 12 महीने तक कोरोनोवायरस के जोखिम से बचाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • बाकी वैक्सीन की तरह इसके लिए अल्‍ट्रा-कोल्‍ड टेम्‍प्रेचर की भी जरूरत नहीं है। इसे स्टोर करने के लिए 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान बनाये रखना काफी होगा।
  • भारतीय कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने एस्‍ट्राजेनेका से वैक्‍सीन की 100 करोड़ डोज की डील की है। अगर यूके में इमर्जेंसी अप्रूवल मिलता है तो इसे भारत में भी इमर्जेंसी अप्रूवल मिल सकता है।
  • भारत के लिहाज से यह अच्‍छी खबर है, क्‍योंकि सरकार इसी टीके को सबसे पहले हासिल करने की कोशिश कर रही है। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो भारत में ‘कोविशील्‍ड’ नाम से यह टीका जनवरी तक उपलब्‍ध हो सकता है।
  • यह फाइजर के वैक्सीन के मुकाबले बेहद सस्‍ती है और 10 से अधिक देशों में इसका उत्पादन चल रहा है।
Corona's second vaccine

फाइजर की Corona vaccine

यूं तो कोरोना वैक्सीन के मामले में सभी देश प्रयास में लगे हैं, लेकिन फिलहाल इस रेस में अमेरिका सबसे आगे नजर आ रहा है। अमेरिकन कंपनी फाइजर वैक्सीन के तीन ट्रायल हो चुके हैं और यह 95 फीसदी तक कारगर साबित हुई है। रविवार को व्हाइट हाउस की ओर से बताया गया कि अमेरिका में 11 या 12 दिसंबर से Covid-19 टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हो सकता है।

20 नवंबर को अमेरिका की दवा कंपनी फाइजर और उसकी साझेदार जर्मनी की बायोएनटेक ने अपने कोविड-19 टीके (corona vaccine) के आपात इस्तेमाल की अनुमति लेने के लिए आवेदन किया था। इस विषय पर टीके से संबंधित परामर्श समिति की 10 दिसंबर को बैठक होनी है। इसकी मंजूरी मिलने के दो दिन बाद यानी 11 या 12 दिसंबर से टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हो जाएगा।

  • अमेरिकी फार्मास्यूटिकल कंपनी फाइजर (Pfizer) ने जर्मनी की बायोएनटेक (BioNTech) के साथ मिलकर यह वैक्‍सीन बनाई है।
  • फाइजर दुनिया की उन पहली दवा कंपिनयों में से हैं जिन्‍होंने फेज 3 स्‍टडीज के नतीजे जारी किए हैं।
  • तीन ट्रायल पूरे करने के बाद, यह वैक्‍सीन (corona vaccine) 95 प्रतिशत तक असरदार पाई गई है।
  • लेकिन इसे स्टोर करने के लिए माइनस 70 डिग्री सेल्सियस के सुपर कोल्‍ड तापमान पर रखना होगा। भारत जैसे गर्म देशों के लिए ये एक बड़ी समस्या होगी।
  • रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में फाइजर 20 डॉलर में वैक्‍सीन की एक डोज दे रही है। भारत में वैक्‍सीन की एक डोज 2,000 रुपये के आसपास हो सकती है।
  • भारत जैसे 90 करोड़ की आबादी वाले या गरीब देशों के लिए 2000 की वैक्सीन (corona vaccine) खरीदना काफी मुश्किल होगा। अगर सरकारों ने रियायत भी दी, तो भी सरकार का खजाना सभी नागरिकों के वैक्सीन के लिए पूरा नहीं पड़ेगा।
coronaaa

मॉडर्ना

एक अन्य अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना की कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) के भी सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं। वैक्सीन अपने तीसरे दौर के ट्रायल में है।

  • मॉडर्ना ने घोषणा कर दी है कि इसी साल दिसंबर के अंत तक उसके वैक्सीन बाजार में आज जायेंगे।
  • कंपनी का दावा है कि उसके वैक्सीन 74.5 से 94.5 फीसदी तक असरदार हैं।
  • कंपनी के मुताबिक वैक्सीन की कीमत 3000 रुपये प्रति डोज के आसपास हो सकती है।
  • इसके स्टोरेज के लिए (-20) डिग्री सेल्सियस के तापमान की कोल्ड चेन बनाए रखने की जरूरत होगी।
  • भारत सरकार भी इस वैक्सीन के लिए मॉडर्ना कंपनी के संपर्क में है।

भारतीय वैक्सीन

भारत में फिलहाल पांच वैक्सीन तैयार होने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इनमें से चार परीक्षण के दूसरे या तीसरे चरण में हैं जबकि एक पहले या दूसरे चरण में है। बेंगलुरु स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस और कुछ अन्य संस्थान ऐसी वैक्सीन का निर्माण करने में जुटे हैं जिसे 100 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जा सके। भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा तैयार की गई COVAXIN भी अंतिम चरण में है, जो 60 फीसदी तक असरदार है। यहां के रिसर्चर्स को उम्मीद है कि 2021 तक COVAXIN देशवसियों को मुहैया करा दी जाएगी। यह टीका 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को लगाया जाएगा।

हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने इस सप्ताह के शुरू में COVAXIN के तीसरे दौर के परीक्षणों को शुरू किया, जो भारत में अब तक का सबसे बड़ा प्रभावकारी परीक्षण है। इसमें दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और कोलकाता जैसे महानगरों से 26,000 वॉलिंटियर्स शामिल होंगे। यह सबसे उन्नत भारतीय प्रायोगिक टीका है।

Dr. Harshvardhan

सरकार की क्या है प्लानिंग?

अगर सबकुछ ठीक रहा तो भारत में जनवरी या फरवरी के शुरुआती सप्ताह में लोगों को वैक्सीन (corona vaccine) मिल सकती है। प्रधानमंत्री ने हाल ही में कहा था कि हम वैक्सीन के भंडारण से लेकर वितरण तक की योजना पर काम कर रहे हैं। केंद्र की ओर से लगातार यह प्रयास भी हो रहे हैं कि जब भी कोरोना का टीका उपलब्ध हो, तो उसके सुचारू वितरण की व्यवस्था हो सके।

केंद्र सरकार वैक्सीन के खुराक की खरीद के लिए वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के साथ एक अनुबंध को अंतिम रूप दे रही है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इन कंपनियों से थोक में कम कीमत पर वैक्सीन खरीदने की कोशिश की जा रही है। दो डोज वाले टीके, जिसकी कीमत 500-600 रुपये के करीब हो सकती है, उसे सरकार आधी कीमत पर खरीदने की योजना बना रही है।

सूत्रों के अनुसार देश के ड्रग रेगुलेटर द्वारा जनवरी के अंत तक कम से कम एक वैक्सीन (corona vaccine) को आपातकालीन उपयोग अप्रूवल (ईयूए) जारी करने की संभावना है। यानी इसका प्रयोग स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर पर टीकाकरण करने के लिए ही किया जाएगा। केंद्र सरकार स्वदेशी कोरोना टीका कोवैक्सिन के इमरजेंसी यूज की भी मंजूरी दे सकती है।

पहले किसको मिलेगा वैक्सीन?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा कि दुनिया भर की कंपनियों पर हमारी नजर है। देश में भी पांच वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। उम्मीद है कि 2021 के पहले तीन महीने में हमें वैक्सीन मिल जाएगी। सबसे पहले हेल्थ वर्कर को टीका दिया जाएगा, इसके बाद फ्रंट लाइन वर्कर, पुलिस और पैलामिलिट्री फोर्स को वैक्सीन लगाई जाएगी। इसके बाद 65 साल से ऊपर के उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) लगेगी और फिर 50 साल से अधिक के आयु के लोगों को दिया जाएगा। अगले साल सितंबर तक 25 से 30 करोड़ भारतीयों को वैक्सीन दी जाएगी।

Shailendra

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