#Covid 19 vaccine: आपका नंबर कब आएगा?
90 साल की Margaret Keenan को इंग्लैंड के University Hospital, Coventry में Pfizer-BioNTech #Covid 19 vaccine लगने के बाद Air Bubble Agreement के तहत 1 जनवरी 2021 से 27मार्च 2021 के बीच भारत से इंग्लैंड जाने के लिए फ्लाइट बुकिंग में तेजी आई है। अब बड़ा सवाल ये है कि आपका और हमारा नंबर कब आएगा। अगर आप 50 साल के नहीं हुए हैं, तो बहुत कम उम्मीद है कि 31 अगस्त 2021 से पहले कोरोना की वैक्सीन आपको लगेगी। इसकी तीन वजहें हैं
- इंग्लैंड के अखबार द गार्जियन की रिपोर्ट में People’s Vaccine Alliance के हवाले से कहा गया है कि अमीर देशों की सरकारों ने इस वैक्सीन की इतनी बड़ी मात्रा में बुकिंग की है कि moderna और Pfizer जैसी कंपनियों जितनी वैक्सीन 2021 के आखिर तक बनाएंगी, वो इन्हीं अमीर देशों को मिलेंगी और बाकी के देशों का नंबर शायद 2022 में आएगा। इस तरह दुनिया की 14% सबसे अमीर आबादी के पास सबसे भरोसेमंद वैक्सीन्स का 53% हिस्सा होगा। अकेले कनाडा ने इतनी वैक्सीन की एडवांस बुकिंग कर ली है कि अपने हर निवासी का वो पांच बार वैक्सीनेशन करवा सकता है। इसका नतीजा ये हुआ है कि 70 गरीब देशों की 90% आबादी को 2021 में वैक्सीन मिलने के आसार खत्म हो गए हैं।
- अब हमारी उम्मीद उन्हीं वैक्सीन से है जो सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक से है। लेकिन इनके आने में अभी थोड़ा वक्त है। SEC यानी Subject Expert Committee इन वैक्सीन को emergency use authorisation की इजाजत देने से दूसरे और तीसरे दौर के क्लिनिकल ट्रायल का updated safety and efficacy data चाहती है। फिर भी उम्मीद है कि जनवरी के आखिर या फरवरी में हमारे यहां भी वैक्सीन दिया जाना शुरू हो जाएगा।
- ब्रिटेन में Pfizer-BioNTech वैक्सीन देने के बाद कुछ लोगों में गंभीर साइड इफेक्ट देखा गया। इसके बाद ब्रिटेन के medicine regulator ने कहा कि जिन्हें किसी चीज को छूने या खाने से एलर्जी हो, उन्हें ये वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए। ब्रिटेन के बाद अमेरिका और कनाडा में इस वैक्सीन के असर पर भारत के हेल्थ एक्सपर्ट नजर बनाए हुए हैं।
#Covid 19 vaccine:पहले किन्हें दिया जाएगा वैक्सीन ?
NEGVAC यानी National Expert Group on Vaccine Administration ये तय करेगा कि वैक्सीन किन्हें पहले दिया जाना है। इनके सुझाव पर केंद्र सरकार अमल करेगी। ये भरोसे के साथ कहा जा सकता है कि पहले चरण को लेकर सहमति बन चुकी है।
केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के मुताबिक पहले चरण में वैक्सीन देने के लिए तीन समूहों को प्राथमिकता दी जाएगी। ये हैं –
- सरकार या निजी अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टर, नर्स, पारामेडिक स्टाफ जिन्हें हम फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर करते हैं और जिन्होंने हमारी और आपकी जान बचाने के लिए लगातार अपनी जिंदगी दांव पर लगाई है। इनकी संख्या करीब एक करोड़ है।
- पुलिस, सैनिक, डिजास्टर मैनेजमेंट वालंटियर्स और नगर निगम के कर्मचारी- हेल्थ वर्कर के बाद ये दूसरे फ्रंटलाइन वारियर हैं। इनकी तादाद करीब दो करोड़ है।
- इनके बाद बारी आएगी 50 या ज्यादा उम्र के उन नागरिकों की जिन्हें साथ में दूसरी बीमारियां भी हैं और जिन्हें कोरोना संक्रमित होने पर जान गंवाने का ज्यादा खतरा है। इनकी संख्या करीब 27 करोड़ है।
बच्चों का इम्यून सिस्टम बेहतर होता है, इसके अलावा अब तक वैक्सीन के सारे परीक्षण non-pregnant adults पर ही हुए हैं, इसलिए ज्यादातर देशों में इस वास्ते बनी कमेटी ने बच्चों को वैक्सीन देने की सिफारिश नहीं की है। मतलब ये कि अगले साल अगस्त तक भारत में 30 करोड़ को वैक्सीन देने की रणनीति पर काम हो रहा है। ये चरण सफल रहा तो दूसरा दौर इसके समांतर या इसके बाद चलाया जाने की संभावना है।
#Covid 19 vaccine:कौन सा वैक्सीन बेहतर है?
- एक्सपर्ट्स की राय ये है कि मॉडर्ना और फाइजर शायद सबसे बेहतरीन वैक्सीन हैं। जिनकी कामयाबी का औसत 95% तक माना जा रहा है। ऑक्सफोर्ड और आस्ट्राजेनेका की जिस वैक्सीन को भारत में सीरम इंस्टीट्यूट बना रही है, उसको फिलहाल 60 से 70% तक सफल माना जा रहा है। लेकिन उम्मीद है कि आने वाले वक्त में इसकी कामयाबी का औसत भी 90% तक जा सकता है। जिस एक वैक्सीन को लेकर बहुत ज्यादा उम्मीदें हैं, वो Johnson & Johnson की वैक्सीन है। ये सिंगल डोज वैक्सीन है, जिसे 2डिग्री तापमान पर रखा जा सकता है। कंपनी ने वायदा किया है कि वो गरीब देशों के लिए 50 करोड़ वैक्सीन अलग से रखेगी जिसे कम से कम कीमत पर उन्हें मुहैया कराया जाएगा। अभी सबसे ज्यादा मांग फाइजर वैक्सीन की है, लेकिन अगर भारत सरकार इसे खरीदती है तो इस सबसे महंगे वैक्सीन के रख रखाव पर भी काफी अतिरिक्त खर्च आएगा। इसे -70 डिग्री तापमान पर रखने के लिए खास तरह के ड्राइ आइस पैक में रखा जाता है। जीपीएस लगे इस पैक में एक बार में पांच हजार डोज वैक्सीन रखा जा सकता है। इसके अलावा इसके लिए खास तरह का फ्रीजर फार्म बनाना होगा, जहां वैक्सीन को छह महीने तक -70 डिग्री पर वैक्सीन रखा जा सकता है। फ्रीजर से निकालने के बाद इसका पांच दिन के अंदर इस्तेमाल करना जरूरी है। भारत सरकार रुस के स्पुतनिक वैक्सीन को खरीदने पर भी गौर कर रही है जिसे 92% तक कामयाब पाया गया है।
#Covid 19 vaccine:क्या सबको वैक्सीन मिलेगा ?
यूरोप और अमेरिका की तरह हमारे यहां सबके लिए शायद टीका नहीं खरीदा जाए। हो सकता है कि हर्ड इम्यूनिटी के सिद्धांत पर चलते हुए हमारे यहां 60 से 70% आबादी के टीकाकरण का कार्यक्रम चले।
#Covid 19 vaccine:क्या वैक्सीन से खत्म हो जाएगा कोरोना?
न्यूयार्क टाइम्स में छपी खबर में बताया गया है कि जिन्हें वैक्सीन लग चुका है, उन्हें कोरोना नहीं होगा, लेकिन ये हो सकता है कि वो दूसरों को कोरोना से संक्रमित कर सकें। इसलिए वैक्सीन लेने वालों को भी डाक्टरों की सलाह है कि वो मास्क जरूर पहनें। साइंटिस्ट्स का कहना है कि कोरोना का वायरस नाक के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। ऐसी आशंका है कि वैक्सीन लिए व्यक्ति की नाक में पहुंचने के बाद ये शरीर के अंदर न जाए, लेकिन उसके छींकने या खांसने से दूसरे व्यक्ति को इसका संक्रमण हो जाए। उनका कहना है कि फेफड़े के संक्रमण को रोकने के लिए बना टीका या तो पोलियो की तरह मुंह में दिया जाना चाहिए या फिर H1N1 के टीके की तरह nasal spray होना चाहिए।