गिरफ्तार हुआ गैंगस्टर
मध्य प्रदेश पुलिस ने कानपुर एनकांउटर के मुख्य आरोपी और कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को गिरफ्तार कर लिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 5 लाख का इनामी विकास दुबे उज्जैन के महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए गया था। वहां के गार्ड ने उसे पहचाना और पुलिस को खबर दी। इसके बाद पुलिस एक्शन में आयी और उसे धर दबोचा। विकास दुबे पर कानपुर में आठ पुलिसवालों की हत्या करने का आरोप है। कोर्ट में पेशी के बाद यूपी पुलिस उसे रिमांड पर लेगी।
बताया जाता है कि घटना को अंजाम देकर फरार विकास पहले दिल्ली-एनसीआर पहुंचा, लेकिन पुलिस की जबरदस्त दबिश के बाद वह मध्यप्रदेश के उज्जैन पहुंच गया। वहां उसे एमपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि बुधवार को वह फरीदाबाद में देखा गया था। लेकिन इसके बाद वो उज्जैन कैसे पहुंचा, और किसने इस काम में मदद की, इस बारे में पुलिस पूछताछ कर रही है।
गिरफ्तारी हुई या सरेंडर?
पुलिस को कानपुर एनकाउंटर के सातवें दिन ही कामयाबी मिल गई, जब विकास को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार किया गया। मीडिया सूत्रों के मुताबिक उसने खुद ही स्थानीय मीडिया और पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, गुरुवार की सुबह विकास दुबे महाकालेश्वर मंदिर पहुंचा और करीब 10 बजे मंदिर के सामने चिल्लाकर अपना बताया। इसके बाद लोगों ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस के पहुंचते ही उसने चिल्लाते हुए कहा कि मैं विकास दुबे हूं कानपुरवाला….। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर अपने साथ ले गयी। मौके पर स्थानीय मीडिया को भी पहले से ही बुला लिया गया था।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेख यादव ने भी विकास दुबे की गिरफ्तारी पर सवाल उठाये हैं और कहा, ‘खबर आ रही है कि ‘कानपुर-कांड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है। अगर ये सच है तो सरकार साफ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ्तारी। साथ ही उसके मोबाइल की सीडीआर सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके।’
ढहता जा रहा है साम्राज्य
उत्तर प्रदेश के कानपुर में, 3 जुलाई को 8 पुलिसवालों की हत्या के मुख्य आरोपी विकास दुबे का किला ढहता जा रहा है। पुलिस एक-एक कर उसके सभी साथियों का खात्म कर रही है। पिछले 7 दिनों में उसके 5 करीबी पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं, जबकि कईयों को गिरफ्तार कर लिया गया है। गुरुवार की सुबह विकास दुबे के दो और करीबी साथी प्रभात मिश्रा व प्रवीण उर्फ बउवा दुबे पुलिस मुठभेड़ में मारे गए।
पुलिस के मुताबिक, कानपुर पुलिस की एक टीम, प्रभात मिश्रा को फरीदाबाद से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर कानपुर ला रही थी। बीच रास्ते में प्रभात ने पुलिस की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की, और पुलिस पर फायरिंग कर दी। जबावी फायरिंग में प्रभात घायल हो गया, और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई।
वहीं, विकास का दूसरा साथी बउआ दुबे भी इटावा में मारा गया। इटावा एसएसपी के मुताबिक, कस्बा महेवा के पास स्कार्पियो सवार चार अज्ञात बदमाशों ने एक स्विफ्ट डिजायर कार लूट ली। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी। इस दौरान सिविल लाइन थाना क्षेत्र में कचौरा घाट रोड पर पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई। दोनों ओर से हुई फायरिंग में प्रवीण ढेर हो गया, जबकि उसके बाकी तीन साथी भाग निकले। खास बात है कि एनकाउंटर के दौरान पुलिस को पता नहीं था कि ये बदमाश कौन हैं। बाद में शिनाख्त होने पर पता चला कि यह कानपुर शूटआउट का एक आरोपी था और इस पर 50 हजार रुपये का इनाम था।
पुलिस मुठभेड़ में, अब तक मारे गये विकास दुबे के साथियों के नाम हैं- प्रेम प्रकाश (विकास दुबे का मामा), अतुल दुबे (विकास दुबे का भतीजा), अमर दुबे (विकास दुबे का राइड हैंड), प्रभात मिश्रा और प्रवीण उर्फ बउवा दुबे।
अपने लोगों पर भी कार्रवाई
कानपुर एनकाउंटर मामले में पुलिस ने अपने लोगों पर भी कार्रवाई की है। पुलिस ने चौबेपुर के निलंबित एसओ विनय तिवारी और बीट इंचार्ज केके शर्मा को गिरफ्तार किया है। आईजी कानपुर रेंज मोहित अग्रवाल ने बताया कि विनय तिवारी और केके शर्मा मुठभेड़ के दौरान वहां मौजूद थे, लेकिन ऑपरेशन के दौरान वहां से भाग गए थे। यूपी एसटीएफ ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को जेल भेजने की तैयारी की जा रही है।
वहीं, कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि कानपुर एनकाउंटर के मुख्य दोषी विकास दुबे को पुलिस रेड के बारे में पहले से सूचना देने के आरोप में पूर्व एसओ विनय तिवारी और बीट प्रभारी केके शर्मा को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है। एसएसपी ने बताया कि सबूतों के आधार पर पता चला है कि विनय तिवारी और केके शर्मा ने ही विकास दुबे को पुलिस की छापेमारी की सूचना दी थी, जिसके बाद उसने हमले की योजना बनाई और पुलिस पर फायरिंग की।