टल गया तूफान ‘निसर्ग’ का खतरा
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बुधवार की दोपहर चक्रवाती तूफान ‘निसर्ग’, महाराष्ट्र के तटीय इलाकों से टकराया और भारी तबाही मचाई। दिन में हवा की रफ्तार 120 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे के आसपास थी। जिसकी वजह से कई जगहों पर पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए। मकान की टिन की छतें उड़ गई और कई इलाकों में बिजली गुल हो गई। निसर्ग तूफान की वजह से महाराष्ट्र के रायगढ़ में भारी नुकसान हुआ है, जबकि एक व्यक्ति की मौत की खबर है। वैसे जिस तरह के खतरे की आशंका थी, वो टल गई है। मुंबई में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई। बारिश अभी भी हो रही है और रात भर हो सकती है, लेकिन हवा की रफ्तार कम हो गई है।
रायगढ़ की जिलाधिकारी के मुताबिक चक्रवात से रायगढ़ के पास श्रीवर्धन का दिवे आगर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। तेज हवाओं की वजह से श्रीवर्धन और अलीबाग में कई पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए। वहीं, रायगढ़ के तटीय क्षेत्र के पास के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले 62 गांवों की पहचान कर विशेष सावधानी बरती जा रही है, जबकि 13,541 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। उन्होंने लोगों से बृहस्पतिवार सुबह तक घरों के भीतर ही रहने की अपील की है।
उधर, चक्रवाती तूफान में रत्नागिरि के तट के पास फंसे हुए एक पोत से बुधवार को कम से कम दस नाविकों को बचा कर निकाला गया। अधिकारियों ने बताया कि ने कहा कि पोत को रत्नागिरि के मिरया बंदर क्षेत्र में देखा गया, जो ज्वार भाटे और भारी बारिश के कारण मिरकवाड़ा के तट के पास चला गया था। वहां से पोत में सवार सभी नाविकों को सुरक्षित बचा लिया गया।
बचाव एवं राहत को उपाय
- निसर्ग तूफान के चलते मुंबई एयरपोर्ट पर दोपहर ढाई बजे से शाम 7 बजे तक विमानों की लैंडिंग की इजाजत नहीं दी गई है। इस दौरान 20 फ्लाइट्स शेड्यूल थीं। मध्य रेलवे ने मुंबई जाने वाली 8 स्पेशल ट्रेनों के समय में बदलाव किया है।
- गुजरात के तटीय जिलाें में 80 हजार लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया। नौसेना ने मुंबई में 5 फ्लड रेस्क्यू टीम और 3 गोताखोर टीम तैनात की हैं। पालघर जिला पूरी तरह बंद कर दिया गया है। दोनों राज्यों के 11 जिलों में अलर्ट है।
- मध्यप्रदेश के 15 और राजस्थान के 14 जिलों में 3 दिन भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मध्यप्रदेश के भाेपाल, उज्जैन, इंदाैर, ग्वालियर संभाग के कुछ जिलाें और शहराें में भारी या अति भारी बारिश के आसार हैं।
- दक्षिण गुजरात के वलसाड़, नवसारी, सूरत के अलावा दमन, दादरा और नागर हवेली में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक, 1891 के बाद पहली बार महाराष्ट्र के तटीय इलाके के आसपास साइक्लोन का खतरा मंडराया है। इससे पहले 1948 और 1980 में भी ऐसे हालात बने थे, लेकिन वह चक्रवात में बदल पाया या नहीं, इसे लेकर मतभेद हैं। अमेरिका स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय के एक प्राध्यापक एडम सोएबेल ने ट्वीट किया था कि 72 वर्षों में पहली बार मुंबई में एक चक्रवात आनेवाला है। इससे पहले 1891 में इस तरह का प्रचंड चक्रवात आया था। लेकिन बुधवार को उन्होंने इसमें सुधार करते हुए कहा कि इस महानगर में 1948 में भी चक्रवात आया था।