खतरनाक है कोरोना का नया ट्रेन्ड
दो दिनों के ठहराव के बाद झारखंड में एक बार फिर कोरोना मरीजों की संख्या में तेजी दिखी। पिछले 24 घटों में 10 नये मामले सामने आये। इन्हें मिलाकर प्रदेश में अब तक कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 125 पहुंच गई है। इनमें से सबसे ज्यादा रांची जिले के 91 संक्रमित मरीज हैं।
रेड जोन में 8 नये मामले
झारखंड के रेड जोन रांची में एक ही दिन में 8 नये मरीज मिले। इनमें से 7 मरीज हिंदपीढ़ी के हैं, जबकि आठवां एक सात साल का बच्चा है, जो पंजाब स्वीट हाउस के पीछे स्थित हैदरी अपार्टमेंट का रहनेवाला है। बच्चे के माता-पिता भी कोरोना पॉजिटिव हैं और रिम्स के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं.
दुमका में मिले दो कोरोना पॉजिटिव
दुमका जिले के सरैयाहाट प्रखंड में दो लोग कोरोना पोजिटिव पाये गये हैं। दुमका उपायुक्त राजेश्वरी बी ने इसकी पुष्टि की है। इन युवकों की उम्र 25 और 30 वर्ष है। एक मई को गुड़गांव से 9 मजदूर सरैयाहाट पहुंचे थे, जिन्हें कस्तूरबा विद्यालय में बनाए गए क्वारेनटीन सेंटर में रखा गया था। पीएमसीएच धनबाद में हुई सैंपल की जांच में इनमें से 7 मजदूरों की रिपोर्ट नेगेटिव आई, जबकि दो की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई।
झारखंड में कोरोना का खास ट्रेन्ड
झारखंड में कोरोना जो ट्रेन्ड देखने को मिल रहा है, वो एक तरफ चिंताजनक है, तो दूसरी तरफ उत्साहवर्धक भी। आइये आपको बताते हैं प्रदेश के मरीजों के इलाज के दौरान डॉक्टरों द्वारा निकाले गये कुछ निष्कर्ष –
- प्रदेश में अब तक मिले सभी मरीज ए-सिम्टोमैटिक हैं, यानी इन मरीजों में कोरोना के कोई गंभीर लक्षण नहीं दिखे। कई मरीजों में तो कोरोना का कोई लक्षण नहीं पाया गया।
- झारखंड में अभी तक किसी मरीज को वेंटिलेटर पर रखने की जरुरत नहीं पड़ी है।
- प्रदेश में 1300 से ज्यादा टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव मिले हैं। ये सभी कांटैक्ट ट्रेसिंग के मामले थे। यानी इनके आसपास का या तो कोई संक्रमित था, या ये उसके सीधे संपर्क में आये थे।
- रिपोर्ट से बता चलता है कि संक्रमित मरीजों के करीब रहनेवाले और उनके संपर्क में आनेवाले सैकड़ों लोग संक्रमण से बच गये।
- प्रदेश में अब तक 2 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हुई है। संक्रमित मरीजों में ज्यादातर संतुलित भोजन और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण ठीक हो गये।
- खतरनाक बात ये है कि लक्षण नहीं रहने पर लोगों को इसका पता नहीं चलता और वे आइसोलेशन को गंभीरता से नहीं लेते। ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है।
- फिलहाल जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उससे उम्मीद बनी है कि राज्य में जल्द ही कोरोना का असर खत्म होने लगेगा और लोग अपनी प्रतिरोधक क्षमता के जरिए इसका मुकाबला कर सकेंगे।
रिम्स में फिर शुरु हुई जांच
आपको बता दें कि रिम्स में लैब टेक्नीशियन के कोरना पॉजिटिव पाए जाने के बाद सैंपल की जांच बाधित हो गई थी। लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन के बातचीत के बाद मंगलवार से सैंपलों की जांच फिर से शुरु की गई। फिलहाल, रिम्स के अलावा एमजीएम जमशेदपुर, पीएमसीएच धनबाद और इटकी यक्ष्मा आरोग्यशाला में कोरोना संदिग्धों के सैंपल की जांच चल रही है।