बिहार: मुर्दे उठा रहे मनरेगा की राशि

बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में मनरेगा का राशि के घोटाला का मामला सामने आया है। ठकराहां प्रखण्ड में यहां मुर्दे ना सिर्फ मजदूरी कर रहे हैं, बल्कि मनरेगा के तहत मिलनेवाली राशि भी उठा रहे हैं।
जगीरहा पंचायत के तहत भतहवा गांव निवासी हरिहर यादव की पत्नी जलेबी देवी की मृत्यु 12 दिसम्बर 2019 को हो गई थी। इसके बावजूद मनरेगा अंतर्गत सरकारी आंकड़ों में उन्हें को फरवरी और मार्च तक 15-15 दिनों तक मजदूरी करते दिखाया गया है। साथ ही इनके नाम पर राशि भी निर्गत की गई है। इतना ही नहीं मृतका के पति हरिहर यादव के नाम पर भी भुगतान हुआ है, लेकिन उनके नाम न तो जॉब कार्ड बना है और ना ही उन्होंने मजदूरी की है। दूसरी ओर जिनके पास जॉबकार्ड है, उन्हें काम नहीं दिया जा रहा है।

पंचायत स्तर पर फैले भ्रष्टाचार की कुछ और बानगी देखिये। कोइरपट्टी पंचायत के मलाही टोला में एक कच्ची सड़क के पक्कीकरण (ईंटों से) के नाम पर दो-दो बार राशि निर्गत की गई है। इसी तरह बाढ़ के पानी में डूबे एक गड्ढे को सरकारी तालाब दिखाकर, इसकी खुदाई के नाम पर राशि निर्गत कर दी गई है। इन मामलों के सामने आने पर मनरेगा पदाधिकारी जियाउद्दीन ने कुछ भी बताने से साफ इनकार कर दिया। वहीं एसडीएम शेखर आनंद ने सिर्फ इतना कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है. इसको लेकर वे समीक्षात्मक बैठक करेंगे।
यह पहली बार नहीं है, जब बिहार में मनरेगा में घोटाले की बात सामने आई हो। पिछले कई वर्षों से बेगूसराय, पूर्णिया, मधेपुरा, मुंगेर जैसे अनेक जिलों से मनरेगा में बड़े पैमाने पर धांधली की खबरें आती रही हैं। इसे लेकर जांच कमिटी भी बिठाई गई, लेकिन किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई और वक़्त बीतने के साथ मामला ठंडा पड़ गया।