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कुछ चाहिए तो मांग लो भगवान !

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कुछ चाहिए तो मांग लो भगवान !

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मुकेश अंबानी की कंपनी RRVL- Reliance Retail Ventures Limited  ने online pharmacy Netmeds की 60% हिस्सेदारी 620 करोड़ में खरीद ली है। बंगलुरू में अमेजन की ऑनलाइन दवा कारोबार शुरू होने के फौरन बाद ये खबर आई है।

अंबानी ने Netmeds क्यों खरीदी ?

मुकेश अंबानी को लगता है कि डिजीटल इकोनॉमी के दौर में ऑनलाइन फार्मा में बहुत संभावना है। क्या वो सही सोच रहे हैं? आइए इसे आंकड़ों के जरिए समझते हैं।

भारत का ई फार्मा बाजार

साल कुल कारोबार( करोड़)
20191000
202422600( संभावित)

स्रोत: https://www.expresspharma.in/cover-story/e-pharmacies-waging-a-battle-for-survival/

अंबानी के लिए ऑनलाइन फार्मा तो बस एक खिड़की है, जिसके जरिए वो पूरे Indian e-health sector में दाखिल होना चाहते हैं, जो research firm RedSeer Consulting के मुताबिक सालाना 68%की दर से बढ़ रहा है और मौजूदा 1.2बिलियन $ से बढकर अगले पांच साल में 16बिलियन $ होने की संभावना है।

भारत का  e-health बाजार

साल कुल कारोबार( करोड़)
20199000
2025120,000( संभावित)

स्रोत: https://www.business-standard.com/article/companies/amazon-enters-online-pharmacy-space-in-india-to-compete-with-netmeds-1mg-120081400042_1.html

FICCI की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि कोरोना की वजह से ई फार्मा के कारोबार में 1.4 गुना इजाफा हुआ है। पहले जहां 35 लाख घरों में ऑनलाइन दवा पहुंच रही थी, वहीं कोरोना काल में इसकी पहुंच  88 लाख घरों तक हो गई। ऐसा अनुमान है कि अगले चार साल में भारत में कम से कम 7 करोड़ घरों में ऑनलाइन दवा खरीदी जाने लगेगी।

consultancy firm EY की रिपोर्ट में कहा गया है कि सिर्फ ऑनलाइन दवा का कारोबार ही तीन साल में बढ़कर $18.3 billion यानी 137 लाख करोड़ हो सकता है।

अंबानी का मुकाबला किन कंपनियों से होगा ?

ऑनलाइन फार्मा में अमेजन सबसे मजबूत दावेदारी पेश कर सकता है। अमेरिकी कंपनी Giant Eagle Pharmacy से नवंबर में हुए करार के बाद डाक्टर की पर्ची में दवा का नाम समझने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की तकनीक का इस्तेमाल करने वाली दुनिया की पहली कंपनी बन गई है। virtual assistant Alexa के जरिए मिलने वाली इस सेवा का तकनीकी स्तर पर मुकाबला करना किसी कंपनी के लिए आसान नहीं है। इसके अलावा सस्ते सामान और होम डिलीवरी की दुनिया की बादशाह  Walmart  भी flipkart के जरिए इस सेक्टर में जल्द ही आ सकती है। मौजूदा कंपनियों की बात करें तो इनमें Medlife के अलावा  Temasek की फंडिंग के साथ आई  PharmEasy और  Sequoia Capital की फंडिंग से ताकतवर बनी  1mg है।

ऑनलाइन दवा में अंबानी के आने से क्या बदलेगा ?

सबसे पहला असर ई कॉमर्स पर होगा । JioMart के जरिए मुकेश अंबानी ने online grocery delivery service शुरू की है। अब उनका इरादा ई कॉमर्स के ज्यादा से ज्यादा वर्टिकल्स में सबसे बड़े खिलाड़ी बनने का है।

अंबानी किस तरह ऑनलाइन फार्मा का काम करेंगे ?

संभावना है कि रिलायंस aggregator business model से शुरूआत करेगी। मतलब ये कि भारत में दवा बनाने वाली कंपनियों से रिलायंस एग्रीमेंट करेगी और ज्यादा से ज्यादा दवा कंपनियों की दवा नेटमेड्स के प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगी। लेकिन असली कहानी एग्रीगेटर की नहीं है। कंपनी बगैर कोई स्टोर खोले दुनिया की बड़ी ड्रग चेन्स को टक्कर दे सकती है। वालग्रीन और केयरमार्क जैसी ड्रग चेन कंपनियां अपने ड्र्ग स्टोर की तादाद के नाम पर जिस तरह फाइजर या सनोफी जैसी दवा कंपनियों की सुपर स्टॉकिस्ट बन जाती हैं, सेल पर भारी कमीशन वसूलती हैं,  कुछ उसी तरह का बिजनेस मॉडल रिलायंस के अपनाने की संभावना है।

दवा दुकानों की सबसे बड़ी श्रंखला

रैंककंपनी दवा दुकान की तादादकुल कारोबार     ( बिलियन $)
1 Walgreens  8,22172.22
2CVS Caremark7,66065.62
3Rite Aid4,58725.53
4Health Mart3,24610.08
5McKesson Canada1,650  2.14

अंबानी को जानने वाले मानते हैं कि अंबानी को सिर्फ दूसरी कंपनियों की दवा बेच कर संतोष नहीं होगा। ऑनलाइन फार्मा को मजबूती देने के लिए वो जल्द ही दवा कारोबार में बड़ा निवेश कर सकते हैं। इसका मतलब है कि वो सन और डॉक्टर रेड्डीज लैब जैसी कंपनियों के मुकाबले भी खड़े नजर आ सकते हैं। ये वो कारोबार है जो बीते तीन साल में 29 बिलियन $ से 55 बिलियन $ पर पहुंच गया है।

भारत की सबसे बड़ी दवा कंपनियां

रैंककंपनीMarket Cap  ( करोड़)
1Sun Pharmaceuticals94,378
2Dr. Reddy’s Laboratories50,867
3Cipla  34,358
4Aurobindo Pharma 27,615  
5 Lupin29,497      

अंबानी के लिए चुनौती क्या है ?

ऑनलाइन दवा के कारोबार से देश के 8.5 लाख खुदरा दवा दुकानों पर बुरा असर पड़ा है। पांच साल पहले तक आप दवा दुकान में डिस्काउंट की बात शायद सोच भी नहीं सकते थे। आज हर दूसरी दवा दुकान 10 से 15% डिस्काउंट दे रहा है। AIOCD यानी All India Organisation of Chemists and Druggists लगातार दवा की ऑनलाइन बिक्री का विरोध करता आया है।

लेकिन अगर आपका नाम अंबानी है तो ये कोई ऐसी परेशानी नहीं है जिससे आपकी नींद खराब हो।

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