Type to search

घर बनाने या खरीदने में अब न करें इंतजार, सीमेंट, छड़, ईंट के दाम हो रहे महंगे

कारोबार जरुर पढ़ें देश

घर बनाने या खरीदने में अब न करें इंतजार, सीमेंट, छड़, ईंट के दाम हो रहे महंगे

Share on:

अगर आप खुद का घर बनवाने या फ्लैट खरीदने की योजना बना रहे हैं तो अब इंतजार मत कीजिए। यह आपके लिए घाटे का सौदा हो सकता है। दरअसल, घर बनाने में इस्तेमाल होने वाला सीमेंट, छड़, ईंट, टाइल्स आदि की कीमत काफी बढ़ गई है। इससे घर की निर्माण लगात में 20%-30% की वृद्धि हो गई है। रॉ-मैटेरियल की कीमत बढ़ने से मल्टी स्टोरी अपार्टमेंट की लागत भी बढ़ी है। इसके चलते बिल्डर फ्लैट के दाम लगातार बढ़ा रहे हैं।

बीते एक साल में नोएडा एक्सटेंशन में किफायती आवास ​करीब 3000 प्रति स्क्वायर फीट की दर पर मिल रहा था, वह अब बढ़कर आसैतन 4000 प्रति स्क्वायर फीट पहुंच गया है। इसके साथ ही नए प्रोजेक्ट लॉन्च नहीं होने और मांग बढ़ने से अनसोल्ड इन्वेंट्री तेजी से कम हुई है। यह भी कीमत को ऊपर ले जाने में मदद कर रही है। निर्माण सामग्रियों की बढ़ी कीमतों ने लोगों के अपने आशियाने के इस सपने पर ग्रहण लगा दिया है। घर निर्माण में इस्तेमाल होने वाले लोहे का सरिया, सीमेंट, बालू व गिट्टी से लेकर दीवार पर लगने वाले पेंट की कीमतों में लगभग 30%-45% की बढ़ोतरी हुई है। पानी की फिटिंग में प्रयोग होने वाले पौन इंच दस फुट के पाइप का भाव 195 रुपये से बढ़कर 213 रुपये हो गया है।

इसके अलावा पानी की टंकी का 4300 रुपये वाला प्लास्टिक टैंक अब छह हजार का हो गया है। डेढ़ महीने में सीमेंट का भाव 395 रुपये से बढ़कर 430 रुपये प्रति बोरी हो गया है। दिसम्बर से अब तक लोहे के दाम में 20 हजार रुपय टन की बढ़ोतरी हुई है। मार्च 2021 की तुलना अप्रैल 2022 से करें तो सीमेंट की कीमत में करीब 70%, छड़ में 75%, ईंट में 40%, गिट्टी में 60%, कांच में 100% की वृद्धि दर्ज की गई है।

रियल एस्टेट ​डेवलपर्स के संगठन क्रेडाई के अनुसार रॉ-मैटेरियल के दाम बढ़ने से घरों की कीमतों में 5-8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और इसमें 5-7 प्रतिशत बढ़ोतरी और होने का अनुमान है। क्रेडाई की रिपोर्ट के मुताबिक, 39 प्रतिशत बिल्डरों ने कहा है कि अगर सीमेंट, छड़, बालू आदि की बढ़ी कीमतों से राहत देने के लिए सरकार द्वारा तत्काल कोई उपाय नहीं किया गया, तो वे परियोजना को समय पर पूरा नहीं कर पाएंगे। दूसरी ओर 76 प्रतिशत डेवलपर ने कहा कि अगर कच्चे माल के दाम वर्तमान स्तर से कम नहीं हुए तो वे अपनी परियोजनाओं को छह महीने तक ही जारी रख पाएंगे।

कोरोना महामारी के बाद घरों की मांग तेजी से बढ़ने और नए प्रोजेक्ट लॉन्च नहीं होने से पिछले दो वर्षों में बिना बिकी इन्वेंट्री में 21% की तेज गिरावट आई है। एनारॉक के अनुसार, शीर्ष सात शहरों में कुल बिना बिके फ्लैट में, किफायती आवास सूची में सबसे महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है। इस बीच, 2.5 करोड़ रुपये से अधिक की कीमत वाले अल्ट्रा-लक्जरी घरों के अनबिके स्टॉक में इसी अवधि में 5% की गिरावट देखी गई है। इससे भी घरों की कीमत तेजी से बढ़ रही है।

Do not wait now to build or buy a house, the prices of cement, rods, bricks are getting expensive

Asit Mandal

Share on:
Tags:

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *