क्या आप मुकेश की आवाज में नया गाना रिकॉर्ड करवाना चाहते हैं?
अरिजीत सिंह, आतिफ असलम, श्रेया घोषाल और सुनिधी चौहान के जमाने में भी अभी मुकेश, रफी और किशोर के कई कद्रदान हैं।
साइंस संभावनाओं की सरहद लांघने की जिद का नाम है
अब वो तकनीक आ गई है जिससे आप खुद कोई गाना लिखें, हिमेश रेशमिया से म्यूजिक लें और इस गाने को आवाज दें स्वर्गीय मुकेश।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की रिसर्च लैब OpenAI ने एक नया मॉडल लांच किया है…नाम है ज्यूक बॉक्स।
कैसे काम करता है ज्यूक बॉक्स ?
इसमें होता ये है कि आप मशीन में एक ऑडियो डालते हैं वो थोड़ी देर बाद इससे एक नया ऑडियो तैयार करके आपको दे देता है।
तकनीकी की भाषा में कहें तो…
convolutional neural networks के जरिए किसी आवाज को encode और compress किया जाता है। फिर transformer के जरिए नई compressed audio हासिल की जाती है, जिसे upsample करके उसी आवाज में एक नयी धुन तैयार हो जाती है। कंपनी इसके पहले नामचीन संगीतकारों की पहले रिकार्ड की हुई धुनों का डाटा बैंक तैयार कर AI के जरिए MuseNet ला चुकी है। इसके जरिए आप किसी गीत या कविता में म्यूजिक डाल सकते हैं।
इस बार एक कदम आगे बढकर कंपनी ने ने 12लाख गानों का एक डाटा बैंक तैयार किया। इसमें गानों को आर्टिस्ट और जॉनर के आधार पर बांटा गया। इसके बाद AI का सहारा ले कर ये देखने की कोशिश की गई कि क्या हम किसी संगीतकार की तरह का संगीत, किसी खास गीतकार से बोल और किसी पसंदीदा गायक की आवाज में गाना तैयार कर सकते हैं। ये कोशिश काफी हद तक कामयाब रही।
फिर भी इस नई तकनीक की कई सीमाएं हैं
जो बात इनसान की आवाज में है, वो मशीन में कहां ?
किसी देश के गाने में स्थानीयता की बहुत अहमियत होती है। ये स्थानीयता संगीत में इस्तेमाल किए जाने वाले साज से लेकर गायक की बोली और गीत के बोल तक में साफ झलकती है। इतनी वेरायटी अभी मशीन में नहीं आई है।
एक बड़ी परेशानी कॉपीराइट की भी है। ज्यादातर मशहूर गानों और संगीत पर फिल्म के प्रोड्यूसर या म्यूजिक कंपनी का कॉपीराइट होता है। ये तकनीक कॉपीराइट कानून के लिए एक नई चुनौती है।
सच ये भी है कि फैक्ट्री वाले गाने के लिए अभी हम और आप शायद तैयार भी नहीं हैं।