प्रवासी मजदूरों को मिलेंगे 1000 रुपये
Share

शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मुख्यमंत्री विशेष सहायता मोबाइल ऐप के जरिए, प्रवासी मजदूरों के बैंक अकाउंट में सीधे एक-एक हजार रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराने की योजना का शुभारंभ किया। झारखंड मंत्रालय के सभागार में, ऑनलाइन डीबीटी के माध्यम से इस योजना की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से देश के विभिन्न राज्यों में झारखंड के मजदूर भाई-बंधु बड़ी संख्या में फंसे हैं। लॉकडाउन की शुरुआत से ही झारखंड सरकार, विभिन्न राज्यों की सरकारों के साथ समन्वय स्थापित कर प्रवासी मजदूरों के लिए राशन-पानी का इंतजाम करती आ रही है। इसी कड़ी में अब प्रवासी मजदूर भाइयों को मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना मोबाइल ऐप के जरिए ₹1000 की सहायता राशि उपलब्ध कराई जा रही है। पहले दिन 1 लाख 11 हजार 568 मजदूरों को डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके बैंक अकाउंट में ₹1000 की सहायता राशि उपलब्ध कराई गई।
2.47 लाख प्रवासी मजदूरों ने कराया निबंधन
अब तक राज्य के 2 लाख 47 हजार 25 प्रवासी मजदूरों ने मुख्यमंत्री विशेष सहायता मोबाइल ऐप के जरिए आर्थिक मदद के लिए निबंधन कराया है। झारखंड सरकार ने विभिन्न जिलों में अब तक 2 लाख 10 हजार 464 मजदूरों के निबंधन को स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि जल्द ही सभी सत्यापित किए गये लाभुकों को आर्थिक सहयोग राशि उपलब्ध करा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे लाभुकों के अकाउंट वेरिफिकेशन का काम पूरा होगा, आर्थिक सहयोग की राशि डाल दी जाएगी।

बिना कार्डधारी परिवारों को भी मिलेगा राशन
इस दौरान मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि राशन उपलब्ध कराने की पहले की प्रक्रिया में परिवर्तन किया गया है। अब वैसे परिवार जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, वे भी नजदीकी पीडीएस डीलर से राशन ले सकेंगे। नजदीकी डीलर ऐसे परिवारों का व्यक्तिगत पहचान करते हुए राशन उपलब्ध कराएंगे, और ऐसे परिवारों अथवा लोगों को अब दूसरे जगह राशन लेने के लिए जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी।