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ED को जांच, गिरफ्तारी और संपत्ति जब्त करने का अधिकार : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

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ED को जांच, गिरफ्तारी और संपत्ति जब्त करने का अधिकार : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

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नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के प्रावधानों के खिलाफ याचिकाकर्ताओं की आपत्ति को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि ईसीआईआर की तुलना एफआईआर से नहीं की जा सकती. ईसीआईआर जांच एजेंसी ईडी का इंटरनल डॉक्यूमेंट है. ईसीआईआर की कॉपी आरोपी को देना भी जरूरी नहीं है.

कोर्ट ने कहा कि सिर्फ गिरफ्तारी का कारण बताना पर्याप्त है. इसका मतलब यह हुआ कि छापेमारी, जब्ती , गिरफ्तारी, बयान दर्ज करना और जमानत की सख्त शर्ते पहले की ही तरह बरकरार रहेंगी. सुप्रीम कोर्ट में आज प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत प्रवर्तन निदेशालय की शक्तियों, गिरफ्तार करने की प्रक्रिया, संपत्ति जब्त करने के तरीके को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हो रही थी.

वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि 31 मार्च 2022 तक प्रवर्तन निदेशालय ने पीएमएलए के तहत लगभग 5,422 मामले दर्ज किए हैं. उन्होंने कहा कि मामले दर्ज होने के बाद पीएमएलए के प्रावधानों के तहत करीब 1,04,702 करोड़ रुपये की सम्पत्ति कुर्क की गई, 992 मामलों में अभियोग शिकायत दर्ज की गई जिसके परिणामस्वरूप 869.31 करोड़ रुपये की जब्ती की गई और 23 अभियुक्तों को दोषी करार दिया गया.

ED has the right to investigate, arrest and confiscate property: Supreme Court’s big decision

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