झारखंड अवैध खनन घोटाले का अहम गवाह होस्टाइल

झारखंड में अवैध खनन घोटाले में ईडी का अहम गवाह अपने पूर्व के बयान से मुकर गया है। विजय हंसदा ने ईडी को बयान दिया था कि अवैध खनन घोटाले को लेकर आवाज उठाने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा ने उन्हें भुगत लेने की धमकी दी थी। लेकिन जब ये मामला रांची में पीएमएलए स्पेशल कोर्ट में आया तो हंसदा होस्टाइल हो गए। उन्होंने अदालत को बताया कि धमकी देनी तो दूर, पंकज मिश्रा ने उनसे कभी अभद्र व्यवहार तक नहीं किया। जब हंसदा अदालत में नया बयान दे रहे थे, तब इस मामले के मुख्य आरोपी बच्चू यादव अदालत में ही मौजूद थे।
हंसदा ने तब सुर्खियां बटोरी थीं जब उन्होंने साहिबगंज जिला अदालत में निंबू पहाड़ में अवैध खनन की शिकायत दर्ज कराई थी। तब उन्होंने इल्जाम लगाया था कि मुख्यमंत्री के करीबी लोग इस घोटाले में शामिल हैं। बाद में हंसदा ने किसी निष्पक्ष एजेंसी से इस मामले की जांच करने को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की थी।
ईडी के अधिकारियों के मुताबिक हंसदा अपना बयान लगातार बदलते रहे हैं। जब हंसदा ने पहली बार निंबू पहाड़ पर अवैध खनन की शिकायत की तब ईडी ने इस मामले की तफ्तीश शुरू की। बाद में साहिबगंज पुलिस ने हंसदा को एक कथित आपराधिक मामले की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। जेल जाने के बाद उनका एक कथित बयान वायरल हुआ जिसमें उन्होंने अपनी शिकायत वापस लेने की बात की थी। जवाब में हंसदा का कहना था कि जेल में जबरन उनसे दस्तखत कराए गए थे और उनका शिकायत वापिस लेने का कोई इरादा नहीं है।
बेल पर जेल से बाहर आते ही हंसदा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी शिकायत वापस लेने की अर्जी लगाई। उन्होंने अपने ही वकील पर सहमति लिए बगैर अपील करने का इल्जाम भी लगाया। लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज करते हुए सीबीआई को जांच कर एक महीने के अंदर रपट जमा करने को कहा।इसी मामले में बीते साल 18 नवंबर को ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से नौ घंटे से ज्यादा पूछताछ की थी।