कर्मचारियों को मिलेगा 10000 का फेस्टिवल एडवांस: वित्त मंत्री
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कई महत्वपूर्ण ऐलान किये। उन्होंने कहा कि कोरोना काल ने देश की अर्थव्यवस्था पर असर डाला है और वह मांग बढ़ाने के लिए नए प्रस्ताव पेश करेंगी। निर्मला सीतारमण द्वारा यह प्रेस कॉन्फ्रेंस जीएसटी काउंसिल की बैठक से ठीक पहले ले रही हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के शुरुआत में वित्त मंत्री ने बताया कि वो अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने के लिए कुछ प्रोत्साहन का ऐलान करेंगी।
इस दौरान केंद्र सरकार ने त्योहारी सीजन में सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी कर्मचारियों के लिए फेस्टिवल एडवांस की घोषणा की है। त्योहारी सीजन में केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को 10,000 रुपये एडवांस देगी। कर्मचारियों को इसके लिए प्रीपेड रुपे कार्ड मिलेगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री ने एलटीसी कैश वाउचर की घोषणा की है। बता दें कि जीएसटी काउंसिल की बैठक आज ही शाम 4 से 6 बजे तक है।
वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड-19 की वजह से अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। गरीब एवं कमजोर वर्ग की जरूरतों को आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत पूरी करने की कोशिश की गई है। कंज्यूमर खर्च बढ़ाने के लिए सरकार की तरफ से दो कम्पोनेन्ट का ऐलान किया गया है। इसमें से पहला LTC कैश वाउचर स्कीम है। वहीं, दूसरा स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम होगा।
उन्होंने कहा कि एलटीसी नकद वाउचर योजना और विशेष त्योहार अग्रिम योजना शुरू की जाएगी। सरकार कर्मचारियों को एलटीसी में टिकट किराए का भुगतान में नकद करेगी। वित्त मंत्री ने यात्रा अवकाश भत्ते (LTC) के कैश वाउचर स्कीम की भी घोषणा की। इस योजना के तहत सरकारी कर्मचारी को नकद वाउचर मिलेगा, जिससे वो खर्च कर सकेंगे। इससे अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ पीएसयू व सार्वजनिक बैंकों के कर्मचारियों को भी मिलेगा।
स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम- स्पेशल फेस्टिवल एडवांस स्कीम अगले छह महीने के लिए उपलब्ध है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था में मांग को प्रोत्साहन के लिए अपने सभी कर्मचारियों को एकमुश्त 10,000 रुपये का विशेष त्योहार अग्रिम देगी। राशि को 31 मार्च 2021 तक खर्च करना होगा। यह प्रीपेड रूपे कार्ड के रूप में दिया जाएगा और कर्मचारी 10 किस्त में इसे जमा करा सकते हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि पूंजीगत बढ़ाने का अर्थव्यवस्था पर कई गुना असर होता है। इसका न सिर्फ मौजूदा जीडीपी बल्कि आगे की जीडीपी पर भी असर होता है। 50 साल का ब्याज रहित लोन राज्यों को 12 हजार करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के लिए दिया जाएगा। इसका तीन हिस्सा होगा-2500 करोड़ रुपये पूर्वोत्तर, उत्तराखंड और हिमाचल को दिया जाएगा।
इसके बाद 7500 करोड़ रुपये अन्य राज्यों को वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक दिया जाएगा। तीसरा 2,000 करोड़ रुपये का हिस्सा उन राज्यों को मिलेगा जो कि आत्मनिर्भर के तहत ऐलान चार में से कम से कम 3 सुधार लागू करेंगे। यह पूरा लोन 31 मार्च 2021 से पहले दिया जाएगा। यह राज्यों को पहले से मिल रहे लोन के अतिरिक्त होगा।
याद हो कि आज शाम को 4 बजे वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की बैठक भी है। इस मीटिंग में यह तय किया जाना है कि राज्यों को मुआवजा देने के मामले में जो विवाद बना हुआ है, उसका समाधान किस तरह से निकाला जाए।