भारत के किसानों को नहीं होगी कोई दिक्कत : PM Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजकोट के अटकोट में नवनिर्मित मातुश्री केडीपी मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल उद्घाटन कर दिया है. ये अस्पताल 40 करोड़ की लागत से बना है. पीएम ने राजकोट में एक जनसभा को संबोधित किया. बता दें कि गुजरात में इसी साल चुनाव है. बीते चुनाव में पाटीदारों की नाराजगी के कारण बीजेपी 100 का आंकड़ा पार नहीं कर पाई थी.
इसका सबसे ज्यादा असर सौराष्ट्र में ही देखने मिला था. 56 सीटों में 32 सीटें कांग्रेस को मिली थीं, जबकि 22 सीटें बीजेपी के पाले में गई थीं. ऐसे में पीएम का ये दौरान राजनीतिक लिहाज से भी अहम माना जा रहा है. बीते दो सालों में कोरोना और लॉकडाउन के कारण इंटरनेशनल मार्केट में फर्टिलाइजर की कीमत बढ़ गई थी. इसके बाद रूस और यूक्रेन का युद्ध आ गया. कीमतों को और अधिक बढ़ा दिया. किसानों के प्रति संवेदनशील हमारी सरकार ने तय किया कि अंतरराष्ट्रीय स्थितियां चिंताजनक है, कठिनाईयां हैं, मुश्किलें हैं लेकिन हमारी कोशिश है कि ये सब मुसीबतें हम झेलेंगे, किसानों को कोई फर्क नहीं पड़ने देंगे. भारत विदेशों से यूरिया मंगाता है, उसमें यूरिया का 50 किलो को एक बैग 3500 का पड़ता है लेकिन देश में ये बैग सिर्फ 300 रुपए में दिया जाता है. यूरिया के एक बैग पर हमारी सरकार 3200 रुपए का बोझ उठाती है.
पीएम मोदी ने कहा कि किसानों के सामने जो समस्याएं हैं, ऐसा नहीं है कि ये समस्याएं पहले नहीं थी, लेकिन पहले की सरकारों ने इन समस्याओं पर सीमित प्रयास किया. गुजरात का किसान प्रगतिशील है. जिस प्रकार की खबरें गुजरात से आ रही है कि प्राकृतिक खेती की ओर छोटा किसान भी मुड़ने लगा है. इस पहल के लिए मैं उन्हें प्रणाम करता हूं. पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भरता में कई मुश्किलों का हल है, ये सफलता के साथ अनुभव किया है. सहकारिता की बात आती है तो वैंकुट भाई मेहता की याद आती है. भारत सरकार उनके नाम पर बड़ा इंस्टीट्यूट चलाती है.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है जिसमें गुजरात की बड़ी हिस्सेदारी है. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भागीदारी भी निभा रहा है. ये कारोबार ज्यादातर हमारी माताएं-बहनें संभालती हैं. भारत के छोटे किसानों और भूमिहीन श्रमिकों के लिए बहुत बड़ा संबल है. बीते दशकों में गुजरात में अधिक समृद्धि देखने को मिली है तो इसका बड़ा कारण डेयरी से जुड़े सहकारिता विभाग रहे हैं.
सहकारिता ने गुजरात में महिला स्वावलंबन को बड़ा आयाम दिया है. दुनिया भर में लिज्जत पापड़ बड़ा ब्रांड बन चुका है. हमारी सरकार ने लिज्जत पापड़ वाली माताजी को पद्म का अवार्ड दिया. अमूल के साथ लिज्जत भी ब्रांड बन गया है. सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्ववास के साथ सबका प्रयास के मंत्र पर हम चल रहे हैं. सहकार की सीमाओं की आत्मा के अंदर ये मंत्र हैं. इसी उद्देश्य के साथ केंद्र में सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय का गठन किया गया और कोशिश है कि देश में सहकारिता आधारित आर्थिक मॉडल को प्रोत्साहित किया जाए. हमारा प्रयास है कि सहकारी समितियों को मार्केट में प्रतिस्पर्धी बनाए. बीते सालों में कॉपरेटिव सोसाइटी में टैक्स में भी कटौती की है.
Farmers of India will not face any problem: PM Modi