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आर्थिक पैकेज: 6 लाख करोड़ की पहली किस्त

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आर्थिक पैकेज: 6 लाख करोड़ की पहली किस्त

finance minister announcing details of economic package
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी, उसके पहले चरण के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को करीब छह लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की। इसमें मुख्य तौर पर MSME सेक्टर को राहत देने पर जोर दिया गया है। सरकार को उम्मीद है कि इस प्रोत्साहन पैकेज से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद मिलगी। यह प्रोत्साहन पैकेज कोरोना वायरस के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के 50वें दिन सामने आया है।

आर्थिक पैकेज में की गईं अहम घोषणाएं

1. MSME को 3 लाख करोड़ रुपए का कोलेट्रल फ्री (बिना किसी गारंटी के) लोन दिया जायेगा। भारत सरकार इस कर्ज के लिए 100% गारंटी देगी।

फायदा – 4 साल के लिए दिये जानेवाले इस कर्ज से करीब 45 लाख MSME को लाभ होगा। देश में करीब 50 फीसदी रोजगार इसी क्षेत्र में सृजित होता है, इसलिए इससे सरकार एक साथ कई वर्गों को राहत दे सकेगी।

2. एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव किया गया है। सूक्ष्म उद्योग – 1 करोड़ तक का निवेश, 5 करोड़ तक का वार्षिक कारोबार, लघु उद्योग – 10 करोड़ तक का निवेश, 50 करोड़ तक का व्यवसाय, मध्यम उद्योग – 20 करोड़ तक का निवेश, 100 करोड़ तक का व्यवसाय।

फायदा – इसके दायरे में करीब 45 लाख उद्योग आएंगे जिन्हें अपने कारोबार में ज्यादा निवेश लाने और उसे बढ़ाने की सहूलियत होगी। उद्योगपतियों को अपना कारोबार बढ़ाने के लिए भी प्रोत्साहन मिलेगा।

3. मुश्किल में फंसे या एनपीए हो चुके एमएसएमई की मदद के लिए 20 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इससे 2 लाख से अधिक एमएसएमई को लाभ होगा।

4. बेहतर कारोबार कर रहे एमएसएमई में 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जायेगा। इनके लिए 10 हजार करोड़ रुपए के ‘फंड ऑफ फंड’ की स्थापना की जायेगी। इससे एमएसएमई को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने में मदद मिलेगी।

5. सरकारी खरीद में 200 करोड़ रुपए या इससे नीचे का ग्लोबल टेंडर नहीं दिया जाएगा। इससे MSMEs को बड़ी परियोजनाओं के लिए सप्लाई करने का मौका मिलेगा। ये आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अच्छा कदम है। सरकारी यूनिट्स भी अब सरकारी खरीद का हिस्सा बन सकती हैं।

6. गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC), आवास वित्त कंपनियों (HFC) और माइक्रो फायनांस संस्थानों (MFI) के लिये 30,000 करोड़ रुपये के विशेष नकदी योजना की घोषणा की गई है। इसके अलावा निम्न साख (एए या इससे कम की रेटिंग) वाले एनबीएफसी, आवास वित्त कंपनियों (एचएफसी) और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) के लिये 45,000 करोड़ रुपये की आंशिक ऋण गारंटी (पार्शियल क्रेडिट गारंटी) योजना का भी ऐलान किया गया है।

फायदा – ये कंपनियां व्यक्तियों तथा एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) क्षेत्र की इकाइयों को अधिक कर्ज दे सकेंगी और अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

7. 100 कर्मचारियों तक के ऐसे संगठन जिनमें 90 प्रतिशत कर्मचारियों का वेतन 15 हजार रुपए से कम है, उनके पीएफ का पूरा अंशदान सरकार जमा कराएगी। यानी ऐसे संस्थानों के कर्मचारियों और नियोक्ताओं, दोनों की तरफ से दिया जाने वाला अंशदान सरकार देगी। पहले सरकार ने मार्च, अप्रैल और मई का अंशदान दिया था, जिसे अब अगले तीन महीनों यानी अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है।

फायदा – इससे 3.67 लाख उद्यमों में काम करने वाले 72.22 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा और अर्थव्यवस्था में 2,500 करोड़ रुपए की तरलता बढ़ेगी।

8. TDS का रेट 25 फीसदी घटा दिया गया है। यह इंटरनेट, रेंट, ब्रोकरेज सहित सभी पेमेंट पर लागू होगा। यह 14 मई से लागू होगा और 31 मार्च 2021 तक चलेगा। इससे लोगों के हाथ में 50,000 करोड़ रुपए आएंगे।

फायदा – टैक्स देनेवाली जनता के लिए फिलहाल सबसे बड़ा फायदा यही है। ये पैसा सीधे सरकार की जेब से जा रहा है।

कुछ घोषणाएं खोखली भी ?

1.  31 जुलाई 2020 और 31 अक्टूबर 2020 तक भरे जाने वाले सभी आयकर रिटर्न की अवधि 30 नंवबर 2020 तक बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही 30 सितंबर तक भरे जाने वोल कर आडिट रिपोर्ट की अवधि भी 31 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है।

फायदा – ये किसी तरह की आर्थिक राहत नहीं है, सिर्फ समय -सीमा में छूट मिली है। आयकर तो आपको उतना ही चुकाना होगा, जितना तय है। इसे चाहे आज भरें या तीन महीने बाद।

2. पांच लाख रुपए तक के इंकम टैक्स के सभी लंबित रिफंड जारी किये जा रहे हैं। अब तक 14 लाख से अधिक रिफंड जारी किये जा चुके हैं।

फायदा – ये आपका ही पैसा था, जिसे सरकार अब लंबित नहीं रखेगी, बल्कि आपको वापस कर देगी।

3. जो लोग EPF के दायरे में नहीं आते हैं, उनकी टेकहोम सैलरी बढ़ाने के लिए PF कॉन्ट्रिब्यूशन 12 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया है। ये नियम सरकारी कंपनियों पर लागू नहीं होगा।

फायदा – इसमें सरकार की जेब से कुछ भी नहीं जा रहा। ये आपकी बचत का पैसा था, जो पहले 12 फीसदी जमा होता था, लेकिन अब केवल 10 फीसदी ही जमा होगा। यानी आपकी बचत का एक हिस्सा, जमा होने के बजाए आपके टेकहोम में जुड़ जाएगा।

4. कैश की दिक्कत से जूझ रहीं डिस्कॉम कंपनियों को PFC और REC के जरिए 90,000 करोड़ रुपए का लिक्विडिटी मुहैया कराया जाएगा। इसमें मिलने वाली छूट लोगों तक पहुंचाना होगा।

फायदा – इन कंपनियों को पैसे देने से, इसका लाभ जनता तक कैसे पहुंचेगा, ये तय नहीं है। अभी तक ज्यादातर बिजली कंपनियों पर मुनाफाखोरी का आरोप लगता रहा है।

5. निर्माण क्षेत्र को राहत देते हुए सभी सरकारी एजेंसियों की ओर से, ठेकेदारों को निर्माण, वस्तु एवं सेवा अनुबंधों को पूरा करने के लिये छह महीने का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। यानी काम में देरी की वजह से उनके अनुबंध पर कोई असर नहीं पड़ेगा। रेरा में रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट को भी छह माह की राहत मिलेगी।

फायदा – इन्हें सिर्फ काम पूरा करने के लिए ज्यादा समय दिया गया है, किसी तरह की आर्थिक सहायता नहीं।

Shailendra

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