1.5 लाख करोड़ का पैकेज, 11 घोषणाएं
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को पीएम मोदी की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ के पैकेज के तीसरे हिस्से का ऐलान किया, जिसमें कुल डेढ़ लाख करोड़ रुपए की योजनाओं का ब्लूप्रिंट पेश किया गया। इस दौरान वित्त मंत्री ने कृषि और इससे जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए 1 लाख करोड़ के फंड की घोषणा की। इसके अलावा किसानों को उनके उत्पाद की सही कीमत दिलाने के लिए तीन सुधारों का ऐलान भी किया गया।
तीसरे चरण की अहम घोषणाएं
- किसान देश का पेट भरने के साथ निर्यात भी करता है। इसलिए अनाज भंडारण, कोल्ड चेन और अन्य कृषि आधारित इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। कृषि उत्पादक संघ, कृषि स्टार्टअप आदि को भी इसका लाभ मिलेगा।
- माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज (एमएफई) के फॉर्मलाइजेशन के लिए 10 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इससे देश के अलग-अलग हिस्सों के उत्पादों को ब्रैंड बनाया जाएगा। जैसे – बिहार का मखाना, जम्मू कश्मीर का केसर, नॉर्थ ईस्ट का बंबू शूट, यूपी का आम आदि। लगभग 2 लाख खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को इसका लाभ मिलेगा। इससे जुड़े लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ंगे।
- पीएम मत्स्य संपदा योजना – इस योजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपए रखे गए हैं। इसके वैल्यू चेन में मौजूद खामियों को दूर किया जाएगा। 11 हजार करोड़ रुपए समुद्री मत्स्य पालन और 9 हजार करोड़ रुपए इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में खर्च किए जाएंगे। इससे अगले 5 साल में मत्स्य उत्पादन 70 लाख टन बढ़ेगा, 55 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा और निर्यात दोगुना होकर 1 लाख करोड़ रुपए का हो जाएगा।
- नेशनल एनिमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत मुंह पका-खुर पका बीमारी से बचाने के लिए जानवरों को वैक्सीन लगाया जाएगा। इस पर 13,343 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस योजना के तहत 53 करोड़ पशुओं को टीका लगाया जाएगा। अभी तक 1.5 करोड़ गाय और भैसों को टीका लगाया गया है। इससे दूध उत्पादन में वृद्धि होगी और उत्पादकों को लाभ होगा।
- पशुपालन में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इससे अधिक दूध उत्पादन होगा और प्रोसेसिंग यूनिट आदि लगाए जाएंगे।
- हर्बल खेती के लिए 4 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। 10 लाख हेक्टेएयर में यह खेती होगी। इससे किसानों को 5 हजार करोड़ रुपए की आमदनी होगी। इनमें से 800 हेक्टएयर की खेती गंगा के दोनों किनारों पर की जाएगी।
- मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इससे 2 लाख मधुमक्खी पालकों को लाभ होगा और उपभोक्ताओं को बेहतर शहद मिलेगा।
- किसानों के लिए सुविधाजनक ऐसा कानूनी ढांचा बनाया जाएगा, जिसके तहत उसे निश्चित आमदनी हो, जोखिम रहित खेती हो और गुणवत्ता मानकीकरण किया जाएगा। इससे किसान बड़े खुदरा व्यापारी, निर्यातकों के साथ पारदर्शिता के साथ काम कर सकेंगे, और उनके उत्पीड़न पर रोक लगेगी।
- टॉप टु टोटल के लिए 500 करोड़ – इस योजना के तहत 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। पहले यह टमाटर, आलू और प्याज के लिए था, लेकिन अब अन्य सभी फल और सब्जियों के लिए लागू किया जाएगा। इस योजना के तहत सभी फल-सब्जियों को लाने से 50 फीसदी सब्सिडी मालभाड़े और 50 फीसदी स्टोरेज, कोल्ड स्टोरेज के लिए दी जाएगी।
- किसान जहां चाहें वहां बेचें उत्पाद – किसान को अभी एपीएमसी लाइसेंस धारकों को ही अपना उत्पाद बेचना पड़ता है। एक केंद्रीय कानून बनाया डाएगा, जिसके तहत उन्हें किसी भी राज्य में अपना उत्पाद ले जाकर बेचने की छूट होगी। इससे किसानों को अपने उत्पाद की सही कीमत मिल सकेगी।
- आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन – कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और निवेश बढ़ाने के लिए 1955 के आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव किया जाएगा। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। तिलहन, दलहन, प्याज, आलू को अनियमित किया जाएगा ताकि किसानों को लाभ मिल सके। इस संशोधन के बाद प्रसंस्करण करने वालों तथा मूल्य श्रृंखला के अन्य भागीदारों पर भंडारण सीमा लागू नहीं होगी।
वित्त मंत्री इससे पहले बुधवार और गुरुवार को एमएसएमई, नौकरी पेशा, टैक्सपेयर्स, किसानों, छोटे व्यापारियों, फेरीवालों और प्रवासी मजदूरों के लिए राहत का ऐलान कर चुकी हैं। कोरोना वायरस संकट को अवसर में बदलने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान करते हुए देश के सामने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के महत्वाकांक्षी मिशन का ऐलान किया था। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार तीसरे दिन इससे जुड़ी योजनाओं और पैकेज का ब्योरा देश के सामने रखा है।