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अब से कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए चीन जाने की नहीं होगी जरूरत, भारत से होंगे दर्शन

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अब से कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए चीन जाने की नहीं होगी जरूरत, भारत से होंगे दर्शन

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कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील के दर्शन की चाह रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक खुशखबरी है. दरअसल भारत अभी तक इन दोनों ही जगहों के दर्शन के लिए चीन पर आश्रित था. चीन की ओर से परमिशन मिलने के बाद ही यहां की यात्रा संभव हो पाती थी. क्योंकि यह दोनों ही तिब्बत क्षेत्र में आते हैं. पिछले तीन साल से चीन ने इस यात्रा के लिए परमिशन नहीं दी है जिसकी वजह से यह यात्रा संभव नहीं हो सकी है.

ऐसे में पिथौरागढ़ के प्रशासनिक अधिकारियों ने एक और चोटी की खोज की है जहां से कैलाश पर्वत के दर्शन बहुत ही आसानी से हो सकते हैं. इसलिए अब यहां की यात्रा और दर्शन करने के लिए चीन की ओर से परमिशन की जरूरत नहीं है. दरअसल नाभाढांग के पास करीब 2 किलोमीटर की ऊंची पहाड़ी से कैलाश पर्वत साफ दिखाई देता है. बता दें कि अभी तक किसी को भी इस बात की सूचना नहीं थी. कुछ लोग यहां पर टहलते हुए पहुंचे थे जिन्हें यहां पर कैलाश पर्वत बहुत करीब से दिखाई दिया.

भारत की जमीन से कैलाश पर्वत के दिखाई देने की बात की जानकारी उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को दी. जब अधिकारियों की टीम इस बात की पुष्टि करने के लिए पहुंची तो वह भी दंग रह गए. उन्हें भी यहां से कैलाश पर्वत के साफ दर्शन हुए. स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि लिपुलेख से कैलाश पर्वत के दर्शन बहुत आसानी से होते हैं. स्थानीय अधिकारी इस बात की रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे जिसके बाद आगे की तैयारी की जा सकेगी.

इस खोज के बाद अब चीन पर निर्भरता खत्म होगी. दरअसल चीन के साथ बॉर्डर पर तनातनी की वजह से पिछले 3 सालों से कैलाश मानसरोवर यात्रा नहीं हो पा रही है. ऐसे में भारत की जमीन से अगर यह दर्शन संभव हो पाते हैं तो इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता है. दरअसल भारत यहां तक सड़क निर्माण कर रहा है जो कि लिपुलेख तक जाती है.

स्थानीय रिपोर्ट्स की माने तो फिलहाल इस 2 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़ना आसान नहीं है, हालांकि यहां पर पहुंचने के लिए मार्ग बनाने पर विचार किया जा रहा है. स्थानीय अधिकारी के अनुसार ओल्ड लिपुलेख तक सड़क बनाने की जरूरत पड़ेगी और यात्रियों को लिए मूलभूत सुविधाएं भी यहां पर जुटानी होंगी. इन व्यवस्थाओं के बाद ही पर्यटकों को यहां पर आने के लिए कहा जा सकता है.

स्थानीय रहवासियों के मुताबिक यहां पर ज्योलिंगकांग से करीब 25 किमी ऊपर लिंपियाधूरा चोटी पर जाने से भी कैलाश पर्वत के दर्शन संभव है. यहां से ओम पर्वत, आदि कैलाश और पार्वती सरोवर के साथ-साथ कैलाश पर्वत के भी दर्शन हो सकते हैं जिससे यहां पर पर्यटन बढ़ सकता है.

Asit Mandal

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