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भारत सरकार ने ब्रैस्ट मिल्क पर लगाया बैन

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भारत सरकार ने ब्रैस्ट मिल्क पर लगाया बैन

Breast milk
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डेयरी लाइसेंस के नाम पर ‘मां का दूध’ (Breast/Human Milk) बेचने के मामले में सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है. दूध से बने उत्पादों के नाम पर इस तरह के किसी भी प्रोडक्ट की बिक्री करने वाली कंपनी का लाइसेंस रद्द करने साथ ही जरूरत पड़ने पर जरूरी कानूनी कार्रवाई करने के आदेश भी सरकार ने दे दिए हैं. सरकार ने साफ शब्दों में कहा है कि भारत में ‘मां के दूध’ को बेचने की अनुमति नहीं दी जाएगी.

सरकार ने Breast Milk की व्यावसायिक बिक्री के खिलाफ ये बड़ा कदम उठाया है. सरकार की ओर से कहा गया है कि एफएसएसएआई लाइसेंस के तहत दूध या डेयरी उत्पादों के नाम पर ब्रेस्ट मिल्क की बिक्री किए जाने से जुड़ी कोई भी रिपोर्ट मिलती है, तो ऐसे मामले में स्टॉक्स की जब्ती के साथ लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. साथ ही अन्य सख्त कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी. FSS Act 2006 और उसके तहत बनाए गए नियमों/विनियमों के प्रावधानों के मुताबिक ऐसे एफबीओ के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

साल 2016 में स्थापित नियोलैक्टा को मूल रूप से डेयरी उत्पादों की श्रेणी में FSSAI के कर्नाटक कार्यालय से लाइसेंस मिला था. इस पर कार्रवाई करते हुए भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण ने दो टूक कहा था कि भारत में मां के दूध को बेचने की अनुमति नहीं है. वहीं दूसरी ओर कंपनी के एमडी सौरभ अग्रवाल का कहना था कि डोनेट किए गए Breast Milk का उपयोग मुख्य रूप से समय से पहले या बीमार बच्चों के लिए किया जाता है.

अब एक बार फिर सरकार की ओर से साफ कर दिया गया है कि देश में Breast Milk के व्यावसायीकरण की अनुमति कतई नहीं दी जाएगी. पूर्व रिपोर्ट्स की मानें तो नियोलैक्टा कंपनी 300 मिलीलीटर फ्रोजन ब्रेस्ट मिल्क के लिए 4,500 रुपये चार्ज करती है.

Government of India banned breast milk

Asit Mandal

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