युवाओं में बढ़ती ईयर फोन की लत कर रही है बहरा : रिसर्च में खुलासा
अगर आप ईयरफोन पर हाई वॉल्यूम में गाने सुनने के शौकीन हैं, तो इसे नियंत्रित करने की जरूरत है, क्योंकि यह शौक आपको बहरा बना सकता है। चंडीगढ़ पीजीआई के ईएनटी विभाग की स्पीच एंड हियरिंग यूनिट के विशेषज्ञों ने इसे वृहद अध्ययन से साबित किया है। विभाग ने कम सुनाई देने और कान में सीटी या सांय-सांय की आवाज की शिकायत करने वाले युवाओं पर किए गए अध्ययन में यह सच्चाई सामने आई है।
इसमें पाया गया है कि जिन युवाओं ने 24 घंटे में दो घंटे से ज्यादा तेज आवाज में ईयरफोन पर गाने सुने, उनकी सुनने की क्षमता तेजी से कम हुई है। विशेषज्ञ ऐसे युवाओं को शोर से दूर रहने के साथ ईयरफोन का इस्तेमाल न करने की सलाह दे रहे हैं। स्पीच एंड हियरिंग यूनिट के प्रमुख प्रो. संजय मुंजाल ने बताया कि पहले 45 से 50 साल की उम्र के लोग कम सुनाई देने से संबंधित शिकायत लेकर आते थे, लेकिन अब स्थिति यह है कि 35 साल से नीचे के युवा श्रवण क्षमता से जुड़ी तमाम तरह की परेशानी लेकर आने लगे हैं।
प्रो. संजय ने बताया कि 80 डेसिबल से ज्यादा की ध्वनि घातक है। यह सीधे हमारे श्रवण तंतुओं को प्रभावित करती है। अगर बात ईयरफोन की हो तो सामान्य तौर पर युवा 90 से 100 डेसिबल पर गाने सुनते हैं, इसलिए बेहतर होगा कि दिनभर में दो घंटे से ज्यादा ईयरफोन न लगाएं। ईयरफोन के बजाय स्पीकर पर गाने सुनें, क्योंकि वे कान के संपर्क से दूर होगा। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार सेल्फ ऑडियो इंस्ट्रूमेंट (ईयर फोन) के प्रयोग से दुनिया भर में लगभग 1.1 अरब किशोर और वयस्क के सामने हियरिंग लॉस का खतरा पैदा हो गया है। एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनियाभर में 43 करोड़ लोग बहरेपन से जूझ रहे हैं।
इन लक्षणों पर करें गौर
जब व्यक्ति को किसी अन्य की आवाज कम सुनाई देती है। टीवी के कार्यक्रम को तेज आवाज में सुनना
कान में दर्द होना या भीड़ में पीछे की आवाज को सुनने में असमर्थ
Growing ear phone addiction among youth is making them deaf: Research revealed