गुजरात-हिमाचल चुनाव : 10 बड़े चेहरे, जानिए कौन जीता-कौन हारा
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तमाम कोशिशों के बावजूद आम आदमी पार्टी गुजरात में कुछ ख़ास नहीं कर पाई है. हिमाचल प्रदेश में तो उनका खाता तक नहीं खुला. हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को बंपर जीत मिली है. बात करें गुजरात की तो बीजेपी ने इतिहास रच दिया है. भारी भरकम जीत से कांग्रेस और आप को काफी पीछे छोड़ दिया है. गुजरात की जनता ने मोदी के नाम पर जमकर वोट डाले है. उसका परिणाम चुनाव का रिजल्ट है.
10 बड़े चेहरे, जानिए कौन जीता-कौन हारा
भूपेंद्र पटेल – गुजरात के मौजूदा मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस चुनाव में अहमदाबाद की घटलोदिया सीट से अपनी किस्मत आजमाई. उनका मुक़ाबला कांग्रेस के अमी याज्ञनिक और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार विजय पटेल से था. चुनाव आयोग से मिले ताजा आंकड़ों के मुताबिक़, भूपेंद्र पटेल को अब तक 1.65 लाख वोट मिले हैं. साल 2017 में पटेल ने हार्दिक पटेल की ओर से आती चुनौती के बावजूद 1.17 लाख वोटों के बड़े मार्जिन से इस सीट पर जीत दर्ज की थी. भूपेंद्र पटेल की विधानसभा सीट के बारे में ख़ास बात ये है कि इस सीट ने गुजरात को एक नहीं दो – दो मुख्यमंत्री दिए हैं. इससे पहले गुजरात की मुख्यमंत्री रहीं आनंदीबेन पटेल भी इसी विधानसभा सीट से आई थीं.
इसुदान गढ़वी – आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार रहे इसुदान गढ़वी गुजरात की खंबालिया सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे थे. राजनीति में आने से पहले गढ़वी एक टीवी पत्रकार हुआ करते थे. और अरविंद केजरीवाल ने संभवत: टीवी एंकर के रूप में उनकी लोकप्रियता को ध्यान में रखकर ही मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया था. हालांकि, वह हार गए.
गोपाल इटालिया – आम आदमी पार्टी के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष अपने बयानों के लिए काफ़ी चर्चा में रहे हैं. लेकिन नतीजों के दिन वह आम आदमी पार्टी के लिए कुछ ख़ास नतीजे लाते नहीं दिख रहे हैं. गुजरात की कटरागाम विधानसभा सीट पर उनका मुक़ाबला बीजेपी के विनोद मोरदिया और कांग्रेस के कल्पेश वरिया से है. अपनी सीट नहीं बचा पाए.
हर्ष सांघवी – गुजरात में बीजेपी के सबसे कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले हर्ष सांघवी मौजूदा सरकार में गृह मंत्री हैं. सांघवी गुजरात के दूसरे सबसे बड़े शहर सूरत की मजुरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़े. उनका सामना कांग्रेस के बलवंत शांतिलाल जैन और आम आदमी पार्टी के पीवीएस सरमा से था. आख़िरकार वो जीत गए.
जिग्नेश मेवाणी – गुजरात में कांग्रेस पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवाणी गुजरात की वडगाम विधानसभा सीट पर बीजेपी के मणिभाई वाघेला और आम आदमी पार्टी के दलपत भाटिया का मुकाबला था. दिलचस्प बात ये है कि मेवाणी ने पिछले चुनाव में इस सीट पर जीत दर्ज की थी. लेकिन मेवाणी की वो जीत एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में थी. और इस बार वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. और वो जीत गए.
हार्दिक पटेल – गुजरात के पाटीदार आंदोलन से उपजे हार्दिक पटेल ने इस चुनाव में कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी के टिकट पर अहमदाबाद की विरंगम विधानसभा सीट पर अपनी किस्मत आजमाई है. उनका मुक़ाबला कांग्रेस के लखाभाई भरवाड और आम आदमी पार्टी अमरसिंह ठाकोर से था. इसी सीट पर दलित नेता किरीट राठोड़ स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपनी किस्मत आजमाए. हार्दिक ने जीत हासिल की.
अल्पेश ठाकोर – हार्दिक पटेल की तरह अल्पेश ठाकोर ने कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी का हाथ थामा है. गुजरात की गांधीनगर दक्षिण विधानसभा सीट पर ठाकोर का मुकाबला कांग्रेस के हिमांशु पटेल और आम आदमी पार्टी के दौलत पटेल से है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक़, ठाकोर को अब तक 95 हज़ार से ज़्यादा वोट मिल चुके हैं.
अर्जुन मोढवाडिया – गुजरात की पोरबंदर सीट से कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया का सामना बाबू बोखिरिया से है. ये एक ऐसी सीट है जिस पर मेर और कोली वोटर्स का दबदबा रहता है. मोढवाडिया का मुकाबला बीजेपी के बोखिरिया से है जिन्होंने 1995, 1998, 2012 और 2017 में चुनाव जीता है. साल 2002 और 2007 में मोधवाधिया ने चुनाव जीता है. इस चुनाव में दोनों के बीच कांटे का मुकाबला जारी है. अब तक मोधवाधिया को 81 हज़ार से कुछ ज़्यादा और बोखिरिया को 73 हज़ार से कुछ ज़्यादा वोट हासिल हुए हैं.
जयराम ठाकुर – बीजेपी जहां गुजरात में लगातार सातवीं बार सरकार बनाने जा रही है. वहीं, हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को निराशा हाथ लगी है. बीजेपी के मुख्यमंत्री उम्मीदवार जयराम ठाकुर सेराज विधानसभा सीट पर कांग्रेस के चेतराम ठाकुर और आम आदमी पार्टी की गीता नंद ठाकुर का सामना कर रहे हैं. इस चुनाव में बीजेपी को भले ही निराशा हाथ लगती दिख रही हो लेकिन जयराम ठाकुर अपनी सीट पर जीत दर्ज की.
विक्रमादित्य सिंह – हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट से चुनाव लड़े. उनका सामना बीजेपी के रवि कुमार मेहता और आम आदमी पार्टी के प्रेम कुमार से था. साल 2017 में भी विक्रमादित्य सिंह ने इस सीट पर लगभग चार हज़ार वोटों के अंतर से चुनाव जीता था. लेकिन ये एक ऐसी सीट है जिससे वीरभद्र सिंह चुनाव लड़ते रहे थे. विक्रमादित्य ने भी इस सीट पर जीत हासिल करने में सफल रहे.
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