ज्ञानवापी मस्जिद : SC ने पूरा मामला जिला जज को किया ट्रांसफर
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ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस मामले में कोर्ट ने तीन सुझाव दिए हैं. इसके साथ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि जिला जज अपने हिसाब से सुनवाई करें, क्योंकि वह अनुभवी न्यायिक अधिकारी होते हैं. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस नरसिम्हा और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने तीन सुझाव देते हुए कहा कि हम निचली अदालत से कहें कि मुस्लिम पक्ष के आवेदन पर जल्द सुनवाई कर निपटारा करे. वहीं, जब तक ट्रायल कोर्ट इस आवेदन पर फैसला लेता है, तब तक हमारा अंतरिम आदेश प्रभावी रहेगा. इसके साथ कहा कि हम निचली अदालत को किसी खास तरीके से कुछ करने के लिए नहीं कह सकते, क्योंकि वे अपने काम में माहिर हैं. वहीं, मस्जिद कमेटी ने कहा कि अब तक जो भी आदेश ट्रायल कोर्ट द्वारा दिए गए हैं वो माहौल खराब कर सकते हैं. इस पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले में दोनों पक्षों के अधिकारों को सीमित करेंगे. आप केस के मेरिट पर बात करें.
इसके साथ कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से कहा कि हम आपके पक्ष में ही सुझाव रख रहे हैं. अगर 1991 के कानून के तहत केस की वैधता तय की जायेगी, तो फिर मुश्किल होगी. हम ट्रायल जज को नहीं कह सकते हैं कि वो कमीशन की रिपोर्ट का क्या करें, वो अपने आप में सक्षम है. कोर्ट हम सभी पक्षों से सुझाव चाहते हैं कि हमारा अंतरिम आदेश सबके हित में हो.
मस्जिद पक्ष के वकील हुजाफाने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि हमारी एसएलपी आयोग की नियुक्ति के खिलाफ है. इस प्रकार की शरारत को रोकने के लिए ही 1991 का अधिनियम बनाया गया था. कहानी बनाने के लिए आयोग की रिपोर्ट को चुनिंदा रूप से लीक किया गया है. इसके साथ कमेटी ने कहा, ‘ हमें मौका दिया जाए कि एक नैरेटिव सेट किया जा रहा है. ये मामला इतना आसान नहीं है. मेरी मांग है कि यदि मामला वाराणसी कोर्ट जाता है फिर भी यथास्थिति बनाए रखी जाए. वकील हुजाफा ने कहा है कि वाराणसी कोर्ट ने अभी तक जो भी आदेश दिया है,वह गैरकानूनी है और इसे अवैध घोषित किया जाना चाहिए.
यही नहीं, मस्जिद कमेटी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दलील देते हुए कहा गया कि लोकल कोर्ट के आदेश का आधार पर पांच और मस्जिदों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. अगर आज इसे अनुमति दी जाती है तो कल कोई इसी तरह से मस्जिद के नीचे मंदिर होने का नैरेटिव सेट किया जायेगा. देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ेगा.
ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तीन सुझाव दिए हैं. इसके साथ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा है कि जिला जज अपने हिसाब से सुनवाई करें. इसके साथ सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से कहा कि हम आपके पक्ष में ही सुझाव रख रहे हैं. अगर 1991 के कानून के तहत केस की वैधता तय की जायेगी, तो फिर मुश्किल होगी.
Gyanvapi Masjid: SC transferred the whole matter to the District Judge