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सबका नंबर आएगा

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सबका नंबर आएगा

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लकी ड्रॉ और रजिस्ट्रेशन फी, आधार कार्ड या क्रेडिट कार्ड अपडेट करने के नाम पर आया कॉल आपको कंगाल बना सकता है।

मुंबई में फोन पे के कैश बैक ऑफर की ये डील सुनिए।

इसी तरह की एक कॉल रांची में भी आई। जहां कॉल करने वाले ने खुद को स्नैपडील का एसिस्टेंट मैनेजर संजय शर्मा बता कर कहा कि स्नैपडील के 82 हजार खरीदारों में लकी ड्रॉ के बाद आपको  12.60 लाख का टाटा सफारी इनाम में मिला  है। रजिस्ट्रेशन चार्ज तीन हजार जमा करने के पहले आईडी प्रूफ भेजने के लिए उस शख्स ने व्हाट्सएप नंबर 9748090192 भी बताया।

इस कहानी को और बेहतर तौर पर समझना हो तो आप नेटफ्लिक्स की वेब सीरिज Jamtara  देख सकते हैं। जामताड़ा झारखंड में वो जगह है जो 2015-16 में फोन के जरिए ठगी के लिए देश भर में मशहूर हुआ था।

ब्रिटेन में Aviva के एक सर्वे में पाया गया कि 22% लोगों को emails, texts या phone calls के जरिए ठगने की कोशिश की गई है। 46% लोग इस तरह के फर्जी कॉल की शिकायत नहीं करते, क्योंकि उन्हें पता ही नहीं कि इस वास्ते किससे शिकायत की जाए।

कोरोना को लेकर लोग खुद को जिंदगी में मानसिक तौर पर सबसे ज्यादा कमजोर पा रहे हैं। ठग इस बात का फायदा उठा रहे हैं।


Vishing क्या है?

फोन कॉल के जरिए ठगी को ‘voice phishing’ या Vishing कहते हैं।

पटियाला से कांग्रेस सांसद और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर से एक ठग ने बैंक अधिकारी बन कर कॉल किया और उऩसे डेबिट कार्ड का ATM pin, Card Verification Value (CVV) number और  One Time password (OTP) पूछ कर उन के खाते से ₹23 लाख निकाल लिए।

किस तरह के कॉल आते हैं?

  1. हलो…मैं …बैंक से बोल रहा हूं। आपका क्रेडिट कार्ड ब्लॉक हो गया है। अभी आपके पास एक OTP आएगा …वो बताइए
  2. हलो…आपका मोबाइल नंबर लकी ड्रॉ में नंबर वन आया है। आपको 12 लाख की कार इनाम में मिली है। बस आपको 2800 रुपया रजिस्ट्रेशन फी देना है।
  3. हलो…आपके आधार कार्ड को अपडेट करना है…आपके नंबर पर OTP आएगा …वो बताइए

और कितने जामताड़ा?

अकेले दिल्ली में हर साल औसतन 6 हजार विशिंग के मामले दर्ज हो रहे हैं। इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच बंगलुरू में 2103 मामले दर्ज किए गए हैं। 

बंगलुरू- जनवरी से अप्रैल 2020 में ठगी के मामले


दिल्ली से कश्मीर तक ठगी

कश्मीर में ट्रांसफर की वजह से घाटी छोड़ कर जा रहे सैनिकों के नाम से OLX और facebook पर घर के फर्नीचर बेचने के नाम पर फर्जी फोन कॉल के कई मामले सामने आए हैं। मनी ट्रांसफर के नाम पर ठग QR code भेजते हैं, इसे स्कैन करते ही आपके खाते से रकम उस ठग के खाते में ट्रांसफर हो जाती है।

बैंक के कॉल सेंटर के नंबर से ठगी

कुछ ठग गूगल पर search engine optimization करके अपने फर्जी नंबर को इस तरह ऊपर ले आते हैं कि जब आप किसी बैंक के कॉल सेंटर का नंबर गूगल पर सर्च करते हैं तो असली नंबर की जगह फर्जी नंबर सबसे ऊपर आ जाता है। इस नंबर पर फोन करने पर एक महिला बात करती है और फिर एक senior manager को कॉल ट्रांसफर करती है। ये senior manager कस्टमर की परेशानी दूर करने के नाम पर उससे क्रेडिट या डेबिट कार्ड डिटेल्स पता कर उन्हें OTP शेयर करने को तैयार कर लेता है। OTP शेयर करते ही खाते से रकम निकाल ली जाती है।

18 जून को गोआ के पणजी में cyber crime cell ने राजस्थान से चल रहे एक गिरोह को पकड़ा जिन्होंने मापूसा की एक महिला से एटीएम कार्ड को अपडेट करने के नाम पर उसके खाते से 12 लाख निकाल लिए थे।

10 जून को मुंबई के कांदिवली में 59 साल के एक व्यापारी को 17 मिनट में 4 लाख का चूना लग गया। उसे शाम में 5 बजे बैंक ऑफ बड़ौदा के बांद्रा कुर्ला कांप्लेक्स से कथित तौर पर कॉल आया। कहा गया कि आपका क्रेडिट कार्ड रिन्यू होना है। आपके पास अभी एक ओटीपी आएगा वो बता दीजिएगा। उसने ओटीपी बताया तो कहा गया कि ये गलत ओटीपी है। इस तरह उसके पास ओटीपी बताने के 17मिनट में 8 कॉल  आए। उसने हर बार ओटीपी बताया। इसके बाद फोन कट गया। उस व्यापारी ने ये बात अपने बेटे को बताई, बेटे ने SMS चेक किया तो पता चला कि उसके पिता के अकाउंट से 49637 रुपये निकाल लिए गए थे।

चीटिंग के बाद पैसों का क्या होता है?

खाते से रकम निकाल कर ठग इस रकम को पहले Mobikwik या Paytm जैसे e-wallet में जमा करते हैं, इसके बाद यहां से वो अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते हैं।

पुलिस इन्हें कैसे पकड़ती है ?

जिस नंबर के खिलाफ ठगी की शिकायत दर्ज होती है, उस मोबाइल नंबर की टेक्निकल एनालिसिस से कई सुराग मिलते हैं। इसके बाद बारी आती है money trail की। यानी आपके खाते से निकला पैसा जिस e-wallet में और फिर वहां से किसी बैंक खाते में जाता है, उसका पता लगाया जाता है। इसके अलावा ठगी की रकम से की गई खरीदारी से भी पुलिस को सुराग मिलता है।

इन ठगों से कैसे बचें ?

याद रखें बैंक या कार्ड कंपनी कभी आपसे फोन पर आपके अकाउंट डिटेल्स, ओटीपी नंबर नहीं मांगते। ऐसा हर कॉल, हर बार फर्जी ही होता है।

फोन पर कभी किसी को बैंक का पासवर्ड, PIN, CVV औरOTP न बताएं

  क्या होना चाहिए ?

ब्रिटेन की तर्ज पर हमारे यहां Action Fraud जैसी नेशनल रिपोर्टिंग सेंटर हो। इसकी वेबसाइट पर क्या करें, क्या न करें जैसे मशविरे हों।

 इसका प्रचार किया जाए, और घटना की रिपोर्टिंग के लिए जिम्मेदार नागरिक का सर्टिफिकेट दिया जाना चाहिए।

ट्विटर जिस तरह वेरीफाइड यूजर को ब्लू टिक सिंबल देता है, उसी तरह की व्यवस्था मोबाइल कंपनियों को बैंक के नंबर के लिए जारी करना चाहिए। इस तरह अनाम नंबर से आने वाली कॉल को बैंक से आने वाला कॉल नहीं बताया जा सकेगा।

ऑनलाइन कंपनियां अपने सेल्स डाटा को बिग डाटा कंपनियों को बेच देती हैं। एक लाख लोगों के मोबाइल नंबर ठग दो से तीन हजार में ओपन मार्केट में खरीदते हैं, फिर कॉल सेंटर से रैंडम कॉल करते हैं। कई बार उनके पास मोबाइल नंबर यूजर का ओल्ड परचेज डाटा भी होता है, वो उनके मोबाइल नंबर पर कॉल करते हैं, उन्हें पुरानी खरीद का जिक्र कर भरोसा जीतते हैं और फिर बातों –बातों में बैंक डिटेल्स हासिल कर लेते हैं। सरकार को डाटा यूज को लेकर कड़े कानून बनाने चाहिएं, ताकि ठगी के मामले में डाटा सेल के पूरे चेन पर एक्शन हो न कि अकेले ठग पर।

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