जोशीमठ संकट पर PMO की हाई लेवल मीटिंग, इन मुद्दों पर हुई चर्चा
जोशीमठ में भू-धंसाव मामले पर पीएमओ की बैठक में प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव ने स्थिति की समीक्षा की. इसमें उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने जोशीमठ मामले पर पीएमओ को दी जानकारी. बताया कि भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. पीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जोशीमठ मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चिंतित हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से स्थिति का जायजा लिया है और हर संभव मदद का भरोसा दिया है.
उधर, बैठक में बताया गया कि केंद्र सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञ लघु, मध्यम और दीर्घकालिक योजना तैयार करने में राज्य सरकार की सहायता कर रहे हैं. एनडीआरएफ की एक टीम और एसडीआरएफ की चार टीमें पहले ही जोशीमठ पहुंच चुकी हैं. सचिव सीमा प्रबंधन और एनडीएमए के सदस्य कल (9 जनवरी को) उत्तराखंड का दौरा करेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे.
इसमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, आईआईटी रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों की टीम हालात का जायजा लेकर रिपोर्ट पेश करेगी. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बताया गया है कि अब तक 603 मकानों में दरारें आई हैं. इससे प्रभावित 68 परिवारों को अब तक निकाला गया है. हालांकि, सचिव आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि 88 परिवारों को सुरक्षित निकाल लिया गया है.
बता दें कि उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. सुखवीर सिंह संधू ने रविवार को जोशीमठ पहुंचकर भूधंसाव क्षेत्रों का निरीक्षण कर मौजूदा स्थिति का जायजा लिया है. इस दौरान उनके साथ डीजीपी पुलिस अशोक कुमार एवं सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुंदरम भी थे. मुख्य सचिव ने कहा कि देश के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की टीम द्वारा भूधंसाव कारणों का पता लगाया जा रहा है. इसके कारणों का पता लगने पर जो भी ट्रीटमेंट्स आवश्यक होगा वो यहां पर किया जाएगा. तत्कालिक रूप से नागरिकों की सुरक्षा बेहद अहम है. स्थानीय प्रशासन इसके लिए लगातार काम कर रहा है.
उन्होंने स्थानीय नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि किसी भी दशा में रिस्क न लें. ऐसी स्थिति में कभी भी नुकसान ज्यादा हो सकता है. जिला प्रशासन द्वारा जहां पर व्यवस्था की गई है, वहां पर जल्द से जल्द शिफ्ट करें. इस दौरान मुख्य सचिव ने मनोहर बाग, सिंग्धार, मारवाडी स्थित जेपी कंपनी प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया. जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने मुख्य सचिव को आपदा की स्थिति के बारे में अवगत कराया.
गौरतलब है कि जोशीमठ में बड़ा खतरा मंडरा रहा है. जमीन में दरारें आने की वजह से 600 से ज्यादा घर तबाही के कगार पर खड़े हैं. डेंजर जोन में आने वाले इन घरों के लोगों को वहां से निकलने के लिए कहा गया है. इस बीच विशेषज्ञ ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही इस पर कुछ नहीं किया गया तो बड़ी तबाही आ सकती है.
High level meeting of PMO on Joshimath crisis, these issues were discussed