मुझे कोरोना है, ये बात बेटी को कैसे बताऊं?
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मैं टेस्ट सेंटर के बाहर खड़ा हूं…समझ नहीं आ रहा, क्या करूं ?

मेरी बेटी 12 साल की है, टीवी देख-देख कर वो डर गई है, उसे हमेशा अंदेशा रहता है कि पापा बाहर जाते हैं, कभी बीमार पड़ सकते हैं। आज मेरी रिपोर्ट आई है …मैं कोरोना पॉजिटिव हूं….समझ नहीं आ रहा, ये बात बेटी को कैसे बताऊं …कि उसका डर सही साबित हो गया है…
मैं एसिम्टोमैटिक हूं…पत्नी और बेटी का टेस्ट निगेटिव है। मुझे 24 घंटे के अंदर हॉस्पीटल मे एडमिट होना होगा…नहीं तो एंबुलेंस घर आ सकता है। क्या करूं ? क्या मैं बेटी से कहूं कि मुझे कुछ दिन काम से बाहर जाना है, वो ममा का ख्याल रखे?
मैं खुद डरा हुआ हूं, परिवार के लोगों का डर कैसे दूर करूं?
( ये घटना काल्पनिक है )
अभी देश में हर रोज कोरोना के 50 हजार के करीब मामले दर्ज हो रहे हैं। आप देश के किसी राज्य के किसी कोने में हों, आप अपने आस-पास से, घर-मोहल्ले से रोज किसी के कोरोना संक्रमित होने के बारे में सुन रहे हैं। आप अस्पतालों की बदहाली, ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिलने, आईसीयू में दाखिला नहीं मिलने की वजह से हुई मौतों के बारे में रोज अखबार में पढ़ रहे हैं। हममें से किसी ने कभी सोचा नहीं था कि ऐसा दिन आ सकता है, लेकिन आ गया है। जिनके पास पैसा है, कई बार उनका इलाज भी नहीं हो पा रहा, जो गरीब हैं, उनका कहना ही क्या?
कोरोना जब तक दूसरों को हो रहा था, तब तक ये एक डरावनी कहानी थी, लेकिन हर दिन ये हमारे करीब आ रहा है, क्या हमें उस स्थिति के लिए मानसिक तौर पर तैयार होना चाहिए? हम ये नहीं जानते कि कोरोना हमें होगा या नहीं, लेकिन क्या ऐसा कुछ है जो हम पहले से सोच सकते हैं, इस वास्ते तैयारी कर सकते हैं?
अगर मुझे कोरोना हो जाए तो मैं क्या करूं ? कोई किताब नहीं है जिसे पढ़ लूं तो हल मिल जाए। क्या मैं बेटी से झूठ बोलूं ? वो बच्ची है, मूर्ख नहीं है। एक बार झूठ पता चला, तो फिर कभी भरोसा नहीं कर पाएगी…और उसका डर भी ज्यादा बढ़ जाएगा।
सच सुनने से ज्यादा मुश्किल है सच बोलना!
आपके हाथ में रिपोर्ट है, अब आपका घर जाना मुनासिब नहीं। अगर रिपोर्ट दिखाने के बाद आपको डॉक्टर भर्ती होने के लिए कहते हैं तो देर ना करें..जब दिमाग काम करना बंद कर दे, तो जानकार की बात आंख मूंद कर मानने में ही भलाई है। जहां आपको भर्ती किया जाए, वहां भर्ती हो जाएं। अगर आप एसिम्टोमैटिक हैं, तो हो सकता है कि आपसे होम क्वारंटीन के लिए कहा जाए। ऐसे में क्या करें ?
अगर आप शादीशुदा हैं तो अपनी पत्नी से बात करें, उन्हें बताएं-
मेरा रिपोर्ट आ गया है…प़ॉजिटिव है…लेकिन अस्पताल में नहीं रहना है, डाक्टर ने कहा है…घर में रहिए…..कोई चिंता की बात नहीं है…नंबर दिया है..इस पर बात कर सकते हैं अगर तबीयत खराब लगे तो…
अब ज्यादा मुश्किल काम …बेटी से फोन पर बात कीजिए
सच का सामना कीजिए और अपने बेटी को भी सिखाइए। उसे सच बताइए और अपने डर का आपके सामने इजहार करने का मौका दीजिए। हिम्मत या दिलासा दिलाने की जल्दबाजी न करें। उसके सवाल सुनें और धैर्य से जवाब दें। आपका डर उसे और ज्यादा डराएगा। आप चाहे खुद जितना भी डर रहे हों, उसे डरने मत दें।
कोरोना के लिए सावधानी
- कुछ हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां कोरोना का इंश्योरेंस भी दे रही हैं। अगर आपके पास इंश्योरेंस पॉलिसी है तो पता करें कि क्या आप कोरोना के वास्ते इसका टॉप अप रेट क्या है? अगर आप अफोर्ड कर सकते हैं तो इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद लें।
- इलाज के नाम पर अगर आप कुछ रकम अलग कर रख सकते हैं तो रख लें।
- अगर आप हाउसिंग सोसाइटी में रहते हैं तो RWA से बात कर अपनी सोसाइटी में किसी खाली अपार्टमेंट में क्वारंटीन सेंटर बनवाएं।
रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद क्या करें ?
- पिछले दो हफ्ते में जिस किसी से मिले हैं, उनकी लिस्ट तैयार करें, सबको खबर करें और अपने पॉजिटिव होने की बात शेयर करें।
- व्हाट्स एप, टेलीग्राम और फेसबुक पर भी इसकी जानकारी दें, ताकि वो लोग भी खुद को बचाने के बारे मे सोच सकें, जिनका नाम आप याद नहीं कर पा रहे।
अगर मेरी मौत कोरोना से ही होनी है, तो मैं चाहता हूं कि कम से कम मेरी बेटी ये सोचे कि मेरे पापा निडर हैं, उन्होंने बहादुरी से हालात और कोरोना का सामना किया।